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कोविड-19 : लॉकडाउन के दौरान रक्तदान शिविर भी हो रहे प्रभावित - coronavirus

कोविड-19 महामारी ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से स्वास्थ्य देखभाल तंत्र के प्रभावी वितरण में योगदान देने वाली कई सहायता प्रणालियों को प्रभावित किया है. इनमें से एक रक्तदान शिविर भी है. पढ़ें हमारी खास पेशकश...

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Published : Apr 13, 2020, 11:09 PM IST

हैदराबाद : कोविड-19 महामारी ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से स्वास्थ्य देखभाल तंत्र के प्रभावी वितरण में योगदान देने वाली कई सहायता प्रणालियों को प्रभावित किया है. इनमें से एक रक्तदान शिविर भी है.

लॉकडाउन के बाद से भारत सरकार ने रक्तदान गतिविधियों को कम किया है. इस मुद्दे पर डॉ सुमन जैन ने कुछ रोचक जानकारियां साझा कीं.

हाउसिंग सोसाइटीज ने की यह पहल

हाउसिंग सोसाइटीज ने रक्तदान को लेकर एक बेहतरीन पहल की शुरुआत की है. इन सोसाइटीज के परिसर के भीतर छोटे आकार के दान शिविर आयोजित किए जा रहे हैं.

ऐसे आवासीय परिसरों में 15-20 रक्तदाता इकट्ठा करना आसान है. एक दान शिविर में आमतौर पर कम से कम 50 दाताओं की आवश्यकता होती है, लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए लगभग 20 दाताओं का एक छोटा सा शिविर भी आयोजित किया जा रहा है.

थैलेसीमिया और इसी तरह के रक्त विकारों से पीड़ित मरीजों को बार-बार रक्त की आवश्यकता होती है. इन मरीजों को नियमित रूप से खून देने वाले रक्त बैंकों को हर समय अपने रक्त के भंडार को भरना जरूरी होता है.

डॉ सुमन जैन ने बताया कि कोविड-19 के लिए सरकार द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए व्यक्ति रक्त दान कर सकता है. इसमें सामाजिक दूरी और स्वच्छता का पालन करना बेहद जरूरी है.

उन्होंने बताया कि अगर रक्त दान करने वाला व्यक्ति पिछले कुछ दिनों से बुखार, सर्दी और खांसी से पीड़ित हो तो उसे रक्त दान नहीं करने दिया जाता है.

रक्त दान करने से पहले दाता से उसके स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं की भी जानकारी मांगी जाती है. इसके साथ ही उसके पिछले एक महीने की उन सभी सभाओं की जानकारी ली जाती है जिनमें वह उपस्थिति रहा हो.

रक्त दान की करनी होगी अपील

ब्लड बैंक को पहली बार थैलेसीमिया रोगियों को रक्तदाताओं से समय पर रक्त दान करने की अपील करने का अनुरोध करना होगा. उनके इस अनुरोध को बेहतर तरीके से सम्मानित किया जाएगा.

यह एक खतरनाक स्थिति है लेकिन समय पर रक्त दान सुनिश्चित करने के लिए ब्लड बैंक को इसका सहारा लेना होगा. इच्छुक रक्त दाता बल्ड बैंक के अधिकारियों से अनुमति लेकर रक्त दान कर सकते हैं.

थैलेसीमिया के रोगियों को भी ब्लड बैंक तक पहुंचने के लिए अनुमति प्रदान की जा रही है. तेलंगाना सरकार ने थैलेसीमिया मरीजों को निर्बाध सेवाएं प्रदान करने के लिए ब्लड बैंकों को हर स्तर पर सहायता का आश्वासन दिया है.

मोबाइल ऐप से की गई नई पहल

डॉ सुमन जैन ने कहा कि ब्लड बैंकों को दाता के परिवाहन का खास ध्यान रखाना होगा, जिससे उन्हें किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो. उन्होंने बताया कि मुंबई में एक पहल की गई है, जिसके माध्यम से एक मोबाइल ऐप के जरिए निकटतम ब्लड बैंक का स्थान पता किया जा सकता है.

इसके जरिए व्यक्ति दान के समय को पूर्व निर्धारित कर सकता है, जिससे प्रतीक्षा का समय और जोखिम में कटौती होगी.

