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एससी गर्ग बोले- बिजली सचिव बनना खुशी का विषय, इसमें है ढेरों चुनौतियां और संभावनाएं

पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग को बिजली विभाग में स्थानातंरित किए जाने के बाद वीआरएस के लिए आवेदन दिया है. वह तीन महीने नोटिस पर रहेंगे. यह नौकरी से हटने की सेवा शर्तों के तहत अनिवार्य है. उन्होंने इस दौरान कहा कि उन्हें बिजली विभाग में काम करके खुशी होगी.

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Published : Jul 26, 2019, 6:53 PM IST

Updated : Jul 26, 2019, 10:06 PM IST

एससी गर्ग (बिजली सचिव)

नई दिल्ली: वरिष्ठ नौकरशाह एवं पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने शुक्रवार को नये बिजली सचिव का पदभार ग्रहण कर लिया. उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का आवेदन भी दिया है. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी बात रखी.

सुभाष चंद्र गर्ग (सचिव)
एस गर्ग ने कहा कि उन्हें खुशी है कि वे ऊर्जा मंत्रालय में बिजली सचिव का पदभार ग्रहण किया है. गर्ग ने कहा कि वे बिजली सचिव बनकर काफी खुश हैं क्योंकि इस मंत्रालय में ढेर सारी चुनौतियां हैं और अवसर भी. वास्तव में 2024-25 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने कि दिशा में बिजली क्षेत्र की बड़ी भूमिका हो सकती है. मैंने 24 जुलाई को वीआरएस के लिए आवेदन दिया था.

बता दें कि वीआरएस देने के बाद गर्ग तीन महीने नोटिस पर रहेंगे. यह नौकरी से हटने की सेवा शर्तों के तहत अनिवार्य है.

शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बात करते हुए उन्होंने कहा कि वितरण, सुधार, स्थिरता उनके सर्वोच्च प्राथिमिकता में शामिल है.

गर्ग वित्त मंत्रालय के सबसे वरिष्ठ अधिकारी थे. उन्हें बुधवार को बिजली मंत्रालय में भेज दिया गया. इसके बाद उन्होंने बृहस्पतिवार को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का आवेदन देने की घोषणा की.

गर्ग ने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया, 'आर्थिक मामलों के विभाग की जिम्मेदारी सौंप दी. वित्त मंत्रालय और आर्थिक मामलों के विभाग में काफी कुछ सीखा. बिजली मंत्रालय में कल (शुक्रवार को) कार्यभार संभालूंगा. भारतीय प्रशासनिक सेवा से 31 अक्टूबर से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिये भी आवेदन किया.'

गर्ग ने शुक्रवार को मीडिया से संवाद करते हुए कई बातें शेयर कीं.

वह आर्थिक मामलों के विभाग के प्रभारी रहे और उन्हें वित्त सचिव नामित किया गया था. हालांकि, आश्चर्यजनक तरीके से बुधवार को जारी एक आदेश के तहत उन्हें बिजली सचिव बना दिया गया.

आर्थिक मामलों के सचिव के रूप में वह राजकोषीय नीति और आरबीआई संबंधित मामलों के प्रभारी थे. केंद्रीय बजट तैयार करने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही.

राजस्थान कैडर के 1983 बैच के आईएएस अधिकारी गर्ग 2014 में विश्वबैंक के कार्यकारी निदेशक बनने के बाद चर्चा में आये. वह 2017 तक वहां रहे. उसके बाद उन्हें जून, 2017 में आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव बनाया गया.
बिजली मंत्रालय में स्थानांतरण के बाद वित्त सचिव गर्ग ने मांगा वीआरएस

भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के वरिष्ठ अधिकारी सुभाष चंद्र गर्ग ने महत्वपूर्ण माने जाने वाले वित्त मंत्रालय से बिजली मंत्रालय में स्थानातंरित किये जाने के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) के लिये

सरकार को आवेदन दिया. उन्होंने कहा कि 31 अक्टूबर सिविल सेवा में उनका आखिरी दिन होगा.
सबसे वरिष्ठ नौकरशाह

वित्त मंत्रालय में 58 वर्षीय गर्ग सबसे वरिष्ठ नौकरशाह थे. वह आर्थिक मामलों के विभाग के प्रभारी रहे और उन्हें वित्त सचिव नामित किया गया था. हालांकि, आश्चर्यजनक तरीके से बुधवार को जारी एक आदेश के तहत उन्हें बिजली सचिव बना दिया गया.

