नई दिल्ली : सरकार ने पृथक-वास में रखे गये प्रवासी कामगारों और विदेश से लौटे लोगों के कोरोना वायरस संक्रमण की जांच करने के लिये 'आरटी-पीसीआर' आधारित 'पूल टेस्टिंग' करने का फैसला किया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रवासियों/विदेश से लौटने वाले लोगों/ग्रीन जोन के लिए गुरुवार को 'आरटी-पीसीआर' आधारित 'पूल टेस्टिंग' पर दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा कि इसी जांच तकनीक का उपयोग ग्रीन जोन में आने वाले जिलों में (कोविड-19 की) निगरानी के लिए भी किया जाएगा, जहां अब तक या पिछले 21 दिनों में कोरोना वायरस संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है.
दिशानिर्देश में कहा