- डॉ. सुमन जैन, एमबीबीएस, डीसीएच

मुख्य चिकित्सा अनुसंधान अधिकारी व सचिव,

थैलेसीमिया और सिकल सेल सोसायटी

हैदराबाद : कोविड-19 महामारी ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से स्वास्थ्य देखभाल तंत्र के प्रभावी वितरण में योगदान देने वाली कई सहायता प्रणालियों को प्रभावित किया है. इनमें से एक रक्तदान शिविर भी है.

लॉकडाउन के बाद से भारत सरकार ने रक्तदान गतिविधियों को कम किया है. इस मुद्दे पर डॉ सुमन जैन ने कुछ रोचक जानकारियां साझा कीं.

हाउसिंग सोसाइटीज ने की यह पहल

हाउसिंग सोसाइटीज ने रक्तदान को लेकर एक बेहतरीन पहल की शुरुआत की है. इन सोसाइटीज के परिसर के भीतर छोटे आकार के दान शिविर आयोजित किए जा रहे हैं.

ऐसे आवासीय परिसरों में 15-20 रक्तदाता इकट्ठा करना आसान है. एक दान शिविर में आमतौर पर कम से कम 50 दाताओं की आवश्यकता होती है, लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए लगभग 20 दाताओं का एक छोटा सा शिविर भी आयोजित किया जा रहा है.

थैलेसीमिया और इसी तरह के रक्त विकारों से पीड़ित मरीजों को बार-बार रक्त की आवश्यकता होती है. इन मरीजों को नियमित रूप से खून देने वाले रक्त बैंकों को हर समय अपने रक्त के भंडार को भरना जरूरी होता है.

डॉ सुमन जैन ने बताया कि कोविड-19 के लिए सरकार द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए व्यक्ति रक्त दान कर सकता है. इसमें सामाजिक दूरी और स्वच्छता का पालन करना बेहद जरूरी है.

उन्होंने बताया कि अगर रक्त दान करने वाला व्यक्ति पिछले कुछ दिनों से बुखार, सर्दी और खांसी से पीड़ित हो तो उसे रक्त दान नहीं करने दिया जाता है.

रक्त दान करने से पहले दाता से उसके स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं की भी जानकारी मांगी जाती है. इसके साथ ही उसके पिछले एक महीने की उन सभी सभाओं की जानकारी ली जाती है जिनमें वह उपस्थिति रहा हो.

रक्त दान की करनी होगी अपील

ब्लड बैंक को पहली बार थैलेसीमिया रोगियों को रक्तदाताओं से समय पर रक्त दान करने की अपील करने का अनुरोध करना होगा. उनके इस अनुरोध को बेहतर तरीके से सम्मानित किया जाएगा.

यह एक खतरनाक स्थिति है लेकिन समय पर रक्त दान सुनिश्चित करने के लिए ब्लड बैंक को इसका सहारा लेना होगा. इच्छुक रक्त दाता बल्ड बैंक के अधिकारियों से अनुमति लेकर रक्त दान कर सकते हैं.

थैलेसीमिया के रोगियों को भी ब्लड बैंक तक पहुंचने के लिए अनुमति प्रदान की जा रही है. तेलंगाना सरकार ने थैलेसीमिया मरीजों को निर्बाध सेवाएं प्रदान करने के लिए ब्लड बैंकों को हर स्तर पर सहायता का आश्वासन दिया है.

मोबाइल ऐप से की गई नई पहल

डॉ सुमन जैन ने कहा कि ब्लड बैंकों को दाता के परिवाहन का खास ध्यान रखाना होगा, जिससे उन्हें किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो. उन्होंने बताया कि मुंबई में एक पहल की गई है, जिसके माध्यम से एक मोबाइल ऐप के जरिए निकटतम ब्लड बैंक का स्थान पता किया जा सकता है.

इसके जरिए व्यक्ति दान के समय को पूर्व निर्धारित कर सकता है, जिससे प्रतीक्षा का समय और जोखिम में कटौती होगी.

- डॉ. सुमन जैन, एमबीबीएस, डीसीएच

मुख्य चिकित्सा अनुसंधान अधिकारी व सचिव,

थैलेसीमिया और सिकल सेल सोसायटी

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