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कर'नाटक' LIVE: इस्तीफा दे सकते हैं CM एचडी कुमारस्वामी, सुरक्षा के कड़े इंतजाम

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Published : Jul 22, 2019, 10:37 AM IST

Updated : Jul 22, 2019, 10:13 PM IST

22:05 July 22

CM का त्याग पत्र सोशल मीडिया में वायरल, कुमारस्वामी बोले- फर्जी लेटर

कुमारस्वामी ने फर्जी लेटर दिखाया.

कर्नाटक राजनीतिक संकट के बीच सीएम कुमारस्वामी का फर्जी त्याग पत्र प्राप्त होने से हंगामा मच गया. सीएमओ ने इसे फर्जी लेटर बताया है. 
यह पत्र विधानसभा में चर्चा के वक्त कुमारस्वामी के टेबल पर दिखा. कुमारस्वामी ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है. 

कथित इस्तीफे पर सीएम कुमारस्वामी ने कहा कि 'मुझे पता चला है कि मैंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा दे दिया है. मैं नहीं जानता कि कौन मुख्यमंत्री बनने को इतना उतावला है. किसी ने मेरे फर्जी हस्ताक्षर करके यह लेटर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है. मैं पब्लिसिटी के लिए इस गिरे हुए स्तर से हैरान हूं.' 


कुमारस्वामी ने कहा, 'मुझे नहीं पता किसी ने मेरा जाली हस्ताक्षर कर उसे सोशल मीडिया में प्रसार कर रहा है. मुझे नहीं पता कि सीएम बनने का इंतजार कौन कर रहा है.
 

19:45 July 22

कर्नाटक: BJP विधायकों से मिले स्पीकर

KR RAMESH
स्पीकर.केआर रमेश कुमार

बेंगलुरु: कर्नाटक में जारी राजनीतिक संकट के बीच स्पीकर केआर रमेश कुमार ने बीजेपी के नेताओं के साथ बैठक की. बैठक में सुनील कुमार, बासवाराज बोम्मई, सीटी रवि और जेडीएस नेता एसएसआरए महेश, एचडी रेवन्ना, बंदीप्पा कश्मीपुर शामिल हैं. बैठक विधान सौध में जारी है.

आज क्या हुआ जानें---

कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी द्वारा पेश विश्वास प्रस्ताव पर विधानसभा में तीसरे दिन सोमवार को भी चर्चा जारी रहा . उधर कांग्रेस का कहना है कि बागी विधायकों के इस्तीफे पर अध्यक्ष का फैसला आने तक विश्वास प्रस्ताव पर मतविभाजन न कराया जाए.

विधानसभा की कार्यवाही शुरु होने के समय से ही अध्यक्ष के. आर. रमेश ने सरकार को बार बार शक्ति परीक्षण की प्रक्रिया सोमवार को पूरी करने के अपने वादे का सम्मान करने की याद दिलायी.

एक घंटे की देरी से सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष ने कहा, 'सबकी नजर हम पर है. मुझे बलि का बकरा ना बनाएं. अपने लक्ष्य (शक्ति परीक्षण की प्रक्रिया पूरी करने) तक पहुंचें.' 

कुमारस्वामी ने पिछले सप्ताह बृहस्पतिवार को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव रखा था. सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन के 16 विधायकों के इस्तीफे और दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के कारण सरकार का भविष्य अधर में है.

राज्यपाल वजुभाई वाला ने पहले शुक्रवार दोपहर डेढ़ बजे तक और बाद में दिन की समाप्ति तक विश्वास प्रस्ताव पर प्रक्रिया पूरी करने को कहा था.

शुक्रवार को प्रक्रिया पूरी नहीं होने के बाद अध्यक्ष ने सरकार से यह वादा लिया था कि वह इसे सोमवार को अवश्य पूरा करेगी. इसके बाद सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई.

अध्यक्ष ने विश्वास प्रस्ताव प्रक्रिया में और देरी नहीं करने पर अपना रुख स्पष्ट किया, ‘‘इससे मेरा या सदन का अपमान होगा.’’ 

ऐसी खबरें है कि सत्तारूढ़ गठबंधन ने मत-विभाजन के लिए और दो दिन का वक्त मांगा है.

अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हम जीवन सार्वजनिक में हैं. जनता हमें देख रही है. अगर लोगों में यह विचार बन रहा है कि चर्चा के नाम पर हम समय बर्बाद कर रहे हैं तो यह मेरे या किसी के लिए भी सही नहीं होगा.’’ 

कर्नाटक सरकार के वरिष्ठ मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा ने विश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान कहा कि इस्तीफे के मुद्दे पर अध्यक्ष के निर्णय के बगैर मत-विभाजन कराने से विश्वास प्रस्ताव प्रक्रिया की कोई गरिमा नहीं रहेगी.

विश्वास प्रस्ताव पर बहस के तीसरे दिन भी जारी रहने के दौरान उन्होंने कहा, ‘‘ हम असाधारण स्थिति में आ गये हैं.... मैं अध्यक्ष से पहले इस्तीफों पर निर्णय लेने का अनुरोध करता हूं. अन्यथा इसका (विश्वास प्रस्ताव का) कोई मतलब नहीं रह जाएगा.’’ 

उन्होंने सवाल किया, 'क्या इस्तीफा स्वेच्छा से दिया गया और असली वजह क्या है? क्या वे लोकतंत्र के विरूद्ध नहीं हैं?' 

केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर प्रहार करते हुए गौड़ा ने कहा कि देश से राजनीतिक विपक्ष का सफाया करने के लिए ‘सुनियोजित तरीके से’ प्रयास चल रहा है और भाजपा द्वारा कर्नाटक में अभियान उसी प्रयास का हिस्सा है.

उन्होंने बागी विधायकों से अपने रुख पर पुनर्विचार करने की भी अपील की. 

भाजपा को संदेह है कि कांग्रेस जद(एस) सरकार बागी विधायकों को अपने पाले में करने के लिए विश्वास प्रस्ताव पर मत-विभाजन में देरी कर रही है. इन्हीं विधायकों के इस्तीफे की वजह से सरकार गिरने की कगार पर पहुंच गयी है.

राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को दो पत्र लिखे थे और शुक्रवार तक विश्वास मत पर मत-विभाजन पूरा करने को कहा था. उन्होंने आशंका प्रकट की थी कि देरी से विधायकों की खरीद-फरोख्त की गुजाइंश पैदा होती है. उन्होंने यह भी कहा था कि प्रथम दृष्टया उन्हें स्पष्ट हो चुका है कि सरकार विधानसभा का विश्वास खो चुकी है.

वरिष्ठ भाजपा नेता जगदीश शेट्टार और मधुस्वामी ने अध्यक्ष से कहा कि विश्वास प्रस्ताव पर प्रक्रिया सोमवार को पूरी कर ली जानी चाहिए और बहस अंतहीन नहीं खींची जानी चाहिए.

अध्यक्ष ने यह भी कहा कि विधायक दल के नेता को व्हिप जारी करने का अधिकार है.

अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायी दल के नेता सिद्धरमैया से कहा, ‘‘व्हिप जारी करना आपका अधिकार है. उसका पालन करना विधायकों पर है. यदि मेरे पास कोई शिकायत आती है तो मैं नियमों का पालन करते हुए फैसला लूंगा.’’ 

सिद्धरमैया ने व्हिप जारी करने को लेकर उच्चतम न्यायालय द्वारा पिछले हफ्ते दिए गए आदेश के संबंध में एक सवाल उठाया था.

इस बीच, सरकार पर दबाव डालते हुए भाजपा ने मुख्यमंत्री से कहा कि अगर उन्हें संविधान और राज्य की जनता में विश्वास है तो वह ‘इस्तीफा दें और घर जाएं.’’ 

भाजपा ने कहा कि कुमारस्वामी स्वयं विश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं लेकिन उसकी प्रक्रिया पूरी करने में देरी कर रहे हैं.

पार्टी ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है, 'अगर आपको संविधान और राज्य की जनता में जरा सा भी विश्वास और उनके लिए सम्मान है तो आप इस्तीफा दें और घर जाएं.’’ 

भाजपा ने कन्नड़ भाषा में हैशटैग चलाया है ‘‘राज्य की जनता आपको माफ नहीं करेगी.'

विधानसभा अध्यक्ष के अलावा सत्तारूढ़ गठबंधन के पास 117 विधायक हैं जिनमें कांग्रेस के 78, जदएस के 37, बसपा के एक और एक नामित हैं.

दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिलने के साथ विपक्षी भाजपा के पास 225 सदस्यीय विधानसभा में 107 विधायक हैं. 

यदि 15 विधायकों (कांग्रेस के 12 और जदएस के 3) का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है या वे मत-विभाजन से दूर रहते हैं तो सत्तारूढ़ गठबंधन के पास संख्याबल 101 रह जाएगा और सरकार अल्पमत में आ जाएगी.

18:18 July 22

कर्नाटक: इस्तीफा दे सकते हैं एचडी कुमारस्वामी?

बेंगलुर. ऐसी खबरें निकल कर आ रही है कि कर्नाटक के सीएम एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं. लेकिन इसकी कोई अभी तक पुख्ता जानकारी नहीं है. साथ ही यह भी खबर सुनने में आ रही थी कि कुमारस्वामी राज्यपाल से मुलाकात कर सकते हैं लेकिन सीएमओ ने कुमारस्वामी के राज्यपाल की मुलाकात की चर्चाओं से इनकार कर दिया है.

12:52 July 22

etvbharat karnataka
स्पीकर रमेश कुमार

स्पीकर ने विधायकों से कहा कि चाहे तो चर्चा आधी रात तक कर सकते हैं लेकिन विश्वास मत के लिए आज ही करानी है.

12:46 July 22

etvbharat karnataka
कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार विधानसभा पहुंचे

कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार विधानसभा पहुंचे. उन्होंने फ्लोर टेस्ट से पहले कहा कि जेडीएस त्याग करने के लिए तैयार है. नया मुख्यमंत्री कांग्रेस से बन सकता है.

बसपा विधायक एन महेश आज विधानसभ नहीं पहुंचे हैं. बसपा सुप्रीमो मायावती ने महेश से कर्नाटक सरकार के पक्ष में मतदान करने का आदेश दिया था.

