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जाधव मामले में ICJ भारत के दूसरे अनुरोध पर विचार करेगा: पूर्व राजनयिक

कुलभूषण जाधव मामले में ICJ आज फैसला सुनाएगा. मामले पर पूर्व राजनयिक और वियना में काम कर चुके अचल मल्होत्रा ने अपने विचार दिए. ICJ अपना निर्णय देते समय भारत के दूसरे अनुरोध पर विचार करेगा.

पूर्व राजनयिक अचल मल्होत्रा.
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Published : Jul 17, 2019, 6:27 PM IST

Updated : Jul 17, 2019, 7:44 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से जुड़े मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) अपना फैसला सुनाएगा. अदालत ने जाधव की फांसी पर रोक लगाई है. इस मामले पर पूर्व राजनयिक अचल मल्होत्रा ने दावा किया कि ICJ भारत के दूसरे अनुरोध पर विचार कर पाकिस्तान सैन्य अदालत के 2017 के फैसले को रद्द कर सकता है.

जानकारी देते पूर्व राजनयिक अचल मल्होत्रा.

आपको बता दें कि भारत ने ICJ से अपने पहले अनुरोध में पाकिस्तान सैन्य अदालत के 2017 के फैसले को रद्द करने की मांग की थी. यही नहीं भारत ने पूर्व नौसैनिक जाधव की रिहाई के साथ उसको भारत वापस भेजने की भी मांग की थी. जिसपर पूर्व राजनयिक ने कहा कि यह मुम्किन नहीं है. हालांकि, इस बात की संभावना है कि ICJ अपना निर्णय देते समय भारत के दूसरे अनुरोध पर विचार करेगा.

पढें-कुलभूषण जाधव मामले में आज फैसला सुनाएगी अंतरराष्ट्रीय अदालत

अचल मल्होत्रा ने दावा किया था, 'मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि ICJ पाकिस्तान सैन्य अदालत के 2017 के फैसले को रद्द कर देगा. नागरिक अदालत में मुकदमा चलेगा और जाधव को काउंसलर प्रदान किया जाएगा. क्योंकि यही उचित लगता है.'

पाकिस्तान आईसीजे के फैसले को नजरअंदाज कर सकता है, इस सवाल पर मल्होत्रा ​​ने कहा कि इसकी संभावना बेहद कम है. क्योंकि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति अभी नाजुक है और उसपर अंतरराष्ट्रीय दबाव भी है. आपको बता दें कि पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने उसकी जमीन पर पल रहे आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्यवाई करने के लिए अक्टूबर तक की समयसीमा दी है.

नई दिल्ली: भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से जुड़े मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) अपना फैसला सुनाएगा. अदालत ने जाधव की फांसी पर रोक लगाई है. इस मामले पर पूर्व राजनयिक अचल मल्होत्रा ने दावा किया कि ICJ भारत के दूसरे अनुरोध पर विचार कर पाकिस्तान सैन्य अदालत के 2017 के फैसले को रद्द कर सकता है.

जानकारी देते पूर्व राजनयिक अचल मल्होत्रा.

आपको बता दें कि भारत ने ICJ से अपने पहले अनुरोध में पाकिस्तान सैन्य अदालत के 2017 के फैसले को रद्द करने की मांग की थी. यही नहीं भारत ने पूर्व नौसैनिक जाधव की रिहाई के साथ उसको भारत वापस भेजने की भी मांग की थी. जिसपर पूर्व राजनयिक ने कहा कि यह मुम्किन नहीं है. हालांकि, इस बात की संभावना है कि ICJ अपना निर्णय देते समय भारत के दूसरे अनुरोध पर विचार करेगा.

पढें-कुलभूषण जाधव मामले में आज फैसला सुनाएगी अंतरराष्ट्रीय अदालत

अचल मल्होत्रा ने दावा किया था, 'मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि ICJ पाकिस्तान सैन्य अदालत के 2017 के फैसले को रद्द कर देगा. नागरिक अदालत में मुकदमा चलेगा और जाधव को काउंसलर प्रदान किया जाएगा. क्योंकि यही उचित लगता है.'

पाकिस्तान आईसीजे के फैसले को नजरअंदाज कर सकता है, इस सवाल पर मल्होत्रा ​​ने कहा कि इसकी संभावना बेहद कम है. क्योंकि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति अभी नाजुक है और उसपर अंतरराष्ट्रीय दबाव भी है. आपको बता दें कि पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने उसकी जमीन पर पल रहे आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्यवाई करने के लिए अक्टूबर तक की समयसीमा दी है.

Intro:Talking about the prospects and possibilities of the verdict that can be given by the ICJ in the Kulbhushan Jadhav case, former diplomat Achal Malhotra who had also served in Vienna claimed that International Court of Justice may pay heed to India's second request and annul the Pakistan Military Court's 2017 verdict which sentenced Jadhav to death.


Body:On India's first request to the ICJ in which it not only demanded quashing of the Pakistan Military Court's 2017 verdict but also safe release and repatriation of the former Indian naval officer, the former diplomat called it maximalist.

Elaborating his point further, he said, 'the International Court of Justice may find it difficult to accede to this demand as the court has no merits to look into these allegations.'

Though he claimed that there is a high possibility that ICJ might consider India's second request while pronouncing its verdict.


Conclusion:'I personally feel that ICJ will annul Pakistan military court's 2017 verdict. A trial will take place in the civilian court and Jadhav will be provided a counselor access. As this seems more reasonable', claimed former diplomat Achal Malhotra.

On whether, Pakistan might ignore ICJ's verdict, Achal Malhotra called it an highly unlikely prospect. He emphasised on the fragile economic state of Pakistan and the international pressure its dealing with right now. He also talked about Financial Action Task Force's October deadline to take credible action against terror emanating from its soil.

Last Updated : Jul 17, 2019, 7:44 PM IST
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