नई दिल्ली : 2012 के निर्भया गैंगरेप और हत्या केस में सुप्रीम कोर्ट 11 फरवरी को सुनवाई करेगा. शुक्रवार को केंद्र की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह बात कही. पीठ ने कहा कि इस मामले की सुनवाई 11 फरवरी की दोपहर 2 बजे की जाएगी.
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट में हमें आंशिक सफलता मिली है. उन्होंने कहा कि देश के लोगों के धैर्य की पर्याप्त परीक्षा हो चुकी है और दोषी मुकेश ने मृत्युदंड से बचने के लिए अपनी सभी कोशिशें कर ली हैं.
तुषार मेहता ने बताया कि दो अन्य दोषियों- अक्षय और विनय की दया याचिका खारिज हो चुकी है. एक अन्य दोषी पवन ने न तो सुधारात्मक (curative petition) और न ही दया याचिका दायर की है.
उन्होंने कहा कि दोषियों के कानूनी विकल्प समाप्त हो चुके हैं. पवन के पास केवल दया याचिका दायर करने का विकल्प बचा हुआ है.
तुषार मेहता ने कहा, अदालत को इस सवाल की जांच करनी है कि मृत्युदंड दिए जाने के लिए एक दोषी की प्रतीक्षा करनी होगी, जो सब कुछ योजनाबद्ध तरीके से कर रहा है?
मेहता की दलीलें सुनने के बाद न्यायमूर्ति अशोक भूषण ने कहा कि किसी को भी कानूनी सहायता लेने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है.
इस पर तुषार मेहता ने कहा, सभी दोषी पांच वर्षों तक शांत बैठे रहे, और अब आकर कह रहे हैं कि हम विकल्पों का उपाय करेंगे.
मेहता की दलीलें सुनने के बाद न्यायमूर्ति आर भानुमति ने कहा कि, दिल्ली हाईकोर्ट ने एक सप्ताह का समय दिया है. इस पर तुषार मेहता ने सुझाव दिया कि दोषियों से सोमवार को ये पूछा जाए कि वह क्या करना चाहते हैं. उन्होंने दोषियों को नोटिस जारी किए जाने पर जोर दिया. हालांकि, पीठ ने नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया.
दलीलों को सुनने के बाद पीठ ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक दोषियों को दिया गया समय 11 फरवरी को खत्म हो रहा है. ऐसे में समय खत्म होने के बाद इस मामले को सुना जा सकता है.