11:03 July 22

etvbharat karnataka
बागी विधायकों से मिलेंगे स्पीकर रमेश कुमार

कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष के.आर. रमेश कुमार ने सोमवार को राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस-जनता दल (सेकुलर) के 15 बागी विधायकों को नोटिस भेज दिया. नोटिस में विधानसभा अध्यक्ष ने 15 बागी विधायकों से सत्तारूढ़ दलों (कांग्रेस और जद-एस) द्वारा उन्हें (बागी विधायकों) अयोग्य ठहराने की याचिका पर अपना जवाब दर्ज कराने के लिए मंगलवार पूर्वान्ह 11 बजे यहां स्थित उनके कार्यालय में मिलने के लिए कहा है. सत्तारूढ़ दल द्वारा सदन में विश्वास प्रस्ताव के दौरान उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किए जाने के बावजूद बागी विधायकों के अनुपस्थित रहने पर सत्तारूढ़ दलों ने विधानसभा अध्यक्ष से उन्हें अयोग्य ठहराने के लिए याचिका दायर की है.

11:03 July 22

etvbharat karnataka
सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनावाई से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के दो निर्दलीय विधायकों की याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया.

10:41 July 22

भाजपा विधायक विधानसभा पहुंचे

etvbharat karnataka
भाजपा विधायकों के साथ बीजेपी नेता बीएस येदिरुप्पा विधानसभा पहुंचे

10:41 July 22

फ्लोर टेस्ट के मद्देनजर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई

etvbharat karnataka
फ्लोर टेस्ट के मद्देनजर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई

10:41 July 22

विधायक विधानसभा के लिए रवाना

etvbharat karnataka
विधानसभा जाते भाजपा विधायक

09:48 July 22

कर्नाटक संकट लाइव अपडेट

etvbharat karnataka
विधानसभा जाते विधायक

बेंगलुरु: कर्नाटक में कांग्रेस-जद(एस) सरकार रहेगी या जाएगी, इस पर आज विधानसभा में फैसला होने की संभावना है. वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने भरोसा जताया है कि यह (सोमवार) कुमारस्वामी सरकार का आखिरी दिन होगा.

दरअसल, गठबंधन के विधायकों के इस्तीफों के बाद एच डी कुमारस्वामी नीत सरकार ने 19 जुलाई को बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल द्वारा दी गई दो समय-सीमाओं का पालन नहीं किया था. मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी द्वारा लाये गए विश्वास प्रस्ताव पर गठबंधन सरकार के चर्चा खींचने की अब भी कोशिशें करने की खबरों और उच्चतम न्यायालय से कोई ना कोई राहत मिलने की उम्मीद के बीच कांगेस तथा जद(एस) बागी विधायकों का समर्थन वापस हासिल करने के लिए अब तक प्रयासरत हैं.

इससे पहले कुमारस्वामी और कांग्रेस ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय का रूख कर आरोप लगाया था कि राज्यपाल ने उस वक्त विधानसभा की कार्यवाही में हस्तक्षेप किया, जब विश्वास मत पर चर्चा चल रही थी. साथ ही, उन्होंने 17 जुलाई के शीर्ष न्यायालय के आदेश पर भी स्पष्टीकरण मांगा है.

आदेश में कहा गया था कि बागी विधायकों को सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता.

शुक्रवार को दोपहर डेढ़ बजे की समय सीमा और विश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया शुक्रवार तक संपन्न करने की समय सीमा को नजदअंदाज किए जाने के बाद विधानसभा की कार्यवाही सोमवार के लिए स्थगित कर दी गई थी. 

सत्तारूढ़ गठबंधन ने समय सीमा का निर्देश देने की राज्यपाल की शक्तियों पर सवाल उठाया है और कुमारस्वामी ने उच्चतम न्यायालय के एक फैसले का उल्लेख किया है, जिसके मुताबिक राज्यपाल विधायिका के लोकपाल के रूप में काम नहीं कर सकता है.

पढ़ें-कर्नाटक में सरकार गिराने के लिए संसदीय प्रक्रिया का चीर हरण हो रहा है : कांग्रेस

विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने शुक्रवार को सदन की कार्यवाही स्थगित करने से पहले गठबंधन से यह वादा लिया था कि विश्वास मत सोमवार को निष्कर्ष पर पहुंच जाएगा. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी स्थिति में इसे और अधिक नहीं टाला जाए. 

विश्वास प्रस्ताव पर सत्तापक्ष द्वारा अपने विधायकों की लंबी सूची को बोलने का मौका दिये जाने पर जोर दिया है और चर्चा पूरी होनी बाकी है, ऐसे में राजनीतिक गलियारों में ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या सोमवार को विश्वास प्रस्ताव पर मतदान होगा और क्या सरकार इस प्रक्रिया को और नहीं टालने के अपने वादे को पूरा करेगी. 

यदि सत्तारूढ़ गठबंधन सोमवार को भी इसे टालने की कोशिश करती है तो फिर सारी नजरें राज्यपाल के अगले कदम पर होंगी. 

विश्वास प्रस्ताव पर मतदान की प्रक्रिया को सत्तारूढ़ गठबंधन द्वारा पूरा करने में की जा रही देर को बागी विधायकों को कांग्रेस-जद(एस) के मनाने की आखिरी पल तक की जा रही कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. 

सूत्रों के मुताबिक इस सिलसिले में कोशिशें की गई हैं लेकिन इसका कुछ ज्यादा लाभ अब तक नहीं मिल पाया है क्योंकि बागी विधायकों का दावा है कि उनमें से 13 एकजुट हैं और अपने इस्तीफे पर दृढ़ हैं तथा उनके लौटने का सवाल ही नहीं उठता है. 

इस बीच, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने रविवार को भरोसा जताया कि 'सोमवार' कुमारस्वामी नीत सरकार का आखिरी दिन होगा. 

