ETV Bharat / bharat

यौन उत्पीड़न से बच्चों को सावधान करेगी आईआईटी की किट - children sexual awareness kit

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने IIT कानपुर मदद से एक ऐसी किट तैयार की है कि जिसके जरिए किशोरों को यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार के प्रति जागरुक किया जा सकेगा, ताकि वो अपनी सुरक्षा स्वयं कर सकें. पढ़ें पूरी खबर.......

सांकेतिक चित्र, NCPCR
author img

By

Published : Aug 17, 2019, 5:41 PM IST

Updated : Sep 27, 2019, 7:37 AM IST

नई दिल्ली: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने आईआईटी कानपुर के साथ तालमेल से बच्चों के बीच यौन और दुर्व्यवहार के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक किट विकसित की है.

इस किट के जरिए बच्चों को निजी सुरक्षा, खुद का सम्मान करने, अपराध बोध से बाहर आने के बारे में बताया जाएगा. एनसीपीसीआर की 38 वीं बैठक के ब्यौरे के मुताबिक, यौन उत्पीड़न के प्रति जागरूकता बढाने के लिए और बच्चों के बीच संवाद स्थापित करने के लिए कार्यशाला में शिक्षक या एनजीओ इस किट का इस्तेमाल कर सकते हैं.

यह किट कार्ड, पोस्टर, छोटे एनिमेशन क्लिप और गेम्स आदि का संग्रह है.

पढ़ें-POCSO कानून का प्रभावी क्रियान्वयन करें राज्य, जनप्रतिनिधि भी करें सहयोग: NCPCR

आयोग ने कहा कि बच्चों के बीच शारीरिक या मनोवैज्ञानिक शोध पर आधारित किट की सामग्री के माध्यम से बच्चों को जागरूक बनाया जाएगा. इसका मुख्य उद्देश्य अबोध बच्चों को यौन उत्पीड़न को लेकर सावधान और सजग बनाना है ताकि समय रहते वे स्वयं को इससे बचा सकें.

इस किट के इस्तेमाल से आठ साल से 12 साल के उम्र के बच्चों और एक सत्र में 30-35 छात्रों के समूह को जागरूक करमे में किया जा सकता है. इसमें अध्यापक और कार्यशाला आयोजित करने वालों के लिए निर्देश, पठन सामग्री और वीडियो सामग्री भी है.

केंद्रीय मनोचिकित्सा संस्थान रांची के मनोविज्ञानी कार्यशाला किट की जांच कर रहे हैं और उनके सुझाव के आधार पर इसे संशोधित किट तैयार कीया जाएगा.

नई दिल्ली: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने आईआईटी कानपुर के साथ तालमेल से बच्चों के बीच यौन और दुर्व्यवहार के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक किट विकसित की है.

इस किट के जरिए बच्चों को निजी सुरक्षा, खुद का सम्मान करने, अपराध बोध से बाहर आने के बारे में बताया जाएगा. एनसीपीसीआर की 38 वीं बैठक के ब्यौरे के मुताबिक, यौन उत्पीड़न के प्रति जागरूकता बढाने के लिए और बच्चों के बीच संवाद स्थापित करने के लिए कार्यशाला में शिक्षक या एनजीओ इस किट का इस्तेमाल कर सकते हैं.

यह किट कार्ड, पोस्टर, छोटे एनिमेशन क्लिप और गेम्स आदि का संग्रह है.

पढ़ें-POCSO कानून का प्रभावी क्रियान्वयन करें राज्य, जनप्रतिनिधि भी करें सहयोग: NCPCR

आयोग ने कहा कि बच्चों के बीच शारीरिक या मनोवैज्ञानिक शोध पर आधारित किट की सामग्री के माध्यम से बच्चों को जागरूक बनाया जाएगा. इसका मुख्य उद्देश्य अबोध बच्चों को यौन उत्पीड़न को लेकर सावधान और सजग बनाना है ताकि समय रहते वे स्वयं को इससे बचा सकें.

इस किट के इस्तेमाल से आठ साल से 12 साल के उम्र के बच्चों और एक सत्र में 30-35 छात्रों के समूह को जागरूक करमे में किया जा सकता है. इसमें अध्यापक और कार्यशाला आयोजित करने वालों के लिए निर्देश, पठन सामग्री और वीडियो सामग्री भी है.

केंद्रीय मनोचिकित्सा संस्थान रांची के मनोविज्ञानी कार्यशाला किट की जांच कर रहे हैं और उनके सुझाव के आधार पर इसे संशोधित किट तैयार कीया जाएगा.

Intro:Body:



यौन उत्पीड़न से बच्चों को सावधान करेगी आईआईटी की किट



नई दिल्ली: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने आईआईटी कानपुर के साथ तालमेल से बच्चों के बीच यौन दुर्व्यवहार के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक किट विकसित की है। इस किट के जरिए बच्चों को निजी सुरक्षा, खुद का सम्मान करने, अपराध बोध से बाहर आने के बारे में बताया जाएगा। 



एनसीपीसीआर की 38 वीं बैठक के ब्यौरे के मुताबिक, यौन उत्पीड़न के प्रति जागरूकता बढाने के लिए बच्चों के बीच संवाद आधारित कार्यशाला में शिक्षक या एनजीओ इस किट का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह किट कार्ड, पोस्टर, छोटे एनिमेशन क्लिप और गेम्स आदि का संग्रह है। 







आयोग ने कहा कि बच्चों के बीच शारीरिक या मनोवैज्ञानिक शोध पर आधारित किट की सामग्री के माध्यम से बच्चों को जागरूक बनाया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य अबोध बच्चों को यौन उत्पीड़न को लेकर सावधान और सजग बनाना है ताकि समय रहते वे स्वयं को इससे बचा सकें।







आठ साल से 12 साल के उम्र के बच्चों और एक सत्र में 30-35 छात्रों के समूह की कक्षा में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें अध्यापक और कार्यशाला आयोजित करने वालों के लिए निर्देश, पठन सामग्री और वीडियो सामग्री है। 







केंद्रीय मनोचिकित्सा संस्थान रांची के मनोविज्ञानी कार्यशाला किट की जांच कर रहे हैं और उनके सुझाव के आधार पर संशोधित किट तैयार की जाएगी। 






 




Conclusion:
Last Updated : Sep 27, 2019, 7:37 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.