नई दिल्ली: केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बुधवार को राजधानी में 'हुनर हाट' का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि हुनर हाट एक बहुत बड़ा मंच है. जो बाजार और कारीगरों को मास्टर बनाने के अवसर प्रदान करता है. जो इन स्वदेशी हस्तनिर्मित उत्पादों को तैयार करते हैं. वहीं दूर-दराज से आए दुकानदारों ने भी अच्छी बिक्री की उम्मीद जताई है. बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी में 11 से 22 नवंबर तक 'हुनर हाट' का आयोजन किया जा रहा है.
दूर-दराज से आए दुकानदारों ने जताई उम्मीद
हुनर हाट में दुकान लगाने आए दुकानदारों ने भी अच्छी बिक्री की उम्मीद जताई है. ईटीवी भारत से बात करते हुए उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद के रहने वाले शाहिद ने कहा कि हुनर हाट में मैंने ग्लास टॉयज की दुकान लगाई है. उन्होंने कहा, 'मैं और मेरे पिता चूड़ी कार्यशाला में एक मजदूर थे और उसी से मैंने अपना खुद का काम शुरू करने का सोचा था. कांच से खिलौने बनाना सीखा और कुछ समय के भीतर ही मैंने मुनाफा भी कमाना शुरू कर दिया था.
शाहिद ने कहा कि मुझे कहीं से हुनर हाट की जानकारी हुई. इस प्लेटफॉर्म के जरिए मैंने अपने प्रोडक्ट की बिक्री भी शुरू कर दी थी, लेकिन कोरोना के चलते वह सब बंद हो गया.
दुकानदारों ने बयां किया कोरोना काल का दर्द
हुनर हाट में दुकान लगाने आए शाहिद ने कहा कि पिछले कुछ महीने बेहद दर्दनाक थे और हमने इस व्यवसाय को बंद करने का भी सोचा, लेकिन अब जैसे-जैसे चीजें बेहतर हो रही हैं, हमें फिर से अपने उत्पादों को बेचने का मौका मिला है. मुझे आशा है कि मैं जल्द ही अपने नुकसान की भरपाई करने में सक्षम हो जाऊंगा.
हुनर हाट से बेच सकेंगे अपने प्रोडक्ट
वहीं, लद्दाख के रहने वाले निसार अली की हुनर हाट में पश्मीना कपड़े की एक दुकान है. ईटीवी भारत से बात करते हुए निसार ने कहा कि लॉकडाउन के बाद हमें कारोबार में भारी समस्या का सामना करना पड़ा था, हम निर्मित वस्तुओं को बेच नहीं पा रहे थे. कारखानों में पहले से ही पुराने स्टॉक भरे पड़े हैं. छह-सात महीने में निर्मित कपड़ों का स्टॉक बेचा नहीं गया है.
उन्होंने कहा कि आम दिनों में हम आमतौर पर लद्दाख आने वाले पर्यटकों को अपने उत्पाद बेचते हैं, लेकिन कोरोना वायरस के कारण कोई भी यात्रा नहीं कर रहा है. मैंने अपनी आजीविका को चलाने और अपने उत्पादों को बेचने के लिए हुनर हाट में आने का सोचा.
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हुनर हाट में लगे 100 से अधिक स्टॉल
हुनर हाट में 100 से अधिक स्टॉल लगे हैं, जैसे असम के सूखे फूल, आंध्र प्रदेश से पोचमपल्ली इक्कत, बिहार से मूंगा सिल्क, मधुबनी पेंटिंग और कृत्रिम आभूषण, उत्तर प्रदेश से कांच के खिलौने; लद्दाख से पश्मीना शॉल आदि 'हुनर हाट' में बिक्री के लिए उपलब्ध हैं. यह हुनर हाट पीतमपुरा में दिल्ली हाट में लगा है.