नई दिल्ली : भारत में कोविड -19 के सक्रिय मामलों की संख्या बढ़ रही है. डब्ल्यूएचओ (वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन) के अनुसार प्रारंभिक चरण में परीक्षण और वायरस का पता लगाने से विश्व स्तर पर इससे निपटने में मदद मिल सकती है. देश भर के सरकारी संस्थानों में COVID-19 नमूनों के परीक्षण के लिए शहर/क्षेत्रीय समूहों को एक हब एंड स्पोक मॉडल में स्थापना की गई है.
हेल्थकेयर सिस्टम के इस मॉडल में सबसे पहले एक मेन कैंपस निर्माण किया जाता है फिर उसमें संसाधनों का निवेश किया जाता है. फिर उस कैंपस में काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मी चिकित्सा सेवाओं की आपूर्ति कराते हैं. फिर मेन कैंपस से अन्य जगहों पर सेवा पहुंचाई जाती है.
संस्थान और प्रयोगशालाएं जिनके पास नमूना संग्रह, हैंडलिंग / प्रसंस्करण (बीएसएल -2 सुविधा) और परीक्षण (आरटी-पीसीआर) दोनों के लिए क्षमता और विशेषज्ञता है वो हब के रूप में काम करते हैं और इनमें कई प्रयोगशालाएं शामिल हैं जिनमें आरटी. पीसीआर मशीनें और अपेक्षित जनशक्ति हैं.
हब सरकारी प्रयोगशालाएं हैं जिन्हें आईसीएमआर दिशानिर्देशों के अनुसार संबंधित मंत्रालयों / विभागों (डीबीटी (डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी)) डीएसटी (डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी), सीएसआईआर, डीएई, डीआरडीओ, आईसीएआर आदि द्वारा अनुमोदित किया जाता है. अब तक बैंगलोर, दिल्ली / NCR, हैदराबाद, तिरुवनंतपुरम, चंडीगढ़ / मोहाली, भुवनेश्वर, नागपुर, पुणे, मुंबई, लखनऊ, चेन्नई, कोलकाता, उत्तर पूर्वी क्षेत्र, जम्मू में 19 शहर / क्षेत्रीय क्लस्टर स्थापित किए गए हैं.
लगभग 100 संस्थानों को शामिल किया गया है और 1,60,000 से अधिक नमूनों का परीक्षण किया गया है. सात DBT स्वायत्त संस्थानों को ICMR द्वारा हब के रूप में अनुमोदित किया गया है और वे COVID-19 (RGCB, THSTI, ILS, inStem, NCCS, CDFD, NIBMG) के निदान के लिए परीक्षण कर रहे हैं.
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इसके अलावा, वे परीक्षण के लिए नमूने प्राप्त करने के लिए संबंधित राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और अपने परीक्षण परिणामों पर आईसीएमआर को हर दिन रिपोर्ट कर रहे हैं. लगभग 4 सप्ताह में सामूहिक रूप से, इन समूहों ने लगभग 1,70,000 परीक्षण किए हैं. ये क्लस्टर अब अगले 4 हफ्तों में लगभग 50 की संख्या तक पहुंच जाएंगे और दूरदराज तक इनकी पहुंच होगी.