श्रीनगर : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के प्रमुख महबूबा मुफ्ती के श्रीनगर स्थित आवास पर 'पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार घोषणा' के सदस्यों की बैठक आयोजित की गई. बैठक में नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला भी शामिल हुए.
बैठक के बाद फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि यह कोई राष्ट्र-विरोधी जमात नहीं है. यह भाजपा विरोधी जरूर है, जिसने संविधान की धज्जियां उड़ाई हैं. हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों के अधिकारों को बहाल किया जाए.
उन्होंने आगे कहा कि हमें धर्म के नाम पर विभाजित करने के प्रयास विफल होंगे. यह धार्मिक लड़ाई नहीं है.
वहीं बैठक में शामिल हुए अलगावादी नेता सज्जाद लोन ने कहा कि फारूक अब्दुल्ला पीपुल्स अलायंस के अध्यक्ष और महबूबा मुफ्ती उपाध्यक्ष हैं. एक महीने के भीतर एक दस्तावेज तैयार किया जाएगा, जिसके माध्यम से जितने झूठ वहां प्रसारित किए गए उनका सच सबके सामने लाया जाएगा. यह जम्मू-कश्मीर के लोगों को समर्पित होंगे, जिनकी बदनामी हो रही है.
बता दें कि, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती द्वारा भारतीय तिरंगा फहराने के लिए शर्तें लागू किए जाने के एक दिन बाद मुफ्ती ने अपने आवास में गुपकार घोषणा के लिए महत्वपूर्ण बैठक आयोजित करने की घोषणा की थी.
इससे पहले जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती शुक्रवार को मीडिया से मुखातिब हुईं. उन्होंने केंद्र सरकार की कश्मीर नीति की खूब आलोचना की. महबूबा ने कहा कि राज्य में 5 अगस्त, 2019 से पहले की स्थिति बहाल होनी चाहिए.
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ध्वज के अभाव के बारे में पूछे जाने पर, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का झंडा 'डकैतों' द्वारा चुराया गया है.
क्या है 'गुपकार समझौता'
घाटी के मुख्य राजनीतिक दल नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) समेत अन्य राजनीतिक दलों ने गुपकार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका मकसद घाटी के लोगों के अधिकार की मांग, राजनीतिक कैदियों को रिहा करवाना और जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे (अनुच्छेद 370) को बनाए रखना है.