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SC ने प्रदूषण के मुद्दे पर पंजाब-हरियाणा सरकार को फटकारा, कहा- इतना सस्ता नहीं है जीवन

सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण के मुद्दे पर सख्त रूख अपनाया है. कोर्ट ने सोमवार को पराली जलाने पर प्रतिबंध के उसके आदेश के बावजूद पंजाब में इसे जलाए जाने का गंभीरता से संज्ञान लिया. शीर्ष अदालत ने जल प्रदूषण के मुद्दे पर भी स्वत: संज्ञान लेने की बात कही है. जानें पूरा मामला

सुप्रीम कोर्ट
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Published : Nov 25, 2019, 3:09 PM IST

Updated : Nov 25, 2019, 5:51 PM IST

नई दिल्ली : पराली जलाने पर प्रतिबंध लगाने के आदेशों के बावजूद इसे जलाने का सिलसिला बदस्तूर जारी रहने पर उच्चतम न्यायालय ने पंजाब और हरियाणा को आड़े हाथ लिया. न्यायालय ने कहा कि वायु प्रदूषण की वजह से दिल्ली के लोगों को मरने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता.

न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने पराली जलाने पर अंकुश लगाने में इन राज्यों के विफल रहने पर नाराजगी व्यक्त की और कहा, 'क्या इसे बर्दाश्त किया जाना चाहिए? क्या यह आंतरिक युद्ध से कहीं ज्यादा बदतर नहीं है? बेहतर होगा कि आप इन सभी को विस्फोट से खत्म कर दें.'

पीठ ने कहा कि वायु प्रदूषण की वजह से दिल्ली-एनसीआर के लोगों को 'दम घुंट' रहा है और लाखों लोगों की उम्र कम हो रही है.

पीठ ने कहा, 'क्या आप इस तरह लोगों से पेश आते हैं और उन्हें प्रदूषण की वजह से मरने देंगे? लोग आखिर इस गैस चैम्बर में क्यों हैं? बेहतर हो आप इन सभी को खत्म कर दें. यह गड़बड़ काफी लंबे समय से चल रही है.'

ये भी पढ़ें : कण प्रदूषण की ऊंची दर भारत को 'अस्वास्थ्यकर क्षेत्र' बनने की ओर धकेल रही है

शीर्ष अदालत ने दिल्ली में जल और वायु प्रदूषण के मसले पर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने के लिये केन्द्र और राज्यों को भी फटकार लगाई.

न्यायालय ने दिल्ली में जल प्रदूषण के मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि लोगों को शुद्ध पीने का पानी प्राप्त करने का अधिकार है. पीठ ने कहा, 'हम हतप्रभ हैं कि दिल्ली में जल भी प्रदूषित है और आरोप लगाने का खेल जारी है. यह सब क्या हो रहा है.'

नई दिल्ली : पराली जलाने पर प्रतिबंध लगाने के आदेशों के बावजूद इसे जलाने का सिलसिला बदस्तूर जारी रहने पर उच्चतम न्यायालय ने पंजाब और हरियाणा को आड़े हाथ लिया. न्यायालय ने कहा कि वायु प्रदूषण की वजह से दिल्ली के लोगों को मरने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता.

न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने पराली जलाने पर अंकुश लगाने में इन राज्यों के विफल रहने पर नाराजगी व्यक्त की और कहा, 'क्या इसे बर्दाश्त किया जाना चाहिए? क्या यह आंतरिक युद्ध से कहीं ज्यादा बदतर नहीं है? बेहतर होगा कि आप इन सभी को विस्फोट से खत्म कर दें.'

पीठ ने कहा कि वायु प्रदूषण की वजह से दिल्ली-एनसीआर के लोगों को 'दम घुंट' रहा है और लाखों लोगों की उम्र कम हो रही है.

पीठ ने कहा, 'क्या आप इस तरह लोगों से पेश आते हैं और उन्हें प्रदूषण की वजह से मरने देंगे? लोग आखिर इस गैस चैम्बर में क्यों हैं? बेहतर हो आप इन सभी को खत्म कर दें. यह गड़बड़ काफी लंबे समय से चल रही है.'

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शीर्ष अदालत ने दिल्ली में जल और वायु प्रदूषण के मसले पर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने के लिये केन्द्र और राज्यों को भी फटकार लगाई.

न्यायालय ने दिल्ली में जल प्रदूषण के मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि लोगों को शुद्ध पीने का पानी प्राप्त करने का अधिकार है. पीठ ने कहा, 'हम हतप्रभ हैं कि दिल्ली में जल भी प्रदूषित है और आरोप लगाने का खेल जारी है. यह सब क्या हो रहा है.'

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.NEWDELHI LGD56
NEWSALERT-SC-POLLUTION 6
SC takes serious note of water pollution in Delhi, says people have right to get pure drinking water. PTI ABA LLP
SA
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Last Updated : Nov 25, 2019, 5:51 PM IST
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