नई दिल्ली:केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि नॉर्थ और साउथ ब्लॉक समेत सरकारी इमारतों को एक सदी से पहले बनाया गया था और विरासत को संरक्षित रखते हुए, सौंदर्यबोध की दृष्टि से नए सेंट्रल विस्टा के पुनर्निर्माण की दिशा में आगे नहीं बढ़ने का कोई कारण नहीं है.
केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री ने कहा कि कुछ लोग क्या हो रहा है, इसे जाने बिना सेंट्रल विस्टा के कायाकल्प के बारे में बात कर रहे हैं.
उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ' देखिए, हर 100 साल में किसी न किसी को इस बात की जिम्मेदारी उठानी होती है और यह निर्णय करना होता है कि शहर को कैसा दिखना चाहिए. दिल्ली की सरकारी इमारतें, राष्ट्रपति भवन, नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक, 1910 या 1920 के दशक में बने थे.'
पुरी ने कहा कि हम किराये पर हजारों करोड़ रुपये खर्च कर रहे हैं, जबकि हमारे पास जमीन है. तो इसका कोई कारण नहीं है कि हम विरासत को संरक्षित रखने के साथ साथ वास्तुशिल्प और सौंदर्य शिल्प की दृष्टि इसे एक नई और बेहतर दिल्ली क्यों नहीं बना सकते हैं.
दिल्ली के सत्ता गलियारे सेंट्रल विस्टा के पुनर्विकास की योजना है, जिसमें मौजूदा संसद भवन के बराबर में संसद की नई इमारत, मंत्रालयों के लिए साझा केंद्रीय सचिवालय, राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर लंबे राजपथ का पुनर्निर्माण आदि शामिल है.
फिलहाल, साउथ ब्लॉक में प्रधानमंत्री कार्यालय, रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय है, जबकि नॉर्थ ब्लॉक में गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय है.
गौरतलब है कि पुरी के पास नागर विमानन मंत्रालय का भी प्रभार है.
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में उच्च प्रगति साफ दिखाती है कि देश का आर्थिक विकास सुस्त नहीं है.
मंत्री ने कहा, 'आज भारत नागर विमानन का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू बाजार है. भारत के आसमान में विमानों की संख्या 650 है. हम हर हफ्ते दो विमान शामिल करते हैं'.
दिल्ली के बारे में पुरी ने कहा कि 2021 तक राष्ट्रीय राजधानी की आबादी दो करोड़ से ज्यादा होगी और उनमें से 76 लाख लोगों को नए घर मिलेंगे. अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने से 40 लाख लोगों को घर मिलेंगे और 10 लाख लोगों को झुग्गी पुनर्वास के तहत घर मिलेगा.
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साथ ही मंत्री ने 'ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन' (ओआरएफ) की एक रिपोर्ट भी जारी की जिसका शीर्षक 'भारत की पांच अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था - अवसरों को बढ़ाना और बाधाओं को दूर करना' है.