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एनसीआर में कोरोना के मामले बढ़ने से स्वास्थ्य मंत्रालय चिंतित

त्योहारी सीजन के बीच राजधानी दिल्ली से सटे एनसीआर में कोरोना के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है. एनसीआर के दो जिलों गुरुग्राम और फरीदाबाद में कोरोना मामलों में वृद्धि पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने चिंता व्यक्त की है.

spike in Covid cases in NCR
कोरोना के मामलों में वृद्धि
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Published : Nov 3, 2020, 8:28 PM IST

नई दिल्ली : भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित 76 लाख लोग स्वास्थ्य हो चुके हैं. मंगलवार को रिकवरी रेट बढ़कर 92 प्रतिशत हो गया है. हालांकि, त्योहारों के बीच चार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है.

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि भारत में कोरोना के सक्रिय मामले 5.5 लाख से नीचे आ गए हैं.

उन्होंने कहा कि प्रतिदिन संक्रमण के नए मामले घटकर 40,000 से कम हो गए हैं. देश में मंगलवार को 38,310 नए मामले दर्ज किए हैं.

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी पर पूर्ण नियंत्रण तक भारत 98 से 98.5 प्रतिशत की रिकवरी दर प्राप्त कर सकता है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली, केरल, पश्चिम बंगाल और मणिपुर में कोरोना के मामलों में वृद्धि पर चिंता व्यक्त की है और त्योहारी सीजन को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है. साथ ही मंत्रालय ने गुरुग्राम और फरीदाबाद में कोरोना मामलों में वृद्धि पर चिंता व्यक्त की है.

एनसीआर में नए कोरोना के मामलों का 43 प्रतिशत दिल्ली से सटे इन दो जिलों का है. यह दोनों जिले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में आते हैं.

नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, यह गंभीर चिंता का विषय है. जैसा कि हम जानते हैं कि शहरी क्षेत्रों में वर्तमान में संक्रमण का खतरा है, एनसीआर में कुछ जिलों में बढ़ते मामले चिंता का विषय हैं.

उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर भारत में कोरोना की स्थिति में सुधार हो रहा है, लेकिन कुछ राज्य इसके विपरीत दिशा में जा रहे हैं.

पॉल ने कहा कि हरियाणा में हाल में किए गए सीरो सर्वेक्षण में कहा गया है कि 15-16 प्रतिशत लोग संक्रमित हुए हैं, जबकि आबादी का शेष भाग अभी भी संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने ईटीवी भारत को बताया कि मौजूदा त्योहारी सीजन के अलावा, भीड़ और शिथिलता एनसीआर के जिलों में कोरोना के मामलों में वृद्धि के अन्य प्रमुख कारण हैं.

नाम न छापने की शर्त पर अधिकारियों ने कहा कि मेट्रो रेल सेवा, राज्य परिवहन सेवाओं सहित बढ़ती गतिशीलता भी मामलों में वृद्धि का कारण हो सकती है.

अधिकारियों ने कहा कि बिना लक्ष्ण वाले बहुत से लोग हैं और जब तक उनमें संक्रमण की पुष्टि होगी, तब तक संक्रमण अन्य लोगों में फैल चुका होगा.

ईटीवी भारत ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों के हवाले से इससे पहले बताया था कि अगर मेट्रो रेल सेवा फिर से शुरू की जाती है, तो कोरोना के मामलों में वृद्धि हो सकती है, क्योंकि लोगों को घूमने फिरने की सुविधा मिलेगी.

दिलचस्प बात यह है कि केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने सोमवार को एक समीक्षा बैठक के दौरान मेट्रो अधिकारियों से मेट्रो यात्रियों के लिए उचित कोरोना प्रोटोकॉल लागू करने को कहा है.

नई दिल्ली : भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित 76 लाख लोग स्वास्थ्य हो चुके हैं. मंगलवार को रिकवरी रेट बढ़कर 92 प्रतिशत हो गया है. हालांकि, त्योहारों के बीच चार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है.

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि भारत में कोरोना के सक्रिय मामले 5.5 लाख से नीचे आ गए हैं.

उन्होंने कहा कि प्रतिदिन संक्रमण के नए मामले घटकर 40,000 से कम हो गए हैं. देश में मंगलवार को 38,310 नए मामले दर्ज किए हैं.

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी पर पूर्ण नियंत्रण तक भारत 98 से 98.5 प्रतिशत की रिकवरी दर प्राप्त कर सकता है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली, केरल, पश्चिम बंगाल और मणिपुर में कोरोना के मामलों में वृद्धि पर चिंता व्यक्त की है और त्योहारी सीजन को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है. साथ ही मंत्रालय ने गुरुग्राम और फरीदाबाद में कोरोना मामलों में वृद्धि पर चिंता व्यक्त की है.

एनसीआर में नए कोरोना के मामलों का 43 प्रतिशत दिल्ली से सटे इन दो जिलों का है. यह दोनों जिले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में आते हैं.

नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, यह गंभीर चिंता का विषय है. जैसा कि हम जानते हैं कि शहरी क्षेत्रों में वर्तमान में संक्रमण का खतरा है, एनसीआर में कुछ जिलों में बढ़ते मामले चिंता का विषय हैं.

उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर भारत में कोरोना की स्थिति में सुधार हो रहा है, लेकिन कुछ राज्य इसके विपरीत दिशा में जा रहे हैं.

पॉल ने कहा कि हरियाणा में हाल में किए गए सीरो सर्वेक्षण में कहा गया है कि 15-16 प्रतिशत लोग संक्रमित हुए हैं, जबकि आबादी का शेष भाग अभी भी संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने ईटीवी भारत को बताया कि मौजूदा त्योहारी सीजन के अलावा, भीड़ और शिथिलता एनसीआर के जिलों में कोरोना के मामलों में वृद्धि के अन्य प्रमुख कारण हैं.

नाम न छापने की शर्त पर अधिकारियों ने कहा कि मेट्रो रेल सेवा, राज्य परिवहन सेवाओं सहित बढ़ती गतिशीलता भी मामलों में वृद्धि का कारण हो सकती है.

अधिकारियों ने कहा कि बिना लक्ष्ण वाले बहुत से लोग हैं और जब तक उनमें संक्रमण की पुष्टि होगी, तब तक संक्रमण अन्य लोगों में फैल चुका होगा.

ईटीवी भारत ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों के हवाले से इससे पहले बताया था कि अगर मेट्रो रेल सेवा फिर से शुरू की जाती है, तो कोरोना के मामलों में वृद्धि हो सकती है, क्योंकि लोगों को घूमने फिरने की सुविधा मिलेगी.

दिलचस्प बात यह है कि केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने सोमवार को एक समीक्षा बैठक के दौरान मेट्रो अधिकारियों से मेट्रो यात्रियों के लिए उचित कोरोना प्रोटोकॉल लागू करने को कहा है.

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