श्रीगनर : केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 और 35A खत्म करने के साथ ही जम्मू-कश्मीर को प्राप्त विशेष राज्य का दर्जा भी खत्म हो गया है. साथ ही जम्मू-कश्मीर को अब दो केंद्र शासित प्रदेशों - जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया गया है.
अब जबकि जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया गया है तो वहां कुछ और अहम बदलाव देखने को मिलेंगे. जिनमें विभागों के नाम बदलने के अलावा, 'राज्य' शब्द का सरकारी फाइलों में उपयोग न होना है.
वहीं, केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद राज्य के विभागों के नाम बदलने की तैयारी जोरों पर है, जिन विभागों का नाम बदले जाने की उम्मीद है, उनमें जम्मू एंड कश्मीर स्टेट विजिलेंस डिपार्टमेंट शामिल है, जिसका नाम बदल कर जम्मू-कश्मीर विजिलेंस डिपार्टमेंट किया जा सकता है.
इलके अलावा जम्मू एंड कश्मीर स्टेट ह्यूमन राइट्स कमीशन का नाम बदल कर जम्मू-कश्मीर ह्यूमन राईट्स कमीशन करने की उम्मीद है.
बता दें कि 31 अक्टूबर के बाद, न केवल विभागों के नाम बदलने की संभावना है, बल्कि राज्य के कानूनों को भी निरस्त कर दिया जाएगा.'
इसके अलावा अब 'स्टेट' शब्द को जम्मू और कश्मीर के विभागों के नामों से हटा दिया जाएगा.
सरकारी सूत्रों ने बताया कि केंद्र के नियंत्रण में आने के बाद यह पहला बदलाव होगा. राज्य को केंद्र-नियंत्रित क्षेत्रों में परिवर्तित करने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. हालांकि. जिन विभागों का नाम बदला जाएगा, उनके कामों में कोई बदलाव हो, इसकी उम्मीद कम ही नजर आती है. यह विभाग पहले की तरह ही काम करेंगे. लेकिन ये सभी विभाग केंद्र की देखरेख में काम करेंगे.
ये भी पढ़ें : जम्मू-कश्मीर के पुंछ में सेना के चॉपर की इमरजेंसी लैंडिंग
इसके अलावा जम्मू और कश्मीर के दो केंद्रीय न्यायालयों को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किया जाएगा.
गौरतलब है कि राज्य में ये बदलाव 31 अक्टूबर से प्रभावी होंगे.