उन्होंने बृहस्पतिवार की सुबह वीआरएस के लिये आवेदन दिया. वह तीन महीने नोटिस पर रहेंगे. यह नौकरी से हटने की सेवा शर्तों के तहत अनिवार्य है.

गर्ग ने ट्विटर पर लिखा, 'आर्थिक मामलों के विभाग की जिम्मेदारी सौंप दी. वित्त मंत्रालय और आर्थिक मामलों के विभाग में काफी कुछ सीखा. बिजली मंत्रालय में कल कार्यभार संभालूंगा. भारतीय प्रशासनिक सेवा से 31 अक्टूबर से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिये भी आवेदन किया.'

अतनु चक्रवर्ती को कार्यभार सौंपने के बाद उनका ट्वीट आया. चक्रवर्ती ने उनका स्थान लिया. वह पहले निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) में थे.

नॉर्थ ब्लॉक से निकलते समय गर्ग ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘तीन महीने का नोटिस देने की जरूरत थी. इसीलिए मैंने नोटिस दिया.’’ नॉर्थ ब्लॉक में वित्त मंत्रालय का दफ्तर है.

आर्थिक मामलों के सचिव के रूप में वह राजकोषीय नीति और आरबीआई संबंधित मामलों के प्रभारी थे. केंद्रीय बजट तैयार करने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही. साथ ही वह देश के पहले सरकारी बांड को विदेश में बेचने की योजना को देख रहे थे.

कुछ लोगों ने सरकारी बांड विदेशों में जारी करने की आलोचना की थी. इसमें आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य रथिन रॉय और केंद्रीय बैंक के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन शामिल हैं.
वित्त मंत्रालय में उनके कार्यकाल को सरकार तथा आरबीआई के बीच कटु संबंधों के लिये जाना जाएगा.

वित्त मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया है कि केंद्रीय बैंक को कर्ज नियमों को सरल बनाना चाहिए तथा अतिरिक्त पूंजी भंडार में कुछ हिस्सा सरकार को हस्तांतरित करना चाहिए.
वह रिजर्व बैंक की अतिरिक्त पूंजी सरकार को हस्तांतरित करने के बारे में विचार करने के लिये गठित समिति से भी जुड़े थे.

वित्त मंत्रालय से गर्ग को अपेक्षाकृत हल्के माने जाने बिजली विभाग में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट को संसद की मंजूरी से जुड़ी प्रक्रिया पूरी होने के बाद भेजा गया.
अगर उन्होंने वीआरएस के लिये आवेदन नहीं किया होता, तो वह अक्टूबर 2020 में 60 साल की उम्र पूरी करने के बाद सेवानिवृत्त होते.

राजस्थान कैडर के 1983 बैच के आईएएस अधिकारी

राजस्थान कैडर के 1983 बैच के आईएएस अधिकारी गर्ग 2014 में विश्वबैंक के कार्यकारी निदेशक बनने के बाद चर्चा में आये. वह वहां 2017 तक रहे.

उसके बाद उन्हें जून, 2017 में आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव बनाया गया. मार्च, 2019 में ए एन झा के सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें वित्त सचिव बनाया गया.

इससे पहले, सरकार ने अक्टूबर, 2014 में तत्कालीन वित्त सचिव अरविंद मायाराम को पर्यटन मंत्रालय में भेजा था.

पढ़ें: एनआरसी के अंतिम मसौदे से पहले धोखाधड़ी


वित्त मंत्रालय में चली आ रही परंपरा के मुताबिक मंत्रालय के पांच सचिवों में से जो भी सबसे वरिष्ठ होता है उसे वित्त सचिव नामित किया जाता है.

नई दिल्ली: वरिष्ठ नौकरशाह एवं पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने शुक्रवार को नये बिजली सचिव का पदभार ग्रहण कर लिया. उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का आवेदन भी दिया है. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी बात रखी.

