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HC रजिस्ट्री भ्रष्टाचार मामला : अधिवक्ता यतिन ओझा ने SC से बिना शर्त माफी मांगी

हाई कोर्ट रजिस्ट्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद गुजरात हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष यतिन ओझा ने आज सुप्रीम कोर्ट में माफी मांगते हुए कहा कि उन्हें अपनी गलती का एहसास हो गया है, वह आगे से अब इस तरह की कोई गलती नहीं करेंगे. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट को झा की माफी पर विचार करने का आदेश दिया है.

सुप्रीम कोर्ट
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Published : Aug 6, 2020, 3:36 PM IST

अहमदाबाद : गुजरात हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष यतिन ओझा ने हाई कोर्ट रजिस्ट्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में बिना शर्त माफी मांगी.

इससे पहले मामले में गुजरात हाई कोर्ट ने ओझा का वरिष्ठ पदनाम छीन लिया था.

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि बार के नेता के रूप में ओझा के पास एक बड़ा कर्तव्य है और एक युवा पीढ़ी के लिए एक मॉडल होना चाहिए.

कोर्ट ने कहा कि शिकायतों को बेहतर भाषा में व्यक्त किया जा सकता है, प्रणालियों को तैयार किया जा सकता है और प्रतिवाद नहीं किया जाना चाहिए.

इसके अलावा ओझा ने अदालत को आश्वासन दिया कि वह अपनी गलती को दोबारा नहीं दोहराएंगे और उन्हें अपनी गलती का एहसास हो गया है.

पढ़ें - पालघर घटना: कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच की स्थिति रिपोर्ट मांगी

अदालत ने हाई कोर्ट को ओझा की माफी पर विचार करने का आदेश दिया और कहा कि इससे दो सप्ताह में मामले का निपटारा होने की उम्मीद है. इस मामले पर 26 अगस्त को फिर सुनवाई होगी.

अहमदाबाद : गुजरात हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष यतिन ओझा ने हाई कोर्ट रजिस्ट्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में बिना शर्त माफी मांगी.

इससे पहले मामले में गुजरात हाई कोर्ट ने ओझा का वरिष्ठ पदनाम छीन लिया था.

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि बार के नेता के रूप में ओझा के पास एक बड़ा कर्तव्य है और एक युवा पीढ़ी के लिए एक मॉडल होना चाहिए.

कोर्ट ने कहा कि शिकायतों को बेहतर भाषा में व्यक्त किया जा सकता है, प्रणालियों को तैयार किया जा सकता है और प्रतिवाद नहीं किया जाना चाहिए.

इसके अलावा ओझा ने अदालत को आश्वासन दिया कि वह अपनी गलती को दोबारा नहीं दोहराएंगे और उन्हें अपनी गलती का एहसास हो गया है.

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अदालत ने हाई कोर्ट को ओझा की माफी पर विचार करने का आदेश दिया और कहा कि इससे दो सप्ताह में मामले का निपटारा होने की उम्मीद है. इस मामले पर 26 अगस्त को फिर सुनवाई होगी.

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