नई दिल्ली : ईरान से 58 भारतीय नागरिकों को लेकर भारतीय वायुसेना का सी-17 ग्लोबमास्टर मंगलवार को पूर्वाह्न स्वदेश लौटा. यह विमान ईरान में फंसे भारतीयों नागरिकों को वापस लाने के लिए सोमवार की रात 8.30 बजे रवाना हुआ था. सी-17 ग्लोबमास्टर विंग कमांडर कैप्टन करन कपूर के नतृत्व में श्रद्धालुओं को लेकर हिंडन एयरबेस पर उतरा. इसपर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्वीट करके कहा कि एक मिशन पूरा हो गया है, अब अगले की तैयारी है.
भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने बताया कि ईरान से भारत लाए गए लोगों को हिंडन में ही अलग रखा जाएगा. वायुसेना ने उनका इलाज करने के लिए उचित इंतजाम किए हैं.
इससे पहले विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने ट्वीट करके ईरान में भारतीय दूतावास, वहां कार्य कर रही मेडिकल टीम और वायुसेना को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि वह ईरान में फंसे भारतीय लोगों को वापस ले आने के लिए कार्य कर रहे हैं.
गौरतलब है कि ईरान में कोरोना वायरस से 200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जबकि करीब छह हजार लोग इससे संक्रमित हैं. वहां करीब दो हजार भारतीय हैं.
कोरोना वायरस की वजह से ईरान में भारतीय छात्रों समेत कई लोग फंसे हुए हैं. उन्हें लाने के लिए यह विमान ईरान भेजा गया था.
इस बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दिन में श्रीनगर का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने ईरान में फंसे छात्रों और लोगों के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें आश्वासन दिया कि फंसे लोगों को जल्द से जल्द ईरान से लाया जाएगा.
कोरोना वायरस से प्रभावित देशों में शामिल ईरान से भारतीयों को वापस लाने के लिए वहां के अधिकारियों के साथ भारत सरकार बातचीत कर रही है. साथ ही इस वायरस से संदिग्ध रूप से संक्रमित 300 भारतीयों के लार के नमूने लेकर तेहरान से एक विमान गत शुक्रवार को दिल्ली आया. कोरोना वायरस के प्रसार के मद्देनजर पिछले महीने भारत ने ईरान से आने वाली उड़ानें निलंबित कर दीं थीं. ईरानी एयरलाइन दिल्ली और मुंबई के लिए हफ्ते में तीन उड़ानें परिचालित करती हैं.
बता दें कि,भारतीय वायुसेना के परिवहन विमान को सोमवार को ईरान भेजा गया था ताकि कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित देश में फंसे भारतीयों को वापस लाया जा सके.
ईरान में करीब दो हजार भारतीय रह रहे हैं, जहां पिछले कुछ दिनों में कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है.
तीन दिन पहले महान एयरलाइन का एक विमान 300 भारतीयों के स्वाब का नूमना ईरान से लेकर भारत आया था.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय पहले ईरान में रहने वाले भारतीयों की कोरोना वायरस की जांच के लिए एक प्रयोगशाला स्थापित करने वाला था. बहरहाल, साजो सामान के मुद्दों के कारण इस योजना को रद कर दिया गया.
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