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भारत-मालदीव के बीच नए चरण की शुरुआत, जानें एक्पर्ट की क्या है राय - harsh pant

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज मालदीव के दो दिवसीय दौरे पर हैं. दोनों देशों के बीच संबंधों में तेजी से सुधार आया है. क्या ये चीन पर दबाव बनाने की राजनीति है, जानें एक्सपर्ट की राय

सुषमा स्वराज और मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद.
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Published : Mar 18, 2019, 8:06 PM IST

Updated : Mar 19, 2019, 8:07 PM IST

नई दिल्ली : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इन दिनों मालदीव दौरे पर हैं. उन्होंने सोमवार को मालदीव के गृह मंत्री इमरान अब्दुल्ला से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच द्विपक्षी संबंधों को लगातार आगे बढ़ाने की दिशा में उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा की.

गौरतलब है कि मालदीव में पिछले साल नवंबर में राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह की सरकार के सत्ता में आने के बाद भारत की ओर से द्वीपीय देश की यह पहली पूर्ण द्विपक्षीय यात्रा है.

etv
सुषमा स्वराज और राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह.

इस विषय पर ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के निदेशक हर्ष वी पंत ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने भारत-मालदीव के संबंधों का बहुत करीब से आकलन किया है.

उन्होंने कहा कि सुषमा स्वराज की मालदीव की यह दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा दोनों देशों के लिए 'एक नए चरण' की शुरुआत है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारत की विदेश नीति को देखें, तो मालदीव उसके स्ट्रेटेजी का बहुत अहम हिस्सा है.

  • Ministry of External Affairs: India and Maldives sign an agreement and two MoUs, including MoU on collaboration in the field of energy efficiency and renewable energy. pic.twitter.com/WXxJ42PnyF

    — ANI (@ANI) March 18, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उनके अनुसार मालदीव में हुए चुनावों के बाद हमारे रिश्तों में एक नई तेजी आई है. अब हम एक अधिक संतुलित संबंध देख रहे हैं, जहां मालदीव विदेश नीति बनाते समय भारतीय संवेदनशीलता का ध्यान रख रहा है.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर में मालदीव की यात्रा की थी, लेकिन उस वक्त वह सिर्फ सोलिह के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए गए थे और तब दोनों नेताओं के बीच कोई विशेष बातचीत नहीं हुई थी.

हर्ष वी पंत से खास बातचीत.

गौरतलब है कि चीन के करीबी माने जाने वाले पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के कार्यकाल के दौरान दोनों देशों के संबंध में तनाव आ गया था. लेकिन अब सोलिह के सत्ता में आने के बाद स्थिति कुछ सुधरती नजर आ रही है.

नई दिल्ली : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इन दिनों मालदीव दौरे पर हैं. उन्होंने सोमवार को मालदीव के गृह मंत्री इमरान अब्दुल्ला से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच द्विपक्षी संबंधों को लगातार आगे बढ़ाने की दिशा में उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा की.

गौरतलब है कि मालदीव में पिछले साल नवंबर में राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह की सरकार के सत्ता में आने के बाद भारत की ओर से द्वीपीय देश की यह पहली पूर्ण द्विपक्षीय यात्रा है.

etv
सुषमा स्वराज और राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह.

इस विषय पर ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के निदेशक हर्ष वी पंत ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने भारत-मालदीव के संबंधों का बहुत करीब से आकलन किया है.

उन्होंने कहा कि सुषमा स्वराज की मालदीव की यह दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा दोनों देशों के लिए 'एक नए चरण' की शुरुआत है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारत की विदेश नीति को देखें, तो मालदीव उसके स्ट्रेटेजी का बहुत अहम हिस्सा है.

  • Ministry of External Affairs: India and Maldives sign an agreement and two MoUs, including MoU on collaboration in the field of energy efficiency and renewable energy. pic.twitter.com/WXxJ42PnyF

    — ANI (@ANI) March 18, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उनके अनुसार मालदीव में हुए चुनावों के बाद हमारे रिश्तों में एक नई तेजी आई है. अब हम एक अधिक संतुलित संबंध देख रहे हैं, जहां मालदीव विदेश नीति बनाते समय भारतीय संवेदनशीलता का ध्यान रख रहा है.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर में मालदीव की यात्रा की थी, लेकिन उस वक्त वह सिर्फ सोलिह के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए गए थे और तब दोनों नेताओं के बीच कोई विशेष बातचीत नहीं हुई थी.

हर्ष वी पंत से खास बातचीत.

गौरतलब है कि चीन के करीबी माने जाने वाले पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के कार्यकाल के दौरान दोनों देशों के संबंध में तनाव आ गया था. लेकिन अब सोलिह के सत्ता में आने के बाद स्थिति कुछ सुधरती नजर आ रही है.

Intro:Not long ago, India's relationship with its long time ally Maldives were at all time low. Former Maldivian President Abdulla Yameen's anti-India policies were largely credited for it. His 'pro-China' stand had severaly frustrated Modi government's bid to outreach it's neighbours.








Body:But since the transition of power in November last year, both countries are looking towards a new beginning. As part of it, External Affairs Minister Sushma Swaraj visited the island nation on the invitation of her Maldivian counterpart Abdulla Shahid. 


Observer Research Foundation's Director Research Harsh V Pant, who has extensively written on India-Maldives relations called Maldives an important ally for India's strategic periphery. 


He also claimed that Sushma Swaraj's two-day official visit to Maldives is the beginning of 'a new phase' for both countries. The senior researcher at the ORF also said, 'after elections we have seen a new upswing in the relationship. We are looking at a more balanced relationship where Maldives is taking into account Indian sensitivities while making it's foreign policy.'


Swaraj's visit comes more than three months after Prime Minister Modi took part in newly elected Maldivian President Ibrahim Mohammed Solih's swearing-in ceremony. 


Conclusion:In a joint statement with her Indian counterpart today, Abdulla Shahid reiterated Maldives India-first stand. He even assured that Maldives will remain sensitive towards India's security and strategic concerns.


When asked what should be India's next step towards strengthening ties between both countries, Harsh Pant said, 'now as Maldives has a government which is more in sync with Indian priorities, both countries can work together towards achieving ambitions which they both have both for the region.'



Last Updated : Mar 19, 2019, 8:07 PM IST
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