येदियुरप्पा ने संवाददाताओं से कहा, 'मैं आश्वस्त हूं कि आज कुमारस्वामी सरकार का आखिरी दिन होगा. ' 

उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ गठबंधन अनावश्यक रूप से वक्त जाया कर रहा है जबकि उसे पता है कि सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों को जारी किए गए व्हिप का कोई मतलब नहीं है. 

उन्होंने कहा, 'उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट रूप से कहा है कि मुंबई में ठहरे हुए 15 विधायकों को किसी भी सूरत में विधानसभा के मौजूदा सत्र में शामिल होने के लिए मजबूर नहीं किया जाए.'

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यह उन पर (विधायकों पर) निर्भर है कि वे इसमें (सत्र में) शामिल होना चाहते हैं या नहीं.' 

उन्होंने कहा कि इस स्थिति में व्हिप का कोई महत्व नहीं रह जाता, जो सत्तारूढ़ पार्टी भी जानती है.

पढ़ें-कर्नाटक संकट पर SC- कल होगा फ्लोर टेस्ट, स्पीकर करें फैसला

वहीं, भाजपा ने अपने विधायकों को एकजुट रखने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है और उसने सोमवार तक देखो और इंतजार करो की नीति अपनाई है. 

भाजपा सूत्रों ने बताया कि यदि शक्ति परीक्षण में और देर होती है तो इससे राजनीतिक गतिरोध बढ़ेगा जिससे भगवा पार्टी राज्यपाल का रूख करने को मजबूर होगी और यहां तक कि वह इसमें हस्तक्षेप के लिए शीर्ष न्यायालय का भी रूख कर सकती है. 

येदियुरप्पा ने पहले ही दावा किया है कि कांग्रेस- जद (एस) गठबंधन के पास महज 98 विधायक हैं और वह बहुमत खो चुका है. जबकि भाजपा के पास 106 विधायक हैं और वह एक वैकल्पिक सरकार के गठन के लिए सहज स्थिति में है. 

करीब 16 विधायकों -- कांग्रेस के 13 और जद(एस) के तीन विधायकों ने इस्तीफा दिया है. जबकि दो निर्दलीय विधयकों ने भी गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है और वे अब भाजपा का समर्थन कर रहे हैं.

22:05 July 22

CM का त्याग पत्र सोशल मीडिया में वायरल, कुमारस्वामी बोले- फर्जी लेटर

कुमारस्वामी ने फर्जी लेटर दिखाया.

कर्नाटक राजनीतिक संकट के बीच सीएम कुमारस्वामी का फर्जी त्याग पत्र प्राप्त होने से हंगामा मच गया. सीएमओ ने इसे फर्जी लेटर बताया है. 
यह पत्र विधानसभा में चर्चा के वक्त कुमारस्वामी के टेबल पर दिखा. कुमारस्वामी ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है. 

कथित इस्तीफे पर सीएम कुमारस्वामी ने कहा कि 'मुझे पता चला है कि मैंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा दे दिया है. मैं नहीं जानता कि कौन मुख्यमंत्री बनने को इतना उतावला है. किसी ने मेरे फर्जी हस्ताक्षर करके यह लेटर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है. मैं पब्लिसिटी के लिए इस गिरे हुए स्तर से हैरान हूं.' 


कुमारस्वामी ने कहा, 'मुझे नहीं पता किसी ने मेरा जाली हस्ताक्षर कर उसे सोशल मीडिया में प्रसार कर रहा है. मुझे नहीं पता कि सीएम बनने का इंतजार कौन कर रहा है.
 

19:45 July 22

कर्नाटक: BJP विधायकों से मिले स्पीकर

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स्पीकर.केआर रमेश कुमार

बेंगलुरु: कर्नाटक में जारी राजनीतिक संकट के बीच स्पीकर केआर रमेश कुमार ने बीजेपी के नेताओं के साथ बैठक की. बैठक में सुनील कुमार, बासवाराज बोम्मई, सीटी रवि और जेडीएस नेता एसएसआरए महेश, एचडी रेवन्ना, बंदीप्पा कश्मीपुर शामिल हैं. बैठक विधान सौध में जारी है.

आज क्या हुआ जानें---

कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी द्वारा पेश विश्वास प्रस्ताव पर विधानसभा में तीसरे दिन सोमवार को भी चर्चा जारी रहा . उधर कांग्रेस का कहना है कि बागी विधायकों के इस्तीफे पर अध्यक्ष का फैसला आने तक विश्वास प्रस्ताव पर मतविभाजन न कराया जाए.

विधानसभा की कार्यवाही शुरु होने के समय से ही अध्यक्ष के. आर. रमेश ने सरकार को बार बार शक्ति परीक्षण की प्रक्रिया सोमवार को पूरी करने के अपने वादे का सम्मान करने की याद दिलायी.

एक घंटे की देरी से सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष ने कहा, 'सबकी नजर हम पर है. मुझे बलि का बकरा ना बनाएं. अपने लक्ष्य (शक्ति परीक्षण की प्रक्रिया पूरी करने) तक पहुंचें.' 

कुमारस्वामी ने पिछले सप्ताह बृहस्पतिवार को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव रखा था. सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन के 16 विधायकों के इस्तीफे और दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के कारण सरकार का भविष्य अधर में है.