सुभाष चंद्र गर्ग (सचिव)
एस गर्ग ने कहा कि उन्हें खुशी है कि वे ऊर्जा मंत्रालय में बिजली सचिव का पदभार ग्रहण किया है. गर्ग ने कहा कि वे बिजली सचिव बनकर काफी खुश हैं क्योंकि इस मंत्रालय में ढेर सारी चुनौतियां हैं और अवसर भी. वास्तव में 2024-25 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने कि दिशा में बिजली क्षेत्र की बड़ी भूमिका हो सकती है. मैंने 24 जुलाई को वीआरएस के लिए आवेदन दिया था.

बता दें कि वीआरएस देने के बाद गर्ग तीन महीने नोटिस पर रहेंगे. यह नौकरी से हटने की सेवा शर्तों के तहत अनिवार्य है.

शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बात करते हुए उन्होंने कहा कि वितरण, सुधार, स्थिरता उनके सर्वोच्च प्राथिमिकता में शामिल है.

गर्ग वित्त मंत्रालय के सबसे वरिष्ठ अधिकारी थे. उन्हें बुधवार को बिजली मंत्रालय में भेज दिया गया. इसके बाद उन्होंने बृहस्पतिवार को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का आवेदन देने की घोषणा की.

गर्ग ने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया, 'आर्थिक मामलों के विभाग की जिम्मेदारी सौंप दी. वित्त मंत्रालय और आर्थिक मामलों के विभाग में काफी कुछ सीखा. बिजली मंत्रालय में कल (शुक्रवार को) कार्यभार संभालूंगा. भारतीय प्रशासनिक सेवा से 31 अक्टूबर से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिये भी आवेदन किया.'

गर्ग ने शुक्रवार को मीडिया से संवाद करते हुए कई बातें शेयर कीं.

वह आर्थिक मामलों के विभाग के प्रभारी रहे और उन्हें वित्त सचिव नामित किया गया था. हालांकि, आश्चर्यजनक तरीके से बुधवार को जारी एक आदेश के तहत उन्हें बिजली सचिव बना दिया गया.

आर्थिक मामलों के सचिव के रूप में वह राजकोषीय नीति और आरबीआई संबंधित मामलों के प्रभारी थे. केंद्रीय बजट तैयार करने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही.

राजस्थान कैडर के 1983 बैच के आईएएस अधिकारी गर्ग 2014 में विश्वबैंक के कार्यकारी निदेशक बनने के बाद चर्चा में आये. वह 2017 तक वहां रहे. उसके बाद उन्हें जून, 2017 में आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव बनाया गया.
बिजली मंत्रालय में स्थानांतरण के बाद वित्त सचिव गर्ग ने मांगा वीआरएस

भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के वरिष्ठ अधिकारी सुभाष चंद्र गर्ग ने महत्वपूर्ण माने जाने वाले वित्त मंत्रालय से बिजली मंत्रालय में स्थानातंरित किये जाने के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) के लिये

सरकार को आवेदन दिया. उन्होंने कहा कि 31 अक्टूबर सिविल सेवा में उनका आखिरी दिन होगा.
सबसे वरिष्ठ नौकरशाह

वित्त मंत्रालय में 58 वर्षीय गर्ग सबसे वरिष्ठ नौकरशाह थे. वह आर्थिक मामलों के विभाग के प्रभारी रहे और उन्हें वित्त सचिव नामित किया गया था. हालांकि, आश्चर्यजनक तरीके से बुधवार को जारी एक आदेश के तहत उन्हें बिजली सचिव बना दिया गया.

उन्होंने बृहस्पतिवार की सुबह वीआरएस के लिये आवेदन दिया. वह तीन महीने नोटिस पर रहेंगे. यह नौकरी से हटने की सेवा शर्तों के तहत अनिवार्य है.

गर्ग ने ट्विटर पर लिखा, 'आर्थिक मामलों के विभाग की जिम्मेदारी सौंप दी. वित्त मंत्रालय और आर्थिक मामलों के विभाग में काफी कुछ सीखा. बिजली मंत्रालय में कल कार्यभार संभालूंगा. भारतीय प्रशासनिक सेवा से 31 अक्टूबर से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिये भी आवेदन किया.'

अतनु चक्रवर्ती को कार्यभार सौंपने के बाद उनका ट्वीट आया. चक्रवर्ती ने उनका स्थान लिया. वह पहले निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) में थे.

नॉर्थ ब्लॉक से निकलते समय गर्ग ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘तीन महीने का नोटिस देने की जरूरत थी. इसीलिए मैंने नोटिस दिया.’’ नॉर्थ ब्लॉक में वित्त मंत्रालय का दफ्तर है.

