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हैदराबाद : कोरोना मरीजों को बेहतर सेवाएं देने के लिए जूझ रहा गांधी अस्पताल

तेलंगाना में कोविड-19 के गंभीर मरीजों का इलाज केवल राजधानी हैदराबाद के गांधी अस्पताल में ही हो रहा है. अन्य सरकारी अस्पताल सहायक भूमिका निभा रहे हैं और गंभीर मरीजों को गांधी अस्पताल जाने के लिए निर्देशित कर रहे हैं. ऐसे में कोविड-19 के मरीजों को सही समय में सही उपचार प्राप्त करना मुश्किल हो रहा है.

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Published : Jul 18, 2020, 7:43 PM IST

hyderabad Gandhi Hospital
अच्छी सेवा देने के लिए जूझ रहा गांधी अस्पताल

हैदराबाद : 3.5 करोड़ से अधिक अबादी वाले तेलंगाना में राजधाी हैदराबाद का गांधी अस्पताल एकमात्र सरकारी अस्पताल है, जो कोरोना पीड़ितों को पूर्ण उपचार दे रहा है. दूसरे सरकारी अस्पताल केवल सहायक भूमिका निभा रहे हैं. कोई कम लक्षण वाला मरीज गांधी अस्पताल जाता है तो अस्पताल प्रबंधन उसे घरेलू उपचार की सलाह दे रहे हैं. वहीं दूसरे सरकारी अस्पताल भी मरीजों को गांधी अस्पताल जाने के लिए निर्देशित कर रहे हैं. ऐसे में कोविड-19 के मरीजों को सही समय में सही उपचार प्राप्त करना मुश्किल हो रहा है.

गांधी अस्पताल को सरकार द्वारा पूर्ण उपचार सुविधा के रूप में पुनर्निर्मित किया गया है, ताकि यह एक समय में लगभग 2000 मरीजों को इलाज मिल सके. राज्य सरकार ने शहर में बहुत से अन्य छोटे और बड़े सरकारी अस्पतालों बनाए है. ताकि आपातकालीन उपचार प्रदान किया जा सके. गांधी अस्पताल के डॉक्टर केवल उन्हीं मरीजों को अस्पताल में भर्ती करते हैं. जिनके स्वास्थ्य की स्थिति गंभीर है या बिगड़ रही है. पीड़ितों को चिंता हो रही है कि लक्षण कम होने पर भी सांस लेने में कठिनाई होती है, तब घरों में ऑक्सीजन कैसे मिलेगी.

गांधी अस्पताल के डॉक्टर राजाराव का कहना है, 'हम गंभीर लक्षणों वाले मरीजों के लिए आपातकालीन उपचार प्रदान कर रहे हैं. हम केवल हल्के लक्षणों वाले मरीजों को घर पर इलाज करने के लिए भेज रहे हैं.'

चेस्ट हॉस्पिटल के डॉ. महबूब खान कहते हैं, 'हम मरीजों के लिए तत्काल चिकित्सा उपलब्ध करा रहे हैं. यदि मरीज कोरोना संक्रमित मिलते हैं तो हम उन्हें गांधी अस्पताल रेफर करते हैं.'

पढ़ें : 24 घंटे में 34,884 नए पॉजिटिव, अब तक 6.53 लाख से ज्यादा स्वस्थ

हैदराबाद के अन्य सरकारी अस्पतालों की स्थिति

  • निम्स : कोरोना उपचार और सेवा केवल डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों को दी जा रही है. यहां सामान्य नागरिकों और मरीजों का इलाज नहीं किया जा रहा है.
  • उस्मानिया : कोरोना पीड़ितों के लिए केवल 60 बेड आवंटित किए गए हैं. यहां केवल कम या हल्के लक्षणों वाले मरीजों का इलाज किया जा रहा है.
  • टीआईएमएस : चिकित्सा सेवाएं आधिकारिक तौर पर एक सप्ताह पहले गच्चीबावली के टीआईएमएस में शुरू हुई थीं. अस्पताल में 1200 से 1500 बेड तैयार हैं.
  • आयुर्वेद, नेचरक्योर, सरोजिनी देवी अस्पताल : सामान्य लक्षण वाले मरीजों के लिए अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड है. ऑक्सीजन और अन्य आपातकालीन उपचार के लिए गांधी अस्पताल रेफर किया जा रहा है.
  • चेस्ट, फीवर, किंग-कोटि अस्पताल : चेस्ट हॉस्पिटल में 250 बेड रखे गए हैं और ये संदिग्ध पॉजिटिव मरीजों से भरे पड़े हैं. इनमें पॉजिटिव पाए जाने वाले मरीजों को गांधी अस्पताल भेजा जा रहा है.