राज्यपाल वजुभाई वाला ने पहले शुक्रवार दोपहर डेढ़ बजे तक और बाद में दिन की समाप्ति तक विश्वास प्रस्ताव पर प्रक्रिया पूरी करने को कहा था.

शुक्रवार को प्रक्रिया पूरी नहीं होने के बाद अध्यक्ष ने सरकार से यह वादा लिया था कि वह इसे सोमवार को अवश्य पूरा करेगी. इसके बाद सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई.

अध्यक्ष ने विश्वास प्रस्ताव प्रक्रिया में और देरी नहीं करने पर अपना रुख स्पष्ट किया, ‘‘इससे मेरा या सदन का अपमान होगा.’’ 

ऐसी खबरें है कि सत्तारूढ़ गठबंधन ने मत-विभाजन के लिए और दो दिन का वक्त मांगा है.

अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हम जीवन सार्वजनिक में हैं. जनता हमें देख रही है. अगर लोगों में यह विचार बन रहा है कि चर्चा के नाम पर हम समय बर्बाद कर रहे हैं तो यह मेरे या किसी के लिए भी सही नहीं होगा.’’ 

कर्नाटक सरकार के वरिष्ठ मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा ने विश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान कहा कि इस्तीफे के मुद्दे पर अध्यक्ष के निर्णय के बगैर मत-विभाजन कराने से विश्वास प्रस्ताव प्रक्रिया की कोई गरिमा नहीं रहेगी.

विश्वास प्रस्ताव पर बहस के तीसरे दिन भी जारी रहने के दौरान उन्होंने कहा, ‘‘ हम असाधारण स्थिति में आ गये हैं.... मैं अध्यक्ष से पहले इस्तीफों पर निर्णय लेने का अनुरोध करता हूं. अन्यथा इसका (विश्वास प्रस्ताव का) कोई मतलब नहीं रह जाएगा.’’ 

उन्होंने सवाल किया, 'क्या इस्तीफा स्वेच्छा से दिया गया और असली वजह क्या है? क्या वे लोकतंत्र के विरूद्ध नहीं हैं?' 

केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर प्रहार करते हुए गौड़ा ने कहा कि देश से राजनीतिक विपक्ष का सफाया करने के लिए ‘सुनियोजित तरीके से’ प्रयास चल रहा है और भाजपा द्वारा कर्नाटक में अभियान उसी प्रयास का हिस्सा है.

उन्होंने बागी विधायकों से अपने रुख पर पुनर्विचार करने की भी अपील की. 

भाजपा को संदेह है कि कांग्रेस जद(एस) सरकार बागी विधायकों को अपने पाले में करने के लिए विश्वास प्रस्ताव पर मत-विभाजन में देरी कर रही है. इन्हीं विधायकों के इस्तीफे की वजह से सरकार गिरने की कगार पर पहुंच गयी है.

राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को दो पत्र लिखे थे और शुक्रवार तक विश्वास मत पर मत-विभाजन पूरा करने को कहा था. उन्होंने आशंका प्रकट की थी कि देरी से विधायकों की खरीद-फरोख्त की गुजाइंश पैदा होती है. उन्होंने यह भी कहा था कि प्रथम दृष्टया उन्हें स्पष्ट हो चुका है कि सरकार विधानसभा का विश्वास खो चुकी है.

वरिष्ठ भाजपा नेता जगदीश शेट्टार और मधुस्वामी ने अध्यक्ष से कहा कि विश्वास प्रस्ताव पर प्रक्रिया सोमवार को पूरी कर ली जानी चाहिए और बहस अंतहीन नहीं खींची जानी चाहिए.

अध्यक्ष ने यह भी कहा कि विधायक दल के नेता को व्हिप जारी करने का अधिकार है.

अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायी दल के नेता सिद्धरमैया से कहा, ‘‘व्हिप जारी करना आपका अधिकार है. उसका पालन करना विधायकों पर है. यदि मेरे पास कोई शिकायत आती है तो मैं नियमों का पालन करते हुए फैसला लूंगा.’’ 

सिद्धरमैया ने व्हिप जारी करने को लेकर उच्चतम न्यायालय द्वारा पिछले हफ्ते दिए गए आदेश के संबंध में एक सवाल उठाया था.

इस बीच, सरकार पर दबाव डालते हुए भाजपा ने मुख्यमंत्री से कहा कि अगर उन्हें संविधान और राज्य की जनता में विश्वास है तो वह ‘इस्तीफा दें और घर जाएं.’’ 

भाजपा ने कहा कि कुमारस्वामी स्वयं विश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं लेकिन उसकी प्रक्रिया पूरी करने में देरी कर रहे हैं.

पार्टी ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है, 'अगर आपको संविधान और राज्य की जनता में जरा सा भी विश्वास और उनके लिए सम्मान है तो आप इस्तीफा दें और घर जाएं.’’ 

भाजपा ने कन्नड़ भाषा में हैशटैग चलाया है ‘‘राज्य की जनता आपको माफ नहीं करेगी.'

विधानसभा अध्यक्ष के अलावा सत्तारूढ़ गठबंधन के पास 117 विधायक हैं जिनमें कांग्रेस के 78, जदएस के 37, बसपा के एक और एक नामित हैं.

दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिलने के साथ विपक्षी भाजपा के पास 225 सदस्यीय विधानसभा में 107 विधायक हैं. 

