हैदराबाद : भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की सलाह है कि देश के नोट पर देवी लक्ष्मी की तस्वीर छपनी चाहिए. उनके मुताबिक ऐसा करने से रुपये की स्थिति में सुधार हो जाएगा. उनकी दलील का क्या आधार है, इस पर उन्होंने कुछ नहीं कहा है. उनका ये कहना कि इंडोनेशिया में करेंसी पर भगवान गणेश की फोटो छपती है, भारत में भी ऐसा हो, तो इस पर क्या आपत्ति हो सकती है. बहरहाल, आइए हम एक नजर डालते हैं रुपये पर तस्वीर छपने को लेकर कब और कैसे बनी पूरी सहमति.
एक नजर डालते हैं भारतीय नोट के इतिहास पर
रिपब्लिक इंडिया में भारत के नोट
15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ. हमारा संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ. इस दौरान भारतीय रिजर्व बैंक पहले से प्रचलित करेंसी नोट ही जारी करता रहा. उस पर ब्रिटिश सम्राट के चित्र रहते थे.
भारत सरकार ने पहली बार 1949 में एक रुपये के नोट का नया डिजाइन तैयार किया. नोट पर छापने के लिए आजाद भारत के चिन्हों को चुनने पर चर्चा हुई.
1950 में पहली बार 2, 5 और 10 रुपये के नोट जारी किए गए.
1953 में, हिंदी को नए नोटों पर प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया. साथ ही रूपया के हिंदी बहुवचन के बारे में चर्चा की गई.
इसके बाद दो और पांच रुपये के छोटे करेंसी नोटों पर शेर, हिरण आदि की तस्वीरें छपी थी, लेकिन साल 1975 में 100 रुपये के नोट पर कृषि आत्मनिर्भरता और चाय बागानों से पत्ती चुनने की तस्वीर नजर आने लगी.
साल 1969 में महात्मा गांधी के 100वें जन्मदिन पर पहली बार करेंसी नोट पर महात्मा गांधी की तस्वीर छापी गई. इसमें महात्मा गांधी को बैठे हुए दिखाया गया.
साल 1972 में रिज़र्व बैंक ने पहली बार 20 रुपये का नोट जारी किया और इसके तीन साल बाद 1975 में 50 रुपये का नोट जारी किया गया.
1980 के दशक में नई सिरीज़ के नोट जारी किए गए. पुरानी तस्वीरें हटाकर इनकी जगह नई तस्वीरों ने ले ली. 2 रुपये के नोट पर विज्ञान और तकनीक से जुड़ी उपग्रह आर्यभट्ट की तस्वीर, एक रुपया के नोट पर तेल कुआं, पांच रुपये के नोट पर ट्रैक्टर से खेत जोतता किसान, 10 रुपये के नोट पर कोणार्क मंदिर का चक्र, मोर और शालीमार गार्डन की तस्वीर छापी गई.
रिजर्व बैंक ने अक्टूबर 1987 में पहली बार 500 रुपये का नोट जारी किया और इस पर महात्मा गांधी की तस्वीर छापी. इसके वाटर मार्क में अशोक स्तंभ रखा गया.
महात्मा गांधी श्रृंखला
इसके 1996 में एक नई 'महात्मा गांधी श्रृंखला' शुरू की गई थी. इन नोटों में नए फीचर्स जोड़े गए. इन नोटों की विशेषता है कि नेत्रहीन लोग भी इनकी पहचान आसानी से कर सकते थे.
09 अक्टूबर, 2000 को 1000 रुपये इसके बाद, 18 नवंबर, 2000 को रु 500 मूल्यवर्ग का नोट बदले हुए रंग में जारी किया गया था और अतिरिक्त सुरक्षा सुविधा के रूप में केंद्र में संख्यात्मक मूल्य में रंग-शिफ्टिंग स्याही को शामिल किया गया था.
सुरक्षा सुविधाए बढ़ी
2005 में महात्मा गांधी श्रृंखला ने सुरक्षा सुविधाओं को बढ़ाया गया. इसमें व्यापक रंग शिफ्टिंग, मशीन पठनीय, चुंबकीय खिड़की, और सुरक्षा धागे की पहचान चिह्न जैसे फीचर्स जोड़े गए. इसके अलावा इसी वर्ष पांच रुपये के नोटों पर छपाई का पहली बार छापा किया गया.
स्टार श्रृंखला
2006 में, अनुक्रम बनाए रखने के लिए एक ही सीरियल नंबर वाले दोषपूर्ण नोटों की पुन: छपाई से बचने के लिए बैंकनोट्स पर स्टार सीरीज़ की शुरुआत की गई.
2011 में, रुपये का प्रतीक (symbol), भारतीय रुपये का पहचान चिह्न पेश किया गया.
बैंक और भारत सरकार ने मिलकर 2010 में भारतीय रुपये के लिए एक अद्वितीय प्रतीक (₹) को औपचारिक रूप दिया था और इस प्रकार अपनी मुद्रा के लिए प्रतीक वाले देशों के चुनिंदा क्लब में एक स्थान प्राप्त किया था. 2011 में, नए रुपए के प्रतीक को बैंकनोट और सिक्कों में शामिल किया गया.
सुरक्षा को और अधिक बढ़ाया
बैंक जालसाजों से बचने और बैंकनोट्स की सुरक्षा के लिए 2015 में कुछ नई सुविधाएं जोड़ी गई.
एक रुपया का नोट फिर से शुरू किया गया
महात्मा गांधी (नई) श्रृंखला