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एसएफजे के ठिकानों पर एनआईए का छापा, फहराया था खालिस्तानी झंडा - पन्नून एसएफजे के जनरल काउंसलर

पंजाब में 14 अगस्त को खालिस्थानी झंडा फराने की घटना के खिलाफ एनआईए ने सिख फॉर जस्टिस के छह ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की है. कार्यालयों में तलाशी के दौरान एनआईए द्वारा विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक सामान जब्त किए गए हैं.

Hoisting Khalistan flag NIA raids six places
एसएफजे के ठिकानों पर एनआईए का छापा
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Published : Oct 14, 2020, 7:48 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पंजाब स्थित छह अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) से जुड़े एक मामले के संबंध में पंजाब के छह स्थानों पर छापेमारी की कार्रवाई की है.

एजेंसी ने पंजाब के फिरोजपुर, लुधियाना और मोगा जिलों में मंगलवार को खोजबीन की थी, जहां 14 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर मोगा में उपायुक्त कार्यालय में खालिस्तानी झंडा फहराने की घटना हुई थी.

एनआईए ने कहा कि अपराध उपद्रवियों द्वारा किया गया था, जिन्हें एसएफजे के जनरल काउंसलर गुरवंत सिंह पन्नून के इशारे पर नकद इनाम की घोषणा की गई थी. एनआईए ने कहा कि तलाशी परिसर में आरोपी आकाशदीप सिंह, जोगिंदर सिंह, इंद्रजीत सिंह, जसपाल सिंह और राम तीरथ हैं.

वहीं एजेंसी ने आरोपी जसपाल से संबंधित साइबर कैफे की भी तलाशी ली थी.

सर्चिंग के दौरान, एनआईए ने कई सारे इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे पेन ड्राइव, लैपटॉप, हार्ड डिस्क और अन्य गुप्त दस्तावेजों को जब्त किया है. एनआईए ने कहा मामले में आगे की जांच चल रही है.

जानिए क्या है पूरा मामला
इस साल 14 अगस्त को मोगा में उपायुक्त कार्यालय परिसर की चार मंजिला इमारत की छत पर दो बदमाशों ने खालिस्तान के साथ पीले रंग का झंडा फहराया था. वापस आते समय, उन्होंने भवन के मुख्य द्वार के पास फहराए गए भारतीय राष्ट्रीय ध्वज की रस्सी को काट दिया और रस्सी के साथ तिरंगा भी खींच लिया.

14 अगस्त को मोगा पुलिस स्टेशन में एक मामला दर्ज किया गया था और एनआईए ने बाद में भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं और अपमान की रोकथाम के लिए राष्ट्रीय सम्मान अधिनियम, 1972 की धारा 2 के तहत मामला दर्ज किया था.

इस साल नवंबर में एसएफजे ने पहले 'रेफरेंडम -2020' अभियान आयोजित करने की घोषणा की थी.

एनआईए की सिफारिशों के आधार पर, एमएचए ने सितंबर की शुरुआत में, एसएफजे के प्रमुख नेताओं - गुरवंत सिंह पन्नून और हरदीप सिंह निज्जर की संपत्तियों की जब्ती का आदेश दिया था.

पढ़ें - अलगाववादी समूह एसएफजे ने लॉन्च किया 'रेफरेंडम 2020' एप

पन्नून एसएफजे का जनरल काउंसलर है, जबकि निज्जर 'रेफरेंडम 2020' कनाडा का समन्वयक है, एनआईए ने कहा कि एसएफजे वर्तमान में सोशल मीडिया पर 'रेफरेंडम-2020' के प्रचार के लिए प्रयास कर रहा है.

एमएचए ने पिछले साल 10 जुलाई की अधिसूचना के माध्यम से एसएफजे को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत एक 'गैरकानूनी संघ' घोषित किया.

नई दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पंजाब स्थित छह अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) से जुड़े एक मामले के संबंध में पंजाब के छह स्थानों पर छापेमारी की कार्रवाई की है.

एजेंसी ने पंजाब के फिरोजपुर, लुधियाना और मोगा जिलों में मंगलवार को खोजबीन की थी, जहां 14 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर मोगा में उपायुक्त कार्यालय में खालिस्तानी झंडा फहराने की घटना हुई थी.

एनआईए ने कहा कि अपराध उपद्रवियों द्वारा किया गया था, जिन्हें एसएफजे के जनरल काउंसलर गुरवंत सिंह पन्नून के इशारे पर नकद इनाम की घोषणा की गई थी. एनआईए ने कहा कि तलाशी परिसर में आरोपी आकाशदीप सिंह, जोगिंदर सिंह, इंद्रजीत सिंह, जसपाल सिंह और राम तीरथ हैं.

वहीं एजेंसी ने आरोपी जसपाल से संबंधित साइबर कैफे की भी तलाशी ली थी.

सर्चिंग के दौरान, एनआईए ने कई सारे इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे पेन ड्राइव, लैपटॉप, हार्ड डिस्क और अन्य गुप्त दस्तावेजों को जब्त किया है. एनआईए ने कहा मामले में आगे की जांच चल रही है.

जानिए क्या है पूरा मामला
इस साल 14 अगस्त को मोगा में उपायुक्त कार्यालय परिसर की चार मंजिला इमारत की छत पर दो बदमाशों ने खालिस्तान के साथ पीले रंग का झंडा फहराया था. वापस आते समय, उन्होंने भवन के मुख्य द्वार के पास फहराए गए भारतीय राष्ट्रीय ध्वज की रस्सी को काट दिया और रस्सी के साथ तिरंगा भी खींच लिया.

14 अगस्त को मोगा पुलिस स्टेशन में एक मामला दर्ज किया गया था और एनआईए ने बाद में भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं और अपमान की रोकथाम के लिए राष्ट्रीय सम्मान अधिनियम, 1972 की धारा 2 के तहत मामला दर्ज किया था.

इस साल नवंबर में एसएफजे ने पहले 'रेफरेंडम -2020' अभियान आयोजित करने की घोषणा की थी.

एनआईए की सिफारिशों के आधार पर, एमएचए ने सितंबर की शुरुआत में, एसएफजे के प्रमुख नेताओं - गुरवंत सिंह पन्नून और हरदीप सिंह निज्जर की संपत्तियों की जब्ती का आदेश दिया था.

पढ़ें - अलगाववादी समूह एसएफजे ने लॉन्च किया 'रेफरेंडम 2020' एप

पन्नून एसएफजे का जनरल काउंसलर है, जबकि निज्जर 'रेफरेंडम 2020' कनाडा का समन्वयक है, एनआईए ने कहा कि एसएफजे वर्तमान में सोशल मीडिया पर 'रेफरेंडम-2020' के प्रचार के लिए प्रयास कर रहा है.

एमएचए ने पिछले साल 10 जुलाई की अधिसूचना के माध्यम से एसएफजे को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत एक 'गैरकानूनी संघ' घोषित किया.

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