यदि 15 विधायकों (कांग्रेस के 12 और जदएस के 3) का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है या वे मत-विभाजन से दूर रहते हैं तो सत्तारूढ़ गठबंधन के पास संख्याबल 101 रह जाएगा और सरकार अल्पमत में आ जाएगी.

18:18 July 22

कर्नाटक: इस्तीफा दे सकते हैं एचडी कुमारस्वामी?

बेंगलुर. ऐसी खबरें निकल कर आ रही है कि कर्नाटक के सीएम एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं. लेकिन इसकी कोई अभी तक पुख्ता जानकारी नहीं है. साथ ही यह भी खबर सुनने में आ रही थी कि कुमारस्वामी राज्यपाल से मुलाकात कर सकते हैं लेकिन सीएमओ ने कुमारस्वामी के राज्यपाल की मुलाकात की चर्चाओं से इनकार कर दिया है.

12:52 July 22

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स्पीकर रमेश कुमार

स्पीकर ने विधायकों से कहा कि चाहे तो चर्चा आधी रात तक कर सकते हैं लेकिन विश्वास मत के लिए आज ही करानी है.

12:46 July 22

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कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार विधानसभा पहुंचे

कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार विधानसभा पहुंचे. उन्होंने फ्लोर टेस्ट से पहले कहा कि जेडीएस त्याग करने के लिए तैयार है. नया मुख्यमंत्री कांग्रेस से बन सकता है.

बसपा विधायक एन महेश आज विधानसभ नहीं पहुंचे हैं. बसपा सुप्रीमो मायावती ने महेश से कर्नाटक सरकार के पक्ष में मतदान करने का आदेश दिया था.

11:03 July 22

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बागी विधायकों से मिलेंगे स्पीकर रमेश कुमार

कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष के.आर. रमेश कुमार ने सोमवार को राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस-जनता दल (सेकुलर) के 15 बागी विधायकों को नोटिस भेज दिया. नोटिस में विधानसभा अध्यक्ष ने 15 बागी विधायकों से सत्तारूढ़ दलों (कांग्रेस और जद-एस) द्वारा उन्हें (बागी विधायकों) अयोग्य ठहराने की याचिका पर अपना जवाब दर्ज कराने के लिए मंगलवार पूर्वान्ह 11 बजे यहां स्थित उनके कार्यालय में मिलने के लिए कहा है. सत्तारूढ़ दल द्वारा सदन में विश्वास प्रस्ताव के दौरान उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किए जाने के बावजूद बागी विधायकों के अनुपस्थित रहने पर सत्तारूढ़ दलों ने विधानसभा अध्यक्ष से उन्हें अयोग्य ठहराने के लिए याचिका दायर की है.

11:03 July 22

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सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनावाई से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के दो निर्दलीय विधायकों की याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया.

10:41 July 22

भाजपा विधायक विधानसभा पहुंचे

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भाजपा विधायकों के साथ बीजेपी नेता बीएस येदिरुप्पा विधानसभा पहुंचे

10:41 July 22

फ्लोर टेस्ट के मद्देनजर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई

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विधायक विधानसभा के लिए रवाना

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विधानसभा जाते भाजपा विधायक

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कर्नाटक संकट लाइव अपडेट

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विधानसभा जाते विधायक

बेंगलुरु: कर्नाटक में कांग्रेस-जद(एस) सरकार रहेगी या जाएगी, इस पर आज विधानसभा में फैसला होने की संभावना है. वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने भरोसा जताया है कि यह (सोमवार) कुमारस्वामी सरकार का आखिरी दिन होगा.

दरअसल, गठबंधन के विधायकों के इस्तीफों के बाद एच डी कुमारस्वामी नीत सरकार ने 19 जुलाई को बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल द्वारा दी गई दो समय-सीमाओं का पालन नहीं किया था. मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी द्वारा लाये गए विश्वास प्रस्ताव पर गठबंधन सरकार के चर्चा खींचने की अब भी कोशिशें करने की खबरों और उच्चतम न्यायालय से कोई ना कोई राहत मिलने की उम्मीद के बीच कांगेस तथा जद(एस) बागी विधायकों का समर्थन वापस हासिल करने के लिए अब तक प्रयासरत हैं.

इससे पहले कुमारस्वामी और कांग्रेस ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय का रूख कर आरोप लगाया था कि राज्यपाल ने उस वक्त विधानसभा की कार्यवाही में हस्तक्षेप किया, जब विश्वास मत पर चर्चा चल रही थी. साथ ही, उन्होंने 17 जुलाई के शीर्ष न्यायालय के आदेश पर भी स्पष्टीकरण मांगा है.

आदेश में कहा गया था कि बागी विधायकों को सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता.

शुक्रवार को दोपहर डेढ़ बजे की समय सीमा और विश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया शुक्रवार तक संपन्न करने की समय सीमा को नजदअंदाज किए जाने के बाद विधानसभा की कार्यवाही सोमवार के लिए स्थगित कर दी गई थी. 

सत्तारूढ़ गठबंधन ने समय सीमा का निर्देश देने की राज्यपाल की शक्तियों पर सवाल उठाया है और कुमारस्वामी ने उच्चतम न्यायालय के एक फैसले का उल्लेख किया है, जिसके मुताबिक राज्यपाल विधायिका के लोकपाल के रूप में काम नहीं कर सकता है.

