चंडीगढ़ : जानकार कह रहे हैं कि आने वाले समय में ज्यादातर अपराध इंटरनेट से होगा. यानि बढ़ता साइबर क्राइम हर देश के लिए चुनौती है. भारत में साइबर क्राइम के लिए अभी भी पुख्ता इंतजाम नहीं हो पाया है. हरियाणा में भी साइबर अपराध नए-नए तरीके से सामने आ रहा है. इसमें से एक है ग्लोबल साइबर क्राइम के मामले. ईटीवी भारत अपनी इस रिपोर्ट में आपको बतायेगा कि हरियाणा में ग्लोबल साइबर क्राइम के मामलो में पुलिस क्या करती है. कैसे इन मामलों को निपटाती है.
इस तरह से हैक करते हैं अपराधी
इस संबंध में हमने डीसीपी पंचकूला मोहित हांडा से बाचतीच की. हांडा के मुताबिक ग्लोबल साइबर क्राइम से जुड़े अपराधों में लगातार परिवर्तन आ रहा है. उन्होंने बताया कि साइबर क्रिमिनल पहले केवल किसी कंपनी के सिस्टम या अकाउंट हैक कर उसमें से पैसे निकालते थे, अब हैकर्स की नजर लोगों के पर्सनल लैपटॉप और कंप्यूटर्स पर भी है.
वक्त बदलने के साथ-साथ इसमें तरह-तरह के बदलाव आ रहे हैं, जैसे- किसी की आईडेंटिटी चुरा लेने का मामला, जिसमें हैकर किसी व्यक्ति की फेक प्रोफाइल बनाकर उसके बारे में आपत्तिजनक मैसेज डाल देता है. या फिर उनके दोस्तों को आपत्तिजनक मैसेजे कर देता है. उसके बाद ब्लैकमेलिंग कर हैकर्स लोगों से पैसे ऐंठते हैं.
मोबाइल एप्लिकेशन के मामले ज्यादा
मौजूदा समय में ई-वायलेट फ्रॉड भी सामने आ रहे हैं, जैसे कि पेटीएम, फोन-पे जैसे एप्लिकेशन के वॉलेट से पैसे चुरा लेना. डीसीपी पंचकूला मोहित हांडा के मुताबिक किसी भी तरह के साइबर क्राइम को रोकने का सबसे सही और असरदार तरीका है उपभोक्ता का जागरुक होना. जानकारी के अभाव में उपभोक्ता हैकर्स के शिकार हो जाते हैं. इसके अलावा हैकर्स वायरस के जरिए भी कंप्यूटर्स को हैक रहे हैं.
ग्लोबल क्राइम के खिलाफ कैसे काम करती है हरियाणा पुलिस?
पिछले कुछ सालों से हरियाणा पुलिस हैकर्स से निपटने के लिए खुद को तैयार कर रही है. कुछ मामलों में पुलिस को कामयाबी भी मिली है. इंटरनेट के ये अपराधी अभी तक फोन कॉल के जरिए साइबर क्राइम की वारदात को अंदाम देते थे. करनाल की मधुबन अकेडमी में हरियाणा पुलिस के जवानों को ग्लोबल और साइबर क्राइम से निपटने के लिए ट्रेनिंग दी जाती है.
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अगर फ्रॉड का कोई जटिल मामला होता है तो उसमें बाहर के आईटी एक्सपर्ट्स की मदद ली जाती है. उन आईटी एक्सपर्ट्स से भी पुलिस कर्मचारियों का प्रशिक्षण करवाया जाता है ताकि वो अप-टू-डेट रह सकें. डीसीपी ने बताया कि मौजूदा समय में जितने भी नए साइबर क्राइम हो रहे हैं वे ग्लोबल नेचर के हैं.