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एअर इंडिया के लिए 3,500 करोड़ की नेटवर्थ वाले भी लगा सकेंगे बोली - hardeep singh on air india

एअर इंडिया के विनिवेश को अधिक आकर्षक बनाने के लिए सरकार ने इस बार बोलियां लगाने के नियम 2018 की तुलना में आसान बनाए हैं. अब 3,500 करोड़ रुपये की नेटवर्थ वाले समूह भी कम्पनी के लिए बोली लगा सकेंगे. वहीं किसी समूह में उसके अलग-अलग भागीदारों की न्यूनतम हिस्सेदारी 10 प्रतिशत तय कर दी गई है. पढ़ें खबर विस्तार से....

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विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी
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Published : Jan 27, 2020, 9:36 PM IST

Updated : Feb 28, 2020, 4:49 AM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने एअर इंडिया के 100 फीसदी शेयर बेचने का फैसला किया है. सरकार के इस फैसले के बाद नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि एअर इंडिया और एअर इंडिया एक्सप्रेस एक अच्छी परिसम्पत्ति हैं.

हरदीप पुरी ने कहा कि बोली लगाने में सफल रहने वाले एअर इंडिया ब्रांड का उपयोग जारी रख सकेंगे. उन्होंने कहा कि एअर इंडिया की हिस्सेदारी बेचने के संबंध में 2018 में जो परेशानी आई थी, उनसे सबक लिया गया है.

आपको बता दें कि 2018 में सरकार ने एअर इंडिया के 76 प्रतिशत शेयर बेचने और निजी हाथों में इसका प्रबंधन नियंत्रण स्थानांतरित करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन इसके लिए बोली लगाने वाले नहीं मिला.

मीडिया से बात करते नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी.

पढ़ें : केंद्र सरकार पूरी तरह कंगाल हो चुकी है : यशवंत सिन्हा

एअर इंडिया के विनिवेश को अधिक आकर्षक बनाने के लिए सरकार ने इस बार बोलियां लगाने के नियम 2018 की तुलना में आसान बनाए हैं. अब 3,500 करोड़ रुपये की नेटवर्थ वाले समूह भी कम्पनी के लिए बोली लगा सकेंगे. वहीं किसी समूह में उसके अलग-अलग भागीदारों की न्यूनतम हिस्सेदारी 10 प्रतिशत तय कर दी गई है.

पुरी ने कहा कि लेनदेन के समापन के पहले एरिअर के साथ कर्मचारियों का बकाया एयर इंडिया की एसेट्स होल्डिंग कम्पनी द्वारा भुगतान किया जाएगा.

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने एअर इंडिया के 100 फीसदी शेयर बेचने का फैसला किया है. सरकार के इस फैसले के बाद नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि एअर इंडिया और एअर इंडिया एक्सप्रेस एक अच्छी परिसम्पत्ति हैं.

हरदीप पुरी ने कहा कि बोली लगाने में सफल रहने वाले एअर इंडिया ब्रांड का उपयोग जारी रख सकेंगे. उन्होंने कहा कि एअर इंडिया की हिस्सेदारी बेचने के संबंध में 2018 में जो परेशानी आई थी, उनसे सबक लिया गया है.

आपको बता दें कि 2018 में सरकार ने एअर इंडिया के 76 प्रतिशत शेयर बेचने और निजी हाथों में इसका प्रबंधन नियंत्रण स्थानांतरित करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन इसके लिए बोली लगाने वाले नहीं मिला.

मीडिया से बात करते नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी.

पढ़ें : केंद्र सरकार पूरी तरह कंगाल हो चुकी है : यशवंत सिन्हा

एअर इंडिया के विनिवेश को अधिक आकर्षक बनाने के लिए सरकार ने इस बार बोलियां लगाने के नियम 2018 की तुलना में आसान बनाए हैं. अब 3,500 करोड़ रुपये की नेटवर्थ वाले समूह भी कम्पनी के लिए बोली लगा सकेंगे. वहीं किसी समूह में उसके अलग-अलग भागीदारों की न्यूनतम हिस्सेदारी 10 प्रतिशत तय कर दी गई है.

पुरी ने कहा कि लेनदेन के समापन के पहले एरिअर के साथ कर्मचारियों का बकाया एयर इंडिया की एसेट्स होल्डिंग कम्पनी द्वारा भुगतान किया जाएगा.

Intro:New Delhi: Hours after government announced the opening of initial bids for 100% stake sale of Air India, the Minister of Civil Aviation, Hardeep Singh Puri said that Air Indian and Air India Express are great assets but due to its accumulated debt its financial position is very fragile and Air India is under a debt trap.


Body:Hardeep Singh Puri on Monday said government has limited financial resources where the private investor can bring the required capital and make it a profitable venture. He said that they learnt lessons from 2018 move when the government tried to sell 76 % of Air India control to private players.

"All lands, building assets including paintings, arts are not the part of the transaction. However, certain land and buildings at Mumbai, Delhi airports and corporate offices which are core assets for running the airline will be given to the new investor on right to use basis for a limited period," the minster pointed out from the Priliminary Information Memorandum (PIM).

Hardeep Singh Puri said the financial capability of prospective investors has also been made more attractive such as lowering of net worth criteria to Rs 3,500 crores. "We want Air India as brand to continue to fly but we need to privatise it," he added.



Conclusion:Talking about unpaid salaries, Hardeep Singh Puri said employees dues with arrears will be paid by the Air India assets holding company before the closing of the proposed transaction.

In 2018, the government had made an unsuccessful attempt to sell Air India, this time the prospective buyers are being offered hundred percent of Air India, along with Rs 23,286 crore debt. The government has set March 17 as a deadline for potential buyers to submit their initial expressions of interest.
Last Updated : Feb 28, 2020, 4:49 AM IST
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