नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने एअर इंडिया के 100 फीसदी शेयर बेचने का फैसला किया है. सरकार के इस फैसले के बाद नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि एअर इंडिया और एअर इंडिया एक्सप्रेस एक अच्छी परिसम्पत्ति हैं.
हरदीप पुरी ने कहा कि बोली लगाने में सफल रहने वाले एअर इंडिया ब्रांड का उपयोग जारी रख सकेंगे. उन्होंने कहा कि एअर इंडिया की हिस्सेदारी बेचने के संबंध में 2018 में जो परेशानी आई थी, उनसे सबक लिया गया है.
आपको बता दें कि 2018 में सरकार ने एअर इंडिया के 76 प्रतिशत शेयर बेचने और निजी हाथों में इसका प्रबंधन नियंत्रण स्थानांतरित करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन इसके लिए बोली लगाने वाले नहीं मिला.
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एअर इंडिया के विनिवेश को अधिक आकर्षक बनाने के लिए सरकार ने इस बार बोलियां लगाने के नियम 2018 की तुलना में आसान बनाए हैं. अब 3,500 करोड़ रुपये की नेटवर्थ वाले समूह भी कम्पनी के लिए बोली लगा सकेंगे. वहीं किसी समूह में उसके अलग-अलग भागीदारों की न्यूनतम हिस्सेदारी 10 प्रतिशत तय कर दी गई है.
पुरी ने कहा कि लेनदेन के समापन के पहले एरिअर के साथ कर्मचारियों का बकाया एयर इंडिया की एसेट्स होल्डिंग कम्पनी द्वारा भुगतान किया जाएगा.