नई दिल्ली : गृह मंत्रालय ने संविधान के अनुच्छेद 370 में बदलाव के बाद जम्मू-कश्मीर के हालात पर लोकसभा में जानकारी दी है. गृह मंत्रालय ने कहा है कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद 19 नागरिकों की मौत हुई है.
गृह मंत्रालय ने बताया है कि पांच अगस्त के बाद मारे गए लोगों में गैर कश्मीरी भी शामिल हैं.
गृह मंत्रालय ने एक सवाल के जवाब में कहा, जम्मू-कश्मीर सरकार की मौजूदा योजना के तहत आतंकवाद से संबंधित हिंसा में मारे गए नागरिकों के परिजनों को 1 लाख रुपये की अनुग्रह राशि का भुगतान किया गया है. इसके अलावा, केंद्रीय योजना के तहत 5 लाख रुपये दिए जाते हैं.
इससे पहले राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के एक सदस्य ने जम्मू कश्मीर के कुलगाम में अक्टूबर में मारे गए पांच मजदूरों के परिवारों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि पीड़ितों को केंद्र सरकार की ओर से अब तक कोई मुआवजा नहीं दिया गया है.
तृणमूल सदस्य अहमद हसन ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किए जाने के बाद गृह मंत्री ने वहां स्थिति सामान्य होने का दावा किया था. गृह मंत्री ने यह भी कहा था कि वहां लोगों की आवाजाही पर कोई पाबंदी नहीं है.
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हसन ने कहा 'गृह मंत्री के आश्वासन के बाद पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में रहने वाले छह परिवारों ने अपने छह परिजन को रोजगार की खातिर जम्मू कश्मीर भेजा. लेकिन आतंकी हमले में इनमें से पांच कामगार मारे गए और एक घायल हो गया.'
उन्होंने कहा 'कुलगाम में यह हमला उन पर तब किया गया था जब यूरोपीय प्रतिनिधिमंडल जम्मू कश्मीर के दौरे पर गया था. अब तक किसी ने भी हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है और सरकार भी इस पर मौन साधे हुए है.'
हसन ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार की ओर से मृतकों के परिवारों को अब तक कोई क्षतिपूर्ति राशि नहीं दी गई है, जो तत्काल दी जानी चाहिए.
उन्होंने सरकार से जम्मू कश्मीर में मौजूद प्रवासी कामगारों को पर्याप्त सुरक्षा दिए जाने की मांग की.