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गरीबी के कारण मां अपने बच्चों को नहीं दे सकी तो इन्होंने उठाई जिम्मेदारी

केरल में एक गरीब मां द्वारा अपने चार बच्चों का भरण पोषण करने में असमर्थता जताने के बाद बाल कल्याण समिति ने उनकी जिम्मेदारी ली है. महिला ने CWC को लिखे एक पत्र में यह बात कही. पढ़ें पूरी खबर...

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CWC अधिकारी
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Published : Dec 3, 2019, 10:48 AM IST

Updated : Dec 3, 2019, 8:03 PM IST

तिरुवनंतपुरम : गरीबी से परेशान एक मां ने बाल कल्याण समिति (CWC ) को पत्र लिखकर अपने चार बच्चों का भरण पोषण करने में असमर्थता जताई. इसके बाद समिति ने चारों बच्चों के पालन पोषण की स्वयं जिम्मेदारी ले ली.

महिला ने पत्र में लिखा था कि उसका पति नशा करता है और वह अपने बच्चों को भोजन मुहैया कराने में भी असमर्थ है. उसने यह भी कहा था कि एक बार एक बच्चे ने भूख के कारण कीचड़ खा लिया था.

वीडियो

पढ़ें-उत्तराखंड : देखभाल न कर पाने की वजह से नाबालिग बहनों ने की डेढ़ साल के मासूम की हत्या

पत्र मिलने के बाद सीडब्ल्यूसी के सदस्य परिवार के अस्थायी घर पहुंचे और बच्चों का संरक्षण अपने हाथ में ले लिया है.

आठ लोगों का यह परिवार तिरपाल से बने घर में पिछले सात साल से रह रहा है. परिवार में महिला, उसका शराबी पति और उसके छह बच्चे हैं.

महिला के दो छोटे बच्चों में एक तीन माह का और एक ढेढ़ साल का है. उनकी परवरिश के लिए मां की मौजूदगी जरूरी है, लिहाजा उन्हें महिला के साथ छोड़ दिया गया है. हालांकी अगर जरुरत पड़ती है तो CWC उनकी भी जिम्मेदारी ले लेगी.

फिलहाल अम्माथोट्टिल (Ammathottil) में भर्ति कराया गया है, जहां उन्हें शिक्षा सहित सभी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी. बता दें कि 18 वर्ष की आयु तक CWC की देखरेख में रहेंगे.

अम्माथोट्टिल, केरल सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल है, जिसके तहत जरूरमंद बच्चों की देखभाल और उनको सुविधाएं प्रदान की जाती हैं.

तिरुवनंतपुरम : गरीबी से परेशान एक मां ने बाल कल्याण समिति (CWC ) को पत्र लिखकर अपने चार बच्चों का भरण पोषण करने में असमर्थता जताई. इसके बाद समिति ने चारों बच्चों के पालन पोषण की स्वयं जिम्मेदारी ले ली.

महिला ने पत्र में लिखा था कि उसका पति नशा करता है और वह अपने बच्चों को भोजन मुहैया कराने में भी असमर्थ है. उसने यह भी कहा था कि एक बार एक बच्चे ने भूख के कारण कीचड़ खा लिया था.

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पत्र मिलने के बाद सीडब्ल्यूसी के सदस्य परिवार के अस्थायी घर पहुंचे और बच्चों का संरक्षण अपने हाथ में ले लिया है.

आठ लोगों का यह परिवार तिरपाल से बने घर में पिछले सात साल से रह रहा है. परिवार में महिला, उसका शराबी पति और उसके छह बच्चे हैं.

महिला के दो छोटे बच्चों में एक तीन माह का और एक ढेढ़ साल का है. उनकी परवरिश के लिए मां की मौजूदगी जरूरी है, लिहाजा उन्हें महिला के साथ छोड़ दिया गया है. हालांकी अगर जरुरत पड़ती है तो CWC उनकी भी जिम्मेदारी ले लेगी.

फिलहाल अम्माथोट्टिल (Ammathottil) में भर्ति कराया गया है, जहां उन्हें शिक्षा सहित सभी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी. बता दें कि 18 वर्ष की आयु तक CWC की देखरेख में रहेंगे.

अम्माथोट्टिल, केरल सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल है, जिसके तहत जरूरमंद बच्चों की देखभाल और उनको सुविधाएं प्रदान की जाती हैं.

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गरीब मां ने अपने चार बच्चों का भरण पोषण करने में जताई असमर्थता, सीडब्ल्यूसी ने ली जिम्मेदारी

तिरुवनंतपुरम : गरीबी से परेशान एक मां ने बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) को पत्र लिखकर अपने चार बच्चों का भरण पोषण करने में असमर्थता जताई जिसके बाद समिति ने चारों बच्चों के पालन पोषण की सोमवार को स्वयं जिम्मेदारी ले ली.

महिला ने पत्र में लिखा था कि उसका पति नशा करता है और वे अपने बच्चों को भोजन मुहैया कराने में भी असमर्थ हैं. उसने यह भी कहा था कि एक बार एक बच्चे ने भूख के कारण कीचड़ खा लिया था.

पत्र मिलने के बाद सीडब्ल्यूसी के सदस्य परिवार के अस्थायी घर पहुंचे और बच्चों का संरक्षण अपने हाथ में ले लिया.


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Last Updated : Dec 3, 2019, 8:03 PM IST
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