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कर्नाटक : मदरसे ने सामूहिक विवाह के आयोजन से दिया सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश

कर्नाटक के बेलागवी में सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करते हुए एक मदरसे ने सामूहिक विवाह का आयोजन किया, खास बात यह रही कि इसमें हिन्दू और मुसलमान जोड़ों ने भाग लिया. सभी जोड़ों का उनकी धार्मिक आस्था के मुताबिक विवाह सम्पन्न कराया गया. इस अवसर पर कुल 76 मुस्लिम और 25 हिन्दू जोड़े विवाह बंधन में आबद्ध हुए.

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सामूहिक विवाह समारोह
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Published : Feb 23, 2020, 7:23 PM IST

Updated : Mar 2, 2020, 7:57 AM IST

बेलागवी : कर्नाटक के बेलागवी में सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करते हुए एक मदरसे ने सामूहिक विवाह का आयोजन किया, खास बात यह रही कि इसमें हिन्दू और मुसलमान जोड़ों ने भाग लिया. सभी जोड़ों का उनकी धार्मिक आस्था के मुताबिक विवाह सम्पन्न कराया गया. इस अवसर पर कुल 76 मुस्लिम और 25 हिन्दू जोड़े विवाह बंधन में आबद्ध हुए.

इस सामूहिक विवाह का आयोजन मदरसा-ए-अनवर उल उलूम के नेतृतव में किया गया था, जिसमें 101 जोड़े विवाह बंधन में बंधे.

मदरसे ने सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन बैलाहोंगल शहर के पास बिलावद क्रॉस में दस एकड़ भूमि पर किया.

मदरसे की ओर से सामूहिक विवाह का आयोजन.

यह पहला मौका था, जब किसी मदरसे में हिन्दू-मुस्लिम सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया. इस सामूहिक विवाह में बैलाहोंगल, कित्तूर, खानापुर, रामदुर्गा और सवदत्ती तालुकों से युवक-युवती पहुंचे थे.

हजारों लोग इस सामूहिक विवाह समारोह के साक्षी बने और नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया. इस कार्यक्रम में विधायक महंथ कौजलगि के साथ-साथ कई साधु-संतो और नेताओं ने भाग लिया.

इस सामूहिक विवाह कार्यक्रम में प्रत्येक जोड़े को कई हजार रुपये उपहार स्वरूप मिले. साथ ही सभी को एक रेफ्रिजरेटर, एक खाट और बिस्तर, एक सिलाई मशीन, कई अन्य घरेलू सामान और कपड़े दिए गए.

यह भी पढ़ें-23 फरवरी : अभिनेत्री मधुबाला की पुण्यतिथि और एमएफ हुसैन को मिली थी कतर की नागरिकता

समाज में बढ़ती धार्मिक कट्टरता के इस दौर में इस अनोखी पहल 'सामूहिक विवाह आयोजन ' ने राज्यभर में सांप्रदायिक सद्भाव का संदेश दिया है. इससे समाजिक समरसता को भी बढ़ावा मिलेगा.

बेलागवी : कर्नाटक के बेलागवी में सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करते हुए एक मदरसे ने सामूहिक विवाह का आयोजन किया, खास बात यह रही कि इसमें हिन्दू और मुसलमान जोड़ों ने भाग लिया. सभी जोड़ों का उनकी धार्मिक आस्था के मुताबिक विवाह सम्पन्न कराया गया. इस अवसर पर कुल 76 मुस्लिम और 25 हिन्दू जोड़े विवाह बंधन में आबद्ध हुए.

इस सामूहिक विवाह का आयोजन मदरसा-ए-अनवर उल उलूम के नेतृतव में किया गया था, जिसमें 101 जोड़े विवाह बंधन में बंधे.

मदरसे ने सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन बैलाहोंगल शहर के पास बिलावद क्रॉस में दस एकड़ भूमि पर किया.

मदरसे की ओर से सामूहिक विवाह का आयोजन.

यह पहला मौका था, जब किसी मदरसे में हिन्दू-मुस्लिम सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया. इस सामूहिक विवाह में बैलाहोंगल, कित्तूर, खानापुर, रामदुर्गा और सवदत्ती तालुकों से युवक-युवती पहुंचे थे.

हजारों लोग इस सामूहिक विवाह समारोह के साक्षी बने और नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया. इस कार्यक्रम में विधायक महंथ कौजलगि के साथ-साथ कई साधु-संतो और नेताओं ने भाग लिया.

इस सामूहिक विवाह कार्यक्रम में प्रत्येक जोड़े को कई हजार रुपये उपहार स्वरूप मिले. साथ ही सभी को एक रेफ्रिजरेटर, एक खाट और बिस्तर, एक सिलाई मशीन, कई अन्य घरेलू सामान और कपड़े दिए गए.

यह भी पढ़ें-23 फरवरी : अभिनेत्री मधुबाला की पुण्यतिथि और एमएफ हुसैन को मिली थी कतर की नागरिकता

समाज में बढ़ती धार्मिक कट्टरता के इस दौर में इस अनोखी पहल 'सामूहिक विवाह आयोजन ' ने राज्यभर में सांप्रदायिक सद्भाव का संदेश दिया है. इससे समाजिक समरसता को भी बढ़ावा मिलेगा.

Last Updated : Mar 2, 2020, 7:57 AM IST
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