नई दिल्ली : भारत कोविड-19 बीमारी के लिए टीका खोजने की कोशिश कर रहा है. इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत में दवा नियामक प्रक्रिया में सुधार के लिए विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति बनाई है.
दरअसल दवाओं, अनुसंधान और वैक्सीन के विकास के लिए स्वीकृति देने में देरी पर रिपोर्ट के बाद यह निर्णय लिया गया है. स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन के ओएसडी राजेश भूषण की अध्यक्षता वाली समिति अनुमोदन प्रणाली पर तेजी से नजर रखेगी.
स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि ड्रग रेग्युलेटरी व्यवस्था में भारी बदलाव के साथ-साथ घरेलू आवश्यकताओं को वैश्विक परिस्थिति में सर्वोत्तम किया जाना है.
भारत के फार्मास्यूटिकल क्षेत्र के विशेषज्ञों, फार्मास्युटिकल्स विभाग, जैव प्रौद्योगिकी, आईसीएमआर के अधिकारियों और एम्स के प्रतिनिधियों को समिति में शामिल किया गया है.
सरकार ने कहा कि समिति मौजूदा दवा नियामक प्रणाली का अध्ययन करेगी और सुधारों के लिए सिफारिश देगी. इस बीच, भारत में कुल कोविड-19 के 69597 सक्रिय मामलों में से 51783 ठीक हुए हैं और 3721 मौतों के साथ 125101 तक पहुंच गया है. अब तक 28,34,798 नमूनों का परीक्षण किया गया.
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटे में 2020 मामलों के साथ राज्य में कुल कोविड-19 के मामले 44,589 दर्ज किए गए हैं. इस बीच सूत्रों ने बताया कि एम्स के चिकित्सा विभाग के पूर्व प्रमुख डॉ जेएन पांडे का शुक्रवार रात कोविड-19 के कारण निधन हो गया.
दूसरी ओर केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने कहा है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भोजन की कमी, आवश्यक वस्तुओं के बारे में अफवाह फैलाने की संभावनाओं पर जांच करने की सलाह दी है.
'राज्यों को प्रवासी श्रमिकों के लिए राहत शिविरों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. राहत शिविरों में भोजन, आश्रय और स्वच्छता का व्यवस्था किया जाए. राज्यों को समुदाय के नेताओं, स्वयंसेवकों और प्रशिक्षित परामर्शदाताओं का समर्थन करने के लिए भी कहा गया है, 'गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव पुनिया सलिला श्रीवास्तव ने कहा.
'एमएचए ने भी प्रवासी कामगारों के लिए अधिक बसों और ट्रेनों के संचालन के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लगातार सहयोग करने के लिए कहा.'
पैदल चलने वाले मजदूरों को निकटतम आश्रय गृहों में ले जाया जाना चाहिए, भोजन दिया जाना चाहिए और उन्हें ऐसी जगह पहुंचाया जाना चाहिए जहां से वह बसों में सवार हो सकें.
उन्होंने कहा कि तीन अप्रैल को गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को राज्य आपदा राहत कोष के तहत 11,092 करोड़ रुपये जारी किए थे.
इस बीच गृह मंत्रालय ने ओडिशा सरकार को अम्फान तूफान के क्षति बहाली कार्य के लिए 500 करोड़ रुपये की राशि जारी की है.