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विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने शुक्रवार को सदन की कार्यवाही स्थगित करने से पहले गठबंधन से यह वादा लिया था कि विश्वास मत सोमवार को निष्कर्ष पर पहुंच जाएगा. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी स्थिति में इसे और अधिक नहीं टाला जाए. 

विश्वास प्रस्ताव पर सत्तापक्ष द्वारा अपने विधायकों की लंबी सूची को बोलने का मौका दिये जाने पर जोर दिया है और चर्चा पूरी होनी बाकी है, ऐसे में राजनीतिक गलियारों में ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या सोमवार को विश्वास प्रस्ताव पर मतदान होगा और क्या सरकार इस प्रक्रिया को और नहीं टालने के अपने वादे को पूरा करेगी. 

यदि सत्तारूढ़ गठबंधन सोमवार को भी इसे टालने की कोशिश करती है तो फिर सारी नजरें राज्यपाल के अगले कदम पर होंगी. 

विश्वास प्रस्ताव पर मतदान की प्रक्रिया को सत्तारूढ़ गठबंधन द्वारा पूरा करने में की जा रही देर को बागी विधायकों को कांग्रेस-जद(एस) के मनाने की आखिरी पल तक की जा रही कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. 

सूत्रों के मुताबिक इस सिलसिले में कोशिशें की गई हैं लेकिन इसका कुछ ज्यादा लाभ अब तक नहीं मिल पाया है क्योंकि बागी विधायकों का दावा है कि उनमें से 13 एकजुट हैं और अपने इस्तीफे पर दृढ़ हैं तथा उनके लौटने का सवाल ही नहीं उठता है. 

इस बीच, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने रविवार को भरोसा जताया कि 'सोमवार' कुमारस्वामी नीत सरकार का आखिरी दिन होगा. 

येदियुरप्पा ने संवाददाताओं से कहा, 'मैं आश्वस्त हूं कि आज कुमारस्वामी सरकार का आखिरी दिन होगा. ' 

उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ गठबंधन अनावश्यक रूप से वक्त जाया कर रहा है जबकि उसे पता है कि सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों को जारी किए गए व्हिप का कोई मतलब नहीं है. 

उन्होंने कहा, 'उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट रूप से कहा है कि मुंबई में ठहरे हुए 15 विधायकों को किसी भी सूरत में विधानसभा के मौजूदा सत्र में शामिल होने के लिए मजबूर नहीं किया जाए.'

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यह उन पर (विधायकों पर) निर्भर है कि वे इसमें (सत्र में) शामिल होना चाहते हैं या नहीं.' 

उन्होंने कहा कि इस स्थिति में व्हिप का कोई महत्व नहीं रह जाता, जो सत्तारूढ़ पार्टी भी जानती है.

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वहीं, भाजपा ने अपने विधायकों को एकजुट रखने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है और उसने सोमवार तक देखो और इंतजार करो की नीति अपनाई है. 

भाजपा सूत्रों ने बताया कि यदि शक्ति परीक्षण में और देर होती है तो इससे राजनीतिक गतिरोध बढ़ेगा जिससे भगवा पार्टी राज्यपाल का रूख करने को मजबूर होगी और यहां तक कि वह इसमें हस्तक्षेप के लिए शीर्ष न्यायालय का भी रूख कर सकती है. 

येदियुरप्पा ने पहले ही दावा किया है कि कांग्रेस- जद (एस) गठबंधन के पास महज 98 विधायक हैं और वह बहुमत खो चुका है. जबकि भाजपा के पास 106 विधायक हैं और वह एक वैकल्पिक सरकार के गठन के लिए सहज स्थिति में है. 

करीब 16 विधायकों -- कांग्रेस के 13 और जद(एस) के तीन विधायकों ने इस्तीफा दिया है. जबकि दो निर्दलीय विधयकों ने भी गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है और वे अब भाजपा का समर्थन कर रहे हैं.

