खाड़ी के पास होने के कारण पूर्व में बसे पश्चिम बंगाल पर हमेशा ही चक्रवाती तूफानों का साया मंडराता रहता है. ये तूफान इतने खतरनाक होते हैं कि इनकी चपेट में आने वाली हर चीज तबाह हो जाती है. पश्चिम बंगाल में दो दिन पूर्व आए अम्फान तूफान ने भारी तबाही मचाई. इस दौरान मौसम विभाग के मुताबिक अम्फान 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तट से टकराया था. हालांकि कोलकाता आते-आते इसकी गति 115 किमी प्रति घंटा रह गई थी.
आइए जानते हैं आज तक पश्चिम बंगाल में अब तक कितने बड़े चक्रवाती तूफान आए हैं और उन्होंने कितनी तबाही मचाई है.
पश्चिम बंगाल के तट को प्रभावित करने वाले चक्रवात
- 7-12 अक्टूबर, 1737
1737 में आया चक्रवाती तूफान सुंदरबन से होकर गुजरा. इसकी उंचाई करीब 12 मीटर थी. इस दौरान करीब तीन लाख लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी.
1833 में सागर द्वीप पर आए चक्रवात में करीब 30,000 लोगों की जान चली गई थी.
- 2-5 अक्टूबर, 1864
यह चक्रवात पश्चिम बंगाल के कोंटाई से होकर गुजरा.
उंचाई : कई जगहों पर लहरों की उंचाई नौ मीटर तक पहुंच गई. वहीं लहरों को अधिकतम उंचाई 12 मीटर नापी गई. सागर द्वीप के पास लहरों की उंचाई जमीन से पांच मीटर ऊपर थी. डायमंड हार्बर पर लहरों की उंचाई करीब तीन मीटर थी.
नुकसान : इस चक्रवात में करीब 50,000 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर की मौत डूबने के कारण हुई. वहीं 30,000 अन्य की मौत बीमारियों के कारण हो गई.
- 14-16 अक्टूबर, 1942
यह चक्रवात कंटाई के पास पश्चिम बंगाल तट से होकर गुजरा.
इस दौरान लहरों की उंचाई तीन से पांच मीटर नापी गई.
नुकसान : इस चक्रवात में 19,000 दौरान लोग मारे गए, 60,000 मवेशी मारे गए.
- 29 मई-एक जून, 1956
29 जून को आए इस चक्रवात में मेदिनीपुर जिले में बाढ़ आ गई. खारे पानी के खेतों में आ जाने से पूरी फसलें बर्बाद हो गईं.
- 27 सितंबर-01 अक्टूबर, 1971
यह चक्रवात सुंदरबन के पास पश्चिम बंगाल के तट को पार करते हुए, बिहार में एक अक्टूबर को पहुंचा, जहां वह काफी कमजोर हो चुका था.
हालांकि बिहार पहुंचने से पहले इस तूफान ने काफी तबाही मचाई थी. इसमें 60 लोगों की मौत हो गई थी और हजारों घर ढह गए थे.
- 04 दिसंबर-11 दिसंबर, 1981
सागर द्वीप के पास पश्चिम बंगाल के तट से होकर यह चक्रवाती तूफान 10 दिसंबर को गुजरा. 11 दिसंबर को यह तूफान बांग्लादेश पहुंचा, लेकिन तब-तक काफी कमजोर हो चुका था.
इस चक्रवात में उत्तर 24 परगना जिले के 200 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं करीब दस लाख लोग इस चक्रवात से प्रभावित हुए.
23-26 मई, 2009
यह चक्रवात सागर द्वीप के पूर्व के करीब से होकर गुजरा.
उंचाई : इसकी उंचाई तीन से पांच मीटर मापी गई.
नुकसान : इस चक्रवात की चपेट में आने से करीब 137 लोगों की मौत हो गई और 50,000 से ज्यादा मवेशी मारे गए.
- मई 2019
मई 2019 में आए तूफान जब कोलकाता से होकर गुजरा तो हवा की रफ्तार 100 कीलोमीटर प्रतिघंटा थी. लेकिन जब तूफान शहर के ऊपर से गुजरा तो यह जमकर बरसा.
- नवंबर 2019
साल 2019 में आए बुलबुल चक्रवात से सुंदरबन डेल्टा और बांग्लादेश के खेपुपुरा के बीच भूस्खलन हो गया. लेकिन कलकत्ता में इससे बहुत कम बारिश हुई.