अगरतला: त्रिपुरा में बर्खास्त 10,323 शिक्षकों द्वारा लगातार किए जा रहे आंदोलन ने हिंसक मोड़ ले लिया. हालात को देखते हुए अगरतला नगर निगम क्षेत्रों में धारा 144 सीआरपीसी की घोषणा की है.
वहीं, प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार आंदोलनकारी शिक्षकों की ओर से लगातार ईंट-पत्थरबाजी की जा रही थी. जिसके जवाब मे पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी. मिली जानकारी के अनुसार इस हाथापाई में सुरक्षाकर्मियों सहित सैकड़ों लोग घायल हो गए और उनमें से अधिकांश को प्राथमिक उपचार के बाद उन नौ लोगों को छोड़ दिया गया.
बता दें, अगरतला में बुधवार को स्कूल के बर्खास्त किए गए कई शिक्षकों ने मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के सरकारी आवास के बाहर प्रदर्शन किया, जिन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े. पिछले साल सरकारी स्कूलों के 10,000 से अधिक शिक्षकों को उच्च न्यायालय के 2014 आदेश के अनुसार बर्खास्त कर दिया गया था. आदेश में कहा गया था कि उनकी भर्ती प्रक्रिया दोषपूर्ण है. बाद में उच्चतम न्यायानय ने इस फैसले को बरकरार रखा था.
समाधान की मांग को लेकर शिक्षकों ने पिछले 52 दिनों से प्रदेश की राजधानी के पैराडाइज चौक पर धरना दिया था. पुलिस ने 300 आंदोलनकारियों को हिरासत में ले लिया. कुछ ही देर बाद प्रदर्शनकारियों ने प्रतिबंधों के बावजूद मुख्यमंत्री आवास तक मार्च निकाला. इसके बाद पुलिस ने आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज किया, आंसू गैस के गोले छोड़े और उन पर पानी का बौछार किया. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस और जिला अधिकारियों के वाहनों में तोड़फोड़ की.
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अपर पुलिस अधीक्षक शैलेष कुमार ने कहा कि जिलाधिकारी ने घोषणा की थी कि मुख्यमंत्री आवास के आसपास सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है.