नई दिल्ली : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इन दिनों मालदीव दौरे पर हैं. उन्होंने सोमवार को मालदीव के गृह मंत्री इमरान अब्दुल्ला से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच द्विपक्षी संबंधों को लगातार आगे बढ़ाने की दिशा में उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा की.
गौरतलब है कि मालदीव में पिछले साल नवंबर में राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह की सरकार के सत्ता में आने के बाद भारत की ओर से द्वीपीय देश की यह पहली पूर्ण द्विपक्षीय यात्रा है.
इस विषय पर ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के निदेशक हर्ष वी पंत ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने भारत-मालदीव के संबंधों का बहुत करीब से आकलन किया है.
उन्होंने कहा कि सुषमा स्वराज की मालदीव की यह दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा दोनों देशों के लिए 'एक नए चरण' की शुरुआत है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारत की विदेश नीति को देखें, तो मालदीव उसके स्ट्रेटेजी का बहुत अहम हिस्सा है.
Ministry of External Affairs: India and Maldives sign an agreement and two MoUs, including MoU on collaboration in the field of energy efficiency and renewable energy. pic.twitter.com/WXxJ42PnyF
— ANI (@ANI) March 18, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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उनके अनुसार मालदीव में हुए चुनावों के बाद हमारे रिश्तों में एक नई तेजी आई है. अब हम एक अधिक संतुलित संबंध देख रहे हैं, जहां मालदीव विदेश नीति बनाते समय भारतीय संवेदनशीलता का ध्यान रख रहा है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर में मालदीव की यात्रा की थी, लेकिन उस वक्त वह सिर्फ सोलिह के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए गए थे और तब दोनों नेताओं के बीच कोई विशेष बातचीत नहीं हुई थी.
गौरतलब है कि चीन के करीबी माने जाने वाले पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के कार्यकाल के दौरान दोनों देशों के संबंध में तनाव आ गया था. लेकिन अब सोलिह के सत्ता में आने के बाद स्थिति कुछ सुधरती नजर आ रही है.