हरिद्वार : कुंभ मेले को लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की शुक्रवार को नया उदासीन अखाड़े में अहम बैठक आयोजित की गई. बैठक की अध्यक्षता अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेंद्र गिरि और महामंत्री हरि गिरि ने की. बैठक में सभी तेरह अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. बैठक में सभी अखाड़ों के साधु-संतों ने निर्णय लिया कि 2010 की तर्ज पर ही इस बार के महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा. अखाड़ा परिषद ने कुंभ कार्यों में हो रही देरी को लेकर नाराजगी जताई.
सुस्त कार्यों से नाराज होकर सीएम को भेजा ज्ञापन
कुंभ कार्यों में हो रही देरी को लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने मेला अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजा. अखाड़ा परिषद ने मुख्यमंत्री और मेला अधिकारी को प्रयागराज माघ मेले का निरीक्षण करने के लिए आमंत्रित किया है. उसी की तर्ज पर हरिद्वार कुंभ मेले का आयोजन करने की मांग की है. वहीं, अखाड़ा परिषद ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार कोई व्यवस्था नहीं करती है, तो अखाड़े अपनी तरफ से ही व्यवस्था करना शुरू कर देंगे.
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2010 की तर्ज पर करेंगे कुंभ : नरेंद्र गिरि
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि हरिद्वार में कुंभ 2010 की तर्ज पर ही किया जाएगा. सभी अखाड़ों के आचार्य, महामंडलेश्वर, सभी रामानंदाचार्य, शंकराचार्य और संत-महात्मा कुंभ मेले में हरिद्वार आएंगे. इसकी व्यवस्था सरकार को करनी है. मगर अभी तक कोई भी कार्य शुरू नहीं हुआ है. अभी तक के कार्यों से अखाड़ा परिषद संतुष्ट नहीं है. इसको लेकर हमने मुख्यमंत्री के नाम से ज्ञापन दिया है.
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एक जनवरी को दिया जाता है जमीन का नोटिफिकेशन
उन्होंने कहा कि कुंभ मेला दिव्य और भव्य होगा. कुंभ को लेकर सभी अखाड़ों को एक जनवरी को जमीन देने के लिए नोटिफिकेशन जारी करने की परंपरा है. अगर सरकार द्वारा ऐसा नहीं किया जाता है, तो अखाड़ा परिषद प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और गृह मंत्री से मुलाकात करेगा.
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सरकार को चेतावनी, खुद शुरू कर देंगे काम
वहीं, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरि ने कहा प्राचीन काल से ही अखाड़े कुंभ मेले में अपनी तरफ से व्यवस्था करते थे. सरकार द्वारा अगर कुंभ मेले में अखाड़ों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की जाती है, तो अखाड़े अपनी तरफ से ही बिजली, पानी और टेंट की व्यवस्था करेंगे.