जींद: हरियाणा पुलिस में तैनात जवान विक्रम सिंधु कृषि तकनीकों का प्रयोग करके आज देश के सामने मिसाल बन चके हैं. विक्रम सिंधु ने आज के युग में रसायनिक खेती को छोड़ पारंपरिक खेती को बढ़ावा देना का बीड़ा उठाया है. विक्रम संधु ना सिर्फ इस तकनीक का इस्तेमाल करते हैं. बल्कि सैकड़ों किसानों को पारंपरिक खेती करने के लिए बढ़ावा देते हैं.
अपने खेत में विक्रम ने बनाया किसान प्रशिक्षण केंद्र
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8 मौतों की खबर पढ़ कुछ अलग करने का लिया फैसला
जब हमने विक्रम संधु से पूछा कि उन्हें इस काम की प्रेरणा कहां से मिली तो उन्होंने बताया कि उन्हें हिसार जिले के गांव खण्डा खेड़ी में 2013 में एक साथ कैंसर से हुई 8 मौतों ने बड़ा झटका दिया था. विशेषज्ञों का मानना था कि सभी मौतों के पीछे का कारण अत्यधिक रसायन युक्त खेती है. बस फिर क्या था विक्रम सिंधु ने गांव में कुदरती खेती यानी जहर मुक्त खेती करने का निर्णय ले लिया.
1 एकड़ से 6-8 लाख रुपये की होती है कमाई
विक्रम सिंधु ने अपने ही खेत में एक मल्टी-क्रापिंग मॉडल तैयार किया है जिससे सब्जी, अनाज और फल एक साथ पैदा किये जा सकते हैं. उनका कहना है कि यदि इस तरीके से खेती की जाए तो 1 एकड़ से 6-8 लाख रुपये की कमाई की जा सकती है और किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं.
इजराइल पीएम के सलाहकार भी हुए विक्रम के फैन!
विक्रम का जहर मुक्त खेती अभियान इजराइल को भी पसंद आया. इजराइल के प्रधानमंत्री नेतनयाहू के विदेशी मामलों के सलाहाकर मेहंदी सफा ने पहले सिपाही विक्रम के खेत का दौरा किया और अब उन्हें इजराइल बुलाया है ताकि वहां के किसानों को भी जहर मुक्त खेती कैसे की जाती है इसके बारे में जानकारी दी जा सके. इतना ही नहीं देश के केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर व पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह ने भी पिछले दिनों सिपाही विक्रम सिंधु को जहर मुक्त खेती अभियान के बारे में जानकारी देने के लिए बुलाया है.