आर्थिक मामलों के सचिव के रूप में वह राजकोषीय नीति और आरबीआई संबंधित मामलों के प्रभारी थे. केंद्रीय बजट तैयार करने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही. साथ ही वह देश के पहले सरकारी बांड को विदेश में बेचने की योजना को देख रहे थे.

कुछ लोगों ने सरकारी बांड विदेशों में जारी करने की आलोचना की थी. इसमें आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य रथिन रॉय और केंद्रीय बैंक के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन शामिल हैं.
वित्त मंत्रालय में उनके कार्यकाल को सरकार तथा आरबीआई के बीच कटु संबंधों के लिये जाना जाएगा.

वित्त मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया है कि केंद्रीय बैंक को कर्ज नियमों को सरल बनाना चाहिए तथा अतिरिक्त पूंजी भंडार में कुछ हिस्सा सरकार को हस्तांतरित करना चाहिए.
वह रिजर्व बैंक की अतिरिक्त पूंजी सरकार को हस्तांतरित करने के बारे में विचार करने के लिये गठित समिति से भी जुड़े थे.

वित्त मंत्रालय से गर्ग को अपेक्षाकृत हल्के माने जाने बिजली विभाग में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट को संसद की मंजूरी से जुड़ी प्रक्रिया पूरी होने के बाद भेजा गया.
अगर उन्होंने वीआरएस के लिये आवेदन नहीं किया होता, तो वह अक्टूबर 2020 में 60 साल की उम्र पूरी करने के बाद सेवानिवृत्त होते.

राजस्थान कैडर के 1983 बैच के आईएएस अधिकारी

राजस्थान कैडर के 1983 बैच के आईएएस अधिकारी गर्ग 2014 में विश्वबैंक के कार्यकारी निदेशक बनने के बाद चर्चा में आये. वह वहां 2017 तक रहे.

उसके बाद उन्हें जून, 2017 में आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव बनाया गया. मार्च, 2019 में ए एन झा के सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें वित्त सचिव बनाया गया.

इससे पहले, सरकार ने अक्टूबर, 2014 में तत्कालीन वित्त सचिव अरविंद मायाराम को पर्यटन मंत्रालय में भेजा था.

पढ़ें: एनआरसी के अंतिम मसौदे से पहले धोखाधड़ी


वित्त मंत्रालय में चली आ रही परंपरा के मुताबिक मंत्रालय के पांच सचिवों में से जो भी सबसे वरिष्ठ होता है उसे वित्त सचिव नामित किया जाता है.

Intro:New Delhi: A day after the Voluntary Retirement Scheme (VRS) proposal of newly appointed Union Power Secretary Subhas Chandra Garg made the headlines, the 1983 batch IAS officer on Friday claimed that he was happy to assume the charge as power secretary.


Body:"I am happy to be the new power secretary. This ministry has so many challenges and at the same time it has so many opportunities. In fact, power sector could definitely play a big role in making India $5 trillion economy by 2024-25," said Garg immediately after taking charge as India's New power secretary.

In a stunning move, the cabinet committee on appointment on Wednesday carried a major bureaucratic reshuffle at the Centre. The 1983 batch IAS officer of Rajasthan cadre, Garg has been shifted to power ministry from Union Finance Ministry.

It is speculated that the move to transfer him as Power Secretary is sort of a demotion. Garg's junior and 1984 batch IAS officer of Assam Meghalaya cadre Ajay Kumar Bhalla has been appointed as an Officer on Special Duty (OSD) at the Home Ministry for one month, before he takes over the charge as the coveted post of Home Secretary.

"For government all bureaucrat are same. It is the prerogative of the PMO to take the final call. But I am happy to be the power secretary," claimed Garg.

He claimed that after having a talk with PMO over his VRS, Garg has submitted his application in July 24.

In fact, after the bureaucratic reshuffle that was carried on Wednesday, Garg through his Twitter handle on Thursday has announced about his move of taking VRS.


Conclusion:Garg said that power ministry has a lot to contribute for country's development.

"Distributions, reforms, stability are some of the priority areas that I will concentrate," said Garg.

end.
Last Updated : Jul 26, 2019, 10:06 PM IST
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