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LD KARNATAKA
HDK govt fate likely to be decided on Monday; Rebels stick to
stand on not attending assembly
(Eds: Updates with statements of CM, rebel MLAs)
Bengaluru, July 21 (PTI) The fate of the fragile
Congress-JDS government in Karnataka is likely to be decided
on the floor of the assembly Monday even as the rebel MLAs
Sunday bluntly refused to compromise on their stand and Chief
Minister H D Kumaraswamy made an appeal to them to attend the
House in an effort to save his 14-month old ministry.
Two days of efforts to woo back the rebel MLAs after the
government defied on July 19 two deadlines set by Governor
Vajubhai Vala to prove majority appeared to have fallen flat
as the lawmakers hunkered down in a Mumbai hotel asserted they
would not return and rejected allegations they were held
captive.
We thought this government will do good to the state but
it did not happen. There is no question of our attending the
assembly session tomorrow, rebel JD(S) MLA K Gopalaiah said
in a video, flanked by ten other legislators.
A H Vishwanath, who resigned as the JD(S) state president
following the Lok Sabha election debacle, said "the demonic
politics in the name of coalition has done no good to the
people and compelled the MLAs to reisgn."
Amid reports that the government was still trying to
prolong the discussion on the confidence motion moved by the
Chief Minister on Thursday, hoping for some kind of relief
from the Supreme Court, senior minister and Congress trouble
shooter D K Shivakumar claimed Kumaraswamy has told the
Congress that it can appoint anyone of its choice as CM to
save the coalition.
There was however no confirmation from the JDS that it
has made such a proposal though there were reports earlier
that such a suggestion by Kumaraswamy was shot down by his
father and JDS supremo H D Deve Gowda.
Kumaraswamy and the Congress had moved the Supreme Court
on Friday, accusing the Governor of interfering with the
Assembly proceedings when the debate on the trust vote was
underway and sought clarification on its July 17 order, which
they said,caused hindrance in issuing whip to the legislators.
Kumaraswamy on Sunday mounted a scathing attack on BJP,
accusing it of touching a new low by by its "immoral
politics".
It is a matter of immense pain and disgust that the BJP
has not only taken Karnataka's political scenario to a new
low, but also touched a new low in the country for immoral
politics. The BJP has made a mockery of democracy by taking
away several MLAs from ruling coalition forcefully, he said
in a statement.
Asserting that he did not wish to cling to power,
Kumaraswamy said his only intention for seeking time for the
debate on trust vote was to let the entire country know how
the BJP was trying to "subvert" the democratic principles and
the Constitution.
Amidst all these developments, which are a result of
sole ambition to capture power through immoral and illegal
ways, the BJP has been demanding I must resign immediately and
has even got the Raj Bhavan to set deadlines for putting the
confidence motion into vote, the chief minister said.
He made a fervent appeal to the disgruntled MLAs to
return and 'expose' the BJP.
I would like to appeal to such MLAs who have gone away
from us to please attend the legislature session and narrate
how the BJP took them away forcefully," he said.
The JDS leader also assured he would do every bit to
solve their problems as he insisted there was a need to save
the democratically elected government from the evil forces
which are trying to shake the very foundation of democracy by
misusing their political influence."
Meanwhile, the coalition received a minor relief when
Bahujan Samajwadi Party supremo Mayawati directed her partys
lone MLA in Karnataka N Mahesh to vote in favour of the trust
motion.
BJP state president B S Yeddyurappa hit back at
Kumaraswamy questioning where was his morality when the JDS
and Congress came together to satiate the greed for power
after fighting elections against each other.
The assembly was adjourned till Monday after the
Governor's 1.30 PM deadline and the second one to conclude the
confidence motion process by Friday itself was ignored,
prolonging the climax to the ceaseless power struggle that has
been on for the last three weeks.
As the situation threatens to blow into a Constitutional
crisis, the ruling coalition has vociferously questioned the
Governor's power to issue such directions.
However, before adjourning the House on Friday, Speaker
Ramesh Kumar extracted a "commitment" from the coalition that
the motion of confidence would reach finality on Monday, even
as he made it clear that it would not be prolonged further
under any circumstances.
With treasury benches insisting that the Speaker allow
its long list of speakers to voice their feelings, questions
are still being raised in political circles over whether
voting on the motion will happen Monday also.
If the ruling coalition tries to delay the proceedings
on Monday also, all eyes will be on the next move by the
Governor, who has been keeping the Centre posted on the
unfolding drama in the state.
The "delay" in completing the trust vote process was
seen as an attempt by the ruling coalition aimed at buying
time to woo back rebel MLAs, sequestered in Mumbai to protect
them from poaching by the ruling coalition, whose resignation
has pushed the government to the brink of collapse.
Yeddyurappa exuded confidence Monday would be the last
day of the Kumaraswamy led coalition government.
"As Siddaramaiah, Speaker and Kumaraswamy have said
that they will seek majority on Monday, I am 100 per cent
confident that things will reach a conclusion. I am confident
that tomorrow is the last day of the Kumaraswamy government,"
Yeddyurappa told reporters here.
Meanwhile, BJP has left no stone unturned to keep its
flock together ahead of the trust vote by herding its MLAs to
a resort and has decided to wait and watch till Monday about
the coalition and the Speaker's commitment to complete the
trust vote.
If the floor test is further delayed, it will worsen the
political logjam, compelling BJP to approach the Governor and
even move the apex Court for intervention, party sources said.
On the CM failing to prove majority on the floor of the
House. House during the trust vote on Monday,Kumaraswamy will
have to tender the resignation, following which the procedure
to form an alternative government will be kickstarted.
Yeddyurappa has already claimed that the Congress-JD(S)
coalition had just 98 legislators and it has lost majority,
while the BJP led by him, with 106 MLAs ,was in a comfortable
position to form an alternative government.
As many as 16 MLAs -- 13 from the Congress and three from
JDS-- had resigned, while independent MLAs R Shankar and H
Nagesh have withdrawn their support to the coalition
government, pushing the government to the precipice.
One Congress member Ramalinga Reddy retracted, saying he
would support the government.
The ruling combine's strength is 117-- Congress 78, JD(S)
37, BSP 1, and nominated 1, besides the Speaker.
With the support of the two independents, the opposition
BJP has 107 MLAs in the 225-member House, including the
nominated MLA and Speaker.
If the resignations of 15 MLAs (12 from Congress and
three from JDS) are accepted or if they stay away, the ruling
coalition's tally will plummet to 101, (excluding the Speaker)
reducing the government to a minority.
The coalition strength would fall further to 98 as
claimed by Yeddyurappa, as two Congress MLAs are unlikely to
attend due to health reasons.
BJPs strength is also likely to come down to 106, as
Shankar who has extended support to the saffron party will not
attend the session, according to sources, fearing poaching by
Congress as Speaker has not accepted his request for his
seating arrangement along with opposition. PTI GMS KSU RA i
VS
VS
07212218
NNNN
Last Updated : Jul 22, 2019, 10:13 PM IST
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