नई दिल्ली : दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस और सरकार को निर्देश दिए. कोर्ट ने कहा कि सभी संबंधित विभाग इस मुद्दे को देखें और सरकारी नियम और कानून के हिसाब से काम करें.
कोर्ट ने कहा कि जनहित को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई करें और कानून व्यवस्था का भी ध्यान रखें.
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर की पीठ ने पुलिस से जनहित और कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए मामले पर गौर करने को कहा.
याचिका में दिल्ली पुलिस आयुक्त को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शनों के कारण एक माह से बंद चल रहे कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग और ओखला अंडरपास को खोलने का निर्देश देने की मांग की गई थी.
यह एक अस्थायी कदम था, लेकिन बाद में इसे बढ़ा दिया गया.
अदालत ने वकील एवं सामाजिक कार्यकर्ता अमित साहनी द्वारा दाखिल जनहित याचिका का निपटारा करते हुए यह बात कही. याचिका में मांग की गई थी कि कालिंदी कुंज और शाहीन बाग के रास्ते को खोलने के लिए कोर्ट आदेश दे. रास्ता बंद होने की वजह से दूसरे वैकल्पिक रास्तों पर भारी भीड़ हो रही है. याचिका में कहा गया था कि कालिंदी कुंज और शाहीन बाग के रास्ते में पुलिस के क्लोजर लगाने की वजह से लोगों को काफी असुविधा होती है.
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15 दिसंबर से बंद है रास्ता
याचिका में कहा गया है कि पिछले 15 दिसंबर से नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन की वजह से ये रास्ता बंद है. इस रास्ते के बंद होने की वजह से लोगों को डीएनडी एक्सप्रेस-वे और आश्रम के वैकल्पिक रूट से जाना पड़ता है.
बच्चों को होती है दिक्कत
याचिका में कहा गया है कि इस रास्ते के बंद होने की वजह से न केवल दफ्तर जाने वाले लोगों को, बल्कि बच्चों को अपने स्कूल जाने में भी दिक्कत होती है. बच्चों को स्कूल के समय से दो-दो घंटे पहले निकलना पड़ता है.
बता दें कि कालिंदी कुंज वाला रास्ता दिल्ली, फरीदाबाद (हरियाणा) और नोएडा (उत्तर प्रदेश) को जोड़ने की वजह से बहुत महत्व रखता है. याचिका में इसी मद्देनजर लिखा गया है अब लोगों को डीएनडी एवं अन्य वैकल्पिक रास्तों का इस्तेमाल करना पड़ रहा है, जिससे भारी यातायात जाम की स्थिति बन रही है और साथ ही समय तथा ईंधन की बर्बादी भी हो रही है.