कमोबेश यही हालत शहर के अन्य अस्पतालों की भी है.

हैदराबाद : 3.5 करोड़ से अधिक अबादी वाले तेलंगाना में राजधाी हैदराबाद का गांधी अस्पताल एकमात्र सरकारी अस्पताल है, जो कोरोना पीड़ितों को पूर्ण उपचार दे रहा है. दूसरे सरकारी अस्पताल केवल सहायक भूमिका निभा रहे हैं. कोई कम लक्षण वाला मरीज गांधी अस्पताल जाता है तो अस्पताल प्रबंधन उसे घरेलू उपचार की सलाह दे रहे हैं. वहीं दूसरे सरकारी अस्पताल भी मरीजों को गांधी अस्पताल जाने के लिए निर्देशित कर रहे हैं. ऐसे में कोविड-19 के मरीजों को सही समय में सही उपचार प्राप्त करना मुश्किल हो रहा है.

गांधी अस्पताल को सरकार द्वारा पूर्ण उपचार सुविधा के रूप में पुनर्निर्मित किया गया है, ताकि यह एक समय में लगभग 2000 मरीजों को इलाज मिल सके. राज्य सरकार ने शहर में बहुत से अन्य छोटे और बड़े सरकारी अस्पतालों बनाए है. ताकि आपातकालीन उपचार प्रदान किया जा सके. गांधी अस्पताल के डॉक्टर केवल उन्हीं मरीजों को अस्पताल में भर्ती करते हैं. जिनके स्वास्थ्य की स्थिति गंभीर है या बिगड़ रही है. पीड़ितों को चिंता हो रही है कि लक्षण कम होने पर भी सांस लेने में कठिनाई होती है, तब घरों में ऑक्सीजन कैसे मिलेगी.

गांधी अस्पताल के डॉक्टर राजाराव का कहना है, 'हम गंभीर लक्षणों वाले मरीजों के लिए आपातकालीन उपचार प्रदान कर रहे हैं. हम केवल हल्के लक्षणों वाले मरीजों को घर पर इलाज करने के लिए भेज रहे हैं.'

चेस्ट हॉस्पिटल के डॉ. महबूब खान कहते हैं, 'हम मरीजों के लिए तत्काल चिकित्सा उपलब्ध करा रहे हैं. यदि मरीज कोरोना संक्रमित मिलते हैं तो हम उन्हें गांधी अस्पताल रेफर करते हैं.'

पढ़ें : 24 घंटे में 34,884 नए पॉजिटिव, अब तक 6.53 लाख से ज्यादा स्वस्थ

हैदराबाद के अन्य सरकारी अस्पतालों की स्थिति

  • निम्स : कोरोना उपचार और सेवा केवल डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों को दी जा रही है. यहां सामान्य नागरिकों और मरीजों का इलाज नहीं किया जा रहा है.
  • उस्मानिया : कोरोना पीड़ितों के लिए केवल 60 बेड आवंटित किए गए हैं. यहां केवल कम या हल्के लक्षणों वाले मरीजों का इलाज किया जा रहा है.
  • टीआईएमएस : चिकित्सा सेवाएं आधिकारिक तौर पर एक सप्ताह पहले गच्चीबावली के टीआईएमएस में शुरू हुई थीं. अस्पताल में 1200 से 1500 बेड तैयार हैं.
  • आयुर्वेद, नेचरक्योर, सरोजिनी देवी अस्पताल : सामान्य लक्षण वाले मरीजों के लिए अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड है. ऑक्सीजन और अन्य आपातकालीन उपचार के लिए गांधी अस्पताल रेफर किया जा रहा है.
  • चेस्ट, फीवर, किंग-कोटि अस्पताल : चेस्ट हॉस्पिटल में 250 बेड रखे गए हैं और ये संदिग्ध पॉजिटिव मरीजों से भरे पड़े हैं. इनमें पॉजिटिव पाए जाने वाले मरीजों को गांधी अस्पताल भेजा जा रहा है.

कमोबेश यही हालत शहर के अन्य अस्पतालों की भी है.

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