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लॉकडाउन : आइसोलेशन के दौरान मानसिक स्वास्थ्य का ऐसे रखें ध्यान

दुनियाभर से आ रही कोरोना वायरस की खबरें, लॉकडाउन के दौरान आने वाली कई चुनौतियां ऐसी हैं, जिनसे कैसे निपटना है यह बड़ा सवाल है. इनमें आपका तनाव भी शामिल है. ऐसे में ग्लोबल मेंटल हेल्थ के विशेषज्ञ क्रिस अंडरहिल ने दिनभर की रूपरेखा बताई है. साथ ही उन्होंने कुछ सुझाव दिए हैं, जिनसे आपको इस समय में खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में मदद मिलेगी.

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मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ
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Published : Apr 4, 2020, 8:30 PM IST

हैदराबाद : कोरोना वायरस के प्रकोप ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लोगों को अलग-अलग तरीके से प्रभावित किया है. लॉकडाउन के इस मुश्किल दौर में लोग वायरस के बढ़ते मामलों के साथ खबरों से खुद को भयभीत और चिंतित महसूस कर रहे हैं.

छोटे सा डर और चिंता की वजह से वयस्कों और बच्चों दोनों में ही गंभीर परिणाम हो सकते हैं.

तनाव भरी स्थितियों में सबकी प्रतिक्रियाएं अलग-अलग होती हैं और प्रतिक्रिया तनाव के कारणों पर निर्भर करती हैं.

कईं मानसिक स्वास्थ्य के विशेषज्ञ तनाव और चिंता से उबरने के लिए अपने सुझाव देते हैं.

इसी क्रम में ग्लोबल मेंटल हेल्थ के विशेषज्ञ क्रिस अंडरहिल ने घर से काम करने वाले लोगों के लिए एक दिन की रूपरेखा बताई है.

दिमागी तौर पर कैसे रहें स्वस्थ

  • अपने दिन की शुरुआत आम दिनों के जैसे ही करें. जैसे सुबह बिस्तर से उठने के बाद नहाएं, शेविंग करें और उसके बाद नाश्ता करें.
  • वह बताते हैं कि काम करने का समय निश्चित कर लें. इस तरह से आपकी दिनचर्या बनी रहेगी.
  • इसके साथ ही वह आपको दिनभर में छोटे-छोटे ब्रेक लेने का भी सुझाव देते हैं.
  • आपको छोटी-छोटी गतिविधियां करने की सलाह देते हैं. जैसे कि खाना बनाना, घर के छोटे मोटे का करना और काम के दौरान ब्रेक के समय म्यूजिक सुनना.

डिप्रेशन के शिकार दोस्तों और परिवार के सदस्यों की कैसे करें मदद

  • क्राइसिस टेक्स्ट लाइन के सह-संस्थापक और मुख्य डेटा वैज्ञानिक बॉब फिलबीन कहते हैं कि इस तरह के वैश्विक मुद्दे चिंतित करने वाले हैं क्योंकि चारों ओर अनिश्चितता का माहौल है.
  • फिलबीन बताते हैं कि जब कोई डिप्रेशन में हो तो उनके सामने दिन, सप्ताह और वर्ष जैसे शब्दों का उपयोग किया जाना चाहिए. यह उन्हें आश्वस्त करता है कि यह अवधि हमेशा के लिए नहीं रहेगी.
  • वह आगे बताते हैं कि ऐसे लोगों को भरोसा दिलाना चाहिए कि वह अकेले नहीं हैं, जो इस समय से जूझ रहे हैं.
  • ऐसे लोगों की चिंता को सामान्य करना और उन्हें भरोसा दिलाना कि और भी लोग इस समय का सामना कर रहे हैं, उनके लिए वाकई आरामदेह हो सकता है.

वैसे तो आइसोलेशन का यह समय सभी के लिए मुश्किल है लेकिन नेगेटिव सोचते रहने वाले और संवेदनशील लोगों के किए यह समय ज्यादा कठिनाई भरा हो सकता है, जिनमें बाल दुर्व्यवहार और घरेलू हिंसा के मामलों का सामना कर रहे लोग भी शामिल हैं.

आंकड़े बताते हैं कि पैसा तनाव का बहुत बड़ा कारण हो सकता है. ऐसे में इन लोगों की तरफ ध्यान देना जरूरी हो जाता है, जो नौकरी और आजीविका के चलते हुए नुकसान का सामना कर रहे होते हैं.

मानसिकतौर पर कर्मचारियों का कैसे करें सहयोग

  • कोरोना महामारी ने लोगों के काम करने के तरीके को ही बदल कर रख दिया है. ऐसे में यह बहुत आवश्यक है कि मालिक को अपने कर्मचारियों की भलाई की तरफ खासतौर पर ध्यान देना चाहिए.
  • उदाहरण के लिए वर्किट हेल्थ ने सुनिश्चित किया है कि उसके कर्मचारियों के पास सुरक्षित आवास, परिवहन और अन्य साधन हों.
  • इस दौरान कनेक्शन का खास महत्व है इसलिए ऐसे समय में एक दूसरे से जुड़े रहने के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं.

अगर कोई ऐसा व्यक्ति है, जो आपको लगता है कि अलगाव के चलते परेशानी में है, तो उन तक पहुंचकर आप ऐसे उनकी देखभाल कर सकते हैं..

  • उन्हें संदेश दें.
  • उनके दरवाजे के नीचे संदेश रख सकते हैं.
  • अपनी उस शक्ति को कभी कम मत समझना, जो किसी दूसरे को आशान्वित कर सकती है.

ऐसे करें बच्चों का सहयोग

  • बच्चों के साथ इस दौरान समय बिताना न भूलें. कोरोना को लेकर प्रश्नों के जवाब दें और ऐसे तथ्यों को साझा करें, जो बच्चे समझ सकें.
  • अपने बच्चों को आश्वस्त करें कि वह सुरक्षित हैं. अगर वह दुखी दिखाई पड़ें तो उन्हें बताएं कि सब ठीक है.
  • उन्हें बताएं कि तनाव से कैसे निपटा जाता है ताकि वह भी सीखें कि कैसे मुश्किल समय का सामना करना है.
  • सोशल मीडिया के प्रयोग को सीमित करें. बच्चे जो सुनते या देखते हैं उसे गलत तरीके से समझ सकते हैं. इसके साथ ही जिस चीज को वह नहीं समझते, उसे लेकर भयभीत भी हो सकते हैं.

हैदराबाद : कोरोना वायरस के प्रकोप ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लोगों को अलग-अलग तरीके से प्रभावित किया है. लॉकडाउन के इस मुश्किल दौर में लोग वायरस के बढ़ते मामलों के साथ खबरों से खुद को भयभीत और चिंतित महसूस कर रहे हैं.

छोटे सा डर और चिंता की वजह से वयस्कों और बच्चों दोनों में ही गंभीर परिणाम हो सकते हैं.

तनाव भरी स्थितियों में सबकी प्रतिक्रियाएं अलग-अलग होती हैं और प्रतिक्रिया तनाव के कारणों पर निर्भर करती हैं.

कईं मानसिक स्वास्थ्य के विशेषज्ञ तनाव और चिंता से उबरने के लिए अपने सुझाव देते हैं.

इसी क्रम में ग्लोबल मेंटल हेल्थ के विशेषज्ञ क्रिस अंडरहिल ने घर से काम करने वाले लोगों के लिए एक दिन की रूपरेखा बताई है.

दिमागी तौर पर कैसे रहें स्वस्थ

  • अपने दिन की शुरुआत आम दिनों के जैसे ही करें. जैसे सुबह बिस्तर से उठने के बाद नहाएं, शेविंग करें और उसके बाद नाश्ता करें.
  • वह बताते हैं कि काम करने का समय निश्चित कर लें. इस तरह से आपकी दिनचर्या बनी रहेगी.
  • इसके साथ ही वह आपको दिनभर में छोटे-छोटे ब्रेक लेने का भी सुझाव देते हैं.
  • आपको छोटी-छोटी गतिविधियां करने की सलाह देते हैं. जैसे कि खाना बनाना, घर के छोटे मोटे का करना और काम के दौरान ब्रेक के समय म्यूजिक सुनना.

डिप्रेशन के शिकार दोस्तों और परिवार के सदस्यों की कैसे करें मदद

  • क्राइसिस टेक्स्ट लाइन के सह-संस्थापक और मुख्य डेटा वैज्ञानिक बॉब फिलबीन कहते हैं कि इस तरह के वैश्विक मुद्दे चिंतित करने वाले हैं क्योंकि चारों ओर अनिश्चितता का माहौल है.
  • फिलबीन बताते हैं कि जब कोई डिप्रेशन में हो तो उनके सामने दिन, सप्ताह और वर्ष जैसे शब्दों का उपयोग किया जाना चाहिए. यह उन्हें आश्वस्त करता है कि यह अवधि हमेशा के लिए नहीं रहेगी.
  • वह आगे बताते हैं कि ऐसे लोगों को भरोसा दिलाना चाहिए कि वह अकेले नहीं हैं, जो इस समय से जूझ रहे हैं.
  • ऐसे लोगों की चिंता को सामान्य करना और उन्हें भरोसा दिलाना कि और भी लोग इस समय का सामना कर रहे हैं, उनके लिए वाकई आरामदेह हो सकता है.

वैसे तो आइसोलेशन का यह समय सभी के लिए मुश्किल है लेकिन नेगेटिव सोचते रहने वाले और संवेदनशील लोगों के किए यह समय ज्यादा कठिनाई भरा हो सकता है, जिनमें बाल दुर्व्यवहार और घरेलू हिंसा के मामलों का सामना कर रहे लोग भी शामिल हैं.

आंकड़े बताते हैं कि पैसा तनाव का बहुत बड़ा कारण हो सकता है. ऐसे में इन लोगों की तरफ ध्यान देना जरूरी हो जाता है, जो नौकरी और आजीविका के चलते हुए नुकसान का सामना कर रहे होते हैं.

मानसिकतौर पर कर्मचारियों का कैसे करें सहयोग

  • कोरोना महामारी ने लोगों के काम करने के तरीके को ही बदल कर रख दिया है. ऐसे में यह बहुत आवश्यक है कि मालिक को अपने कर्मचारियों की भलाई की तरफ खासतौर पर ध्यान देना चाहिए.
  • उदाहरण के लिए वर्किट हेल्थ ने सुनिश्चित किया है कि उसके कर्मचारियों के पास सुरक्षित आवास, परिवहन और अन्य साधन हों.
  • इस दौरान कनेक्शन का खास महत्व है इसलिए ऐसे समय में एक दूसरे से जुड़े रहने के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं.

अगर कोई ऐसा व्यक्ति है, जो आपको लगता है कि अलगाव के चलते परेशानी में है, तो उन तक पहुंचकर आप ऐसे उनकी देखभाल कर सकते हैं..

  • उन्हें संदेश दें.
  • उनके दरवाजे के नीचे संदेश रख सकते हैं.
  • अपनी उस शक्ति को कभी कम मत समझना, जो किसी दूसरे को आशान्वित कर सकती है.

ऐसे करें बच्चों का सहयोग

  • बच्चों के साथ इस दौरान समय बिताना न भूलें. कोरोना को लेकर प्रश्नों के जवाब दें और ऐसे तथ्यों को साझा करें, जो बच्चे समझ सकें.
  • अपने बच्चों को आश्वस्त करें कि वह सुरक्षित हैं. अगर वह दुखी दिखाई पड़ें तो उन्हें बताएं कि सब ठीक है.
  • उन्हें बताएं कि तनाव से कैसे निपटा जाता है ताकि वह भी सीखें कि कैसे मुश्किल समय का सामना करना है.
  • सोशल मीडिया के प्रयोग को सीमित करें. बच्चे जो सुनते या देखते हैं उसे गलत तरीके से समझ सकते हैं. इसके साथ ही जिस चीज को वह नहीं समझते, उसे लेकर भयभीत भी हो सकते हैं.
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