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कुलभूषण जाधव केस : ICJ में 17 जुलाई को सुनाया जाएगा फैसला

भारत के कुलभूषण जाधव का केस हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (ICJ) कोर्ट में लंबित है. कुलभूषण फिलहाल पाक की जेल में बंद हैं. सूत्रों के मुताबिक ICJ कुलभूषण जाधव के केस में इस महीने के अंत तक सुना सकता है. जानें क्या है पूरा मामला

कुलभूषण जाधव ( फाइल फोटो )
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Published : Jul 4, 2019, 10:56 PM IST

Updated : Jul 5, 2019, 12:05 AM IST

नई दिल्ली: कुलभूषण भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी रह चुके हैं. पाकिस्तान का आरोप है कि वे जासूस हैं. इस मामले के भारत-पाकिस्तान के बीच सबसे बड़ा कूटनीतिक मुद्दा बताया जा रहा है. लगभग पांच महीने पहले हुई सुनवाई के बाद ICJ इस केस में 17 जुलाई को फैसला सुना सकता है.

ICJ ने आज जारी एक बयान में कहा कि हेग के 'पीस पैलेस' में 17 जुलाई को फैसला सुनाया जाएगा. बयान के मुताबिक भारतीय समयानुसार शाम साढ़े छह बजे सार्वजनिक बैठक होगी. इस दौरान अदालत के प्रमुख न्यायाधीश अब्दुलकावी अहमद यूसुफ फैसला पढकर सुनाएंगे.

बता दें कि भारतीय नौसेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी कुलभूषण जाधव को अप्रैल 2017 में कथित जासूसी के लिए पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी.

जानकारी देते ईटीवी भारत संवाददाता

कुलभूषण मामले का संक्षिप्त घटनाक्रम

  • 48 साल के जाधव के खिलाफ पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने फांसी की सजा सुनाई.
  • पाक ने कुलभूषण जाधव से राजनयिकों को मिलने की अनुमति नहीं दी.
  • इसके बाद भारत पाकिस्तान द्वारा राजनयिक संबंधों पर वियना संधि, 1963 के प्रावधानों के ‘खुले उल्लंघन’ का आरोप लगाया.
  • भारत ने पाक के फैसले के खिलाफ आठ मई, 2017 में ICJ में अपील की.
  • पाकिस्तान के उन आरोपों को भारत ने खारिज कर दिया था, जिसमें ये कहा गया था कि जाधव एक जासूस है.
  • कुलभूषण के बारे में भारत ने कहा था कि उनका ईरान से अपहरण कर, उसकी इच्छा के खिलाफ पाकिस्तान ले जाया गया था.

बता दें कि कुलभूषण के केस में विगत फरवरी महीने में अंतरराष्ट्रीय अदालत (ICJ) में सुनवाई हुई थी. इसमें पाकिस्तान ने भारत पर आरोप लगाए थे. पाक ने कहा था कि कुलभूषण जाधव उसकी धरती पर आतंकी और विध्वंसक गतिविधि में संलिप्त था, जो कि 'भारतीय नीति की वास्तविक अभिव्यक्ति है.'

पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर खान ने कहा, '1947 से ही भारत, पाकिस्तान को बर्बाद करने की नीति चला रहा है. पिछले कुछ वर्षो में यह कई रूपों और अभिव्यक्तियों के जरिए परिलक्षित हुई है.'

अनवर मंसूर खान ने कहा कि जाधव का नाम एफआईआर में उसकी गतिविधियों के लिए उसकी न्यायिक स्वीकारोक्ति से पहले से है.

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पाक में परिजनों से मिलने के दौैरान कुलभूषण

ICJ में पाक का पक्ष रखते हुए अनवर मंसूर खान ने कहा कि 'जाधव ने पाकिस्तान में अराजकता के लिए बम विस्फोट किए, अपहरण व अन्य गैर कानूनी काम किए.' उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑन रिकार्ड पानी को पाकिस्तान के विरुद्ध हथियार के रूप में प्रयोग करने की बात कही है.

पढ़ें- ICJ: जाधव मामले पर साल्वे ने किया पाक को बेनकाब

इससे एक दिन पहले भारत के वकील हरीश साल्वे ने पाकिस्तान पर निशाना साधा था. साल्वे ने कहा था कि जाधव के मुकदमे में कोई सही प्रक्रिया नहीं अपनाई गई, इसलिए उसे तत्काल रिहा किया जाना चाहिए.

साल्वे ने अपनी दलील में कहा था कि पाकिस्तान ने 1963 की वियना संधि व अन्य प्रोटोकोल का गंभीरता से उल्लंघन किया है. भारत ने पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा जासूसी के एक कथित मामले में मृत्युदंड दिए गए जाधव से दूतावास के संपर्क किए जाने पर भी जोर दिया. भारत ने पाकिस्तान पर 13 बार स्मरण कराए जाने के बावजूद उनको राजनयिक संपर्क नहीं देने का आरोप लगाया.

अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत नीदरलैंड के द हेग स्थित ‘पीस पैलेस’ में संचालित होता है. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की जिस अदालत में कुलभूषण जाधव का केस है, इसके अध्यक्ष अब्दुलकावी अहमद यूसुफ हैं.

अदालत के समक्ष दलील देते हुए हरीश साल्वे ने कहा था कि बैगर दूतावास की पहुंच के जाधव की लगातार हिरासत को अवैध घोषित किया जाए, और अदालत द्वारा उनकी रिहाई का आदेश दिया जाए.

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पाक में परिजनों से मिलने के दौैरान कुलभूषण

साल्वे ने कहा, 'अन्य बातों पर विचार करने के साथ-साथ इस बात पर गौर किया जाए कि उनको तीन साल तक मानसिक आघात दिया गया है. न्याय के हक में और मानवाधिकार को हकीकत बनाते हुए अदालत को उनकी रिहाई का आदेश देना चाहिए.' उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान इसे प्रचार के औजार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है.

साल्वे ने कहा, 'मुझे खुद गर्व है कि मैं यहां एक निर्दोष भारतीय को बचाने के लिए भारत का पक्ष रख रहा हूं. भारत के पक्ष का जो आधार है उसमें पहला मसला वियना संधि की रचना से संबंधित है, क्योंकि दूतावास की पहुंच की अनुमति नहीं दी गई है.'

गौरतलब है कि साल्वे भारत के पूर्व सॉलीस्टिर जनरल रह चुके हैं. उन्होंने अपनी तीन घंटे की प्रस्तुति के दौरान कहा था कि जासूसी के लिए जाधव को हिरासत में रखना 'गैर-कानूनी' है.

इससे पहले आईसीजे की 10 सदस्यीय पीठ ने 18 मई, 2017 को एक फैसला सुनाया था. ICJ ने अंतिम फैसला आने तक जाधव की फांसी पर रोक लगाई थी. इस बहुचर्चित मामले में आईसीजे ने 18 से 21 फरवरी, 2019 तक सुनवाई पूरी करने की समयसीमा तय की थी.

नई दिल्ली: कुलभूषण भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी रह चुके हैं. पाकिस्तान का आरोप है कि वे जासूस हैं. इस मामले के भारत-पाकिस्तान के बीच सबसे बड़ा कूटनीतिक मुद्दा बताया जा रहा है. लगभग पांच महीने पहले हुई सुनवाई के बाद ICJ इस केस में 17 जुलाई को फैसला सुना सकता है.

ICJ ने आज जारी एक बयान में कहा कि हेग के 'पीस पैलेस' में 17 जुलाई को फैसला सुनाया जाएगा. बयान के मुताबिक भारतीय समयानुसार शाम साढ़े छह बजे सार्वजनिक बैठक होगी. इस दौरान अदालत के प्रमुख न्यायाधीश अब्दुलकावी अहमद यूसुफ फैसला पढकर सुनाएंगे.

बता दें कि भारतीय नौसेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी कुलभूषण जाधव को अप्रैल 2017 में कथित जासूसी के लिए पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी.

जानकारी देते ईटीवी भारत संवाददाता

कुलभूषण मामले का संक्षिप्त घटनाक्रम

  • 48 साल के जाधव के खिलाफ पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने फांसी की सजा सुनाई.
  • पाक ने कुलभूषण जाधव से राजनयिकों को मिलने की अनुमति नहीं दी.
  • इसके बाद भारत पाकिस्तान द्वारा राजनयिक संबंधों पर वियना संधि, 1963 के प्रावधानों के ‘खुले उल्लंघन’ का आरोप लगाया.
  • भारत ने पाक के फैसले के खिलाफ आठ मई, 2017 में ICJ में अपील की.
  • पाकिस्तान के उन आरोपों को भारत ने खारिज कर दिया था, जिसमें ये कहा गया था कि जाधव एक जासूस है.
  • कुलभूषण के बारे में भारत ने कहा था कि उनका ईरान से अपहरण कर, उसकी इच्छा के खिलाफ पाकिस्तान ले जाया गया था.

बता दें कि कुलभूषण के केस में विगत फरवरी महीने में अंतरराष्ट्रीय अदालत (ICJ) में सुनवाई हुई थी. इसमें पाकिस्तान ने भारत पर आरोप लगाए थे. पाक ने कहा था कि कुलभूषण जाधव उसकी धरती पर आतंकी और विध्वंसक गतिविधि में संलिप्त था, जो कि 'भारतीय नीति की वास्तविक अभिव्यक्ति है.'

पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर खान ने कहा, '1947 से ही भारत, पाकिस्तान को बर्बाद करने की नीति चला रहा है. पिछले कुछ वर्षो में यह कई रूपों और अभिव्यक्तियों के जरिए परिलक्षित हुई है.'

अनवर मंसूर खान ने कहा कि जाधव का नाम एफआईआर में उसकी गतिविधियों के लिए उसकी न्यायिक स्वीकारोक्ति से पहले से है.

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पाक में परिजनों से मिलने के दौैरान कुलभूषण

ICJ में पाक का पक्ष रखते हुए अनवर मंसूर खान ने कहा कि 'जाधव ने पाकिस्तान में अराजकता के लिए बम विस्फोट किए, अपहरण व अन्य गैर कानूनी काम किए.' उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑन रिकार्ड पानी को पाकिस्तान के विरुद्ध हथियार के रूप में प्रयोग करने की बात कही है.

पढ़ें- ICJ: जाधव मामले पर साल्वे ने किया पाक को बेनकाब

इससे एक दिन पहले भारत के वकील हरीश साल्वे ने पाकिस्तान पर निशाना साधा था. साल्वे ने कहा था कि जाधव के मुकदमे में कोई सही प्रक्रिया नहीं अपनाई गई, इसलिए उसे तत्काल रिहा किया जाना चाहिए.

साल्वे ने अपनी दलील में कहा था कि पाकिस्तान ने 1963 की वियना संधि व अन्य प्रोटोकोल का गंभीरता से उल्लंघन किया है. भारत ने पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा जासूसी के एक कथित मामले में मृत्युदंड दिए गए जाधव से दूतावास के संपर्क किए जाने पर भी जोर दिया. भारत ने पाकिस्तान पर 13 बार स्मरण कराए जाने के बावजूद उनको राजनयिक संपर्क नहीं देने का आरोप लगाया.

अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत नीदरलैंड के द हेग स्थित ‘पीस पैलेस’ में संचालित होता है. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की जिस अदालत में कुलभूषण जाधव का केस है, इसके अध्यक्ष अब्दुलकावी अहमद यूसुफ हैं.

अदालत के समक्ष दलील देते हुए हरीश साल्वे ने कहा था कि बैगर दूतावास की पहुंच के जाधव की लगातार हिरासत को अवैध घोषित किया जाए, और अदालत द्वारा उनकी रिहाई का आदेश दिया जाए.

etv bharat
पाक में परिजनों से मिलने के दौैरान कुलभूषण

साल्वे ने कहा, 'अन्य बातों पर विचार करने के साथ-साथ इस बात पर गौर किया जाए कि उनको तीन साल तक मानसिक आघात दिया गया है. न्याय के हक में और मानवाधिकार को हकीकत बनाते हुए अदालत को उनकी रिहाई का आदेश देना चाहिए.' उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान इसे प्रचार के औजार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है.

साल्वे ने कहा, 'मुझे खुद गर्व है कि मैं यहां एक निर्दोष भारतीय को बचाने के लिए भारत का पक्ष रख रहा हूं. भारत के पक्ष का जो आधार है उसमें पहला मसला वियना संधि की रचना से संबंधित है, क्योंकि दूतावास की पहुंच की अनुमति नहीं दी गई है.'

गौरतलब है कि साल्वे भारत के पूर्व सॉलीस्टिर जनरल रह चुके हैं. उन्होंने अपनी तीन घंटे की प्रस्तुति के दौरान कहा था कि जासूसी के लिए जाधव को हिरासत में रखना 'गैर-कानूनी' है.

इससे पहले आईसीजे की 10 सदस्यीय पीठ ने 18 मई, 2017 को एक फैसला सुनाया था. ICJ ने अंतिम फैसला आने तक जाधव की फांसी पर रोक लगाई थी. इस बहुचर्चित मामले में आईसीजे ने 18 से 21 फरवरी, 2019 तक सुनवाई पूरी करने की समयसीमा तय की थी.

Intro:The big diplomatic showdown between India and Pakistan in the Kulbhushan Jadhav case is all set to reach its culmination. Sources have told ETV Bharat that International Court of Justice is likely to deliver verdict in the case by the end of this month.


Body:Kulbhushan Jadhav, a retired Indian Navy officer was sentenced to death by Pakistan's military court for alleged espionage in April 2017.

After this, India moved to the International Court of Justice where 10-member stopped Pakistan from executing Jadhav tell until the case adjudicated on.


Conclusion:Throughout the case India had rejected Pakistan's charges that Jadhav was a spy rather it had stated that he was abducted from Iran and taken to Pakistan against his will.
Last Updated : Jul 5, 2019, 12:05 AM IST
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