शिमलाः अक्सर आपने ट्रकों और गाड़ियों के पीछे लिखे स्लोगन पढ़े होंगे. यह काफी रोचक होते हैं. कुछ तो काफी तथ्यपूर्ण भी होते हैं. इसी तरह के स्लोगन और विचारों की भरमार सोशल मीडिया पर भी सुबह-शाम रहती है. कभी यह स्लोगन काफी हास्यप्रद तो कभी बेहद ही तर्कपूर्ण होते हैं. ठीक ऐसा ही स्लोगन आपको हिमाचल के हमीरपुर की कैंटीन में लिखा हुआ नजर आएगा. यहां चार साल पहले यह स्लोगन लिखा गया है.
स्लोगन है कि 'जब तक अन अधिकृत कश्मीर मुद्दे का हल नहीं होगा, उधार बंद है' इन लाइनों को पहली नजर में देखने और पढ़ने पर आप मुस्करा भी देंगे.
पहली नजर में शायद आप यह भी सोच लें कि यह उधार न देने का बढ़िया बहाना है लेकिन जब आप इन लाइनों को लिखने वाले शख्स से मिलेंगे तो आपकी धारणा बदल जाएगी.
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इस कैंटीन में चाय पीने के बाद जब ईटीवी भारत के कैमरे की नजर इन लाइनों पर गई तो हमारी टीम की लिखने वाले से मिलने की इच्छा हुई.
कैंटीन संचालक अनुज ने कहा कि वह सेना में भर्ती होना चाहते थे लेकिन किसी कारण ऐसा नहीं हो पाया. उन्होंने कहा कि लेकिन उनका भाई भारतीय सेना में सेवाएं दे रहा है और देश की सीमा पर तैनात है.
यह जानकर खुशी हुई कि नशे के दलदल में धंस रहे इस पीढ़ी में आज भी ऐसे युवा मौजूद हैं, जो देश के लिए सोच रहे हैं. दीवार पर संदेश ही सही लेकिन यह भी देश भक्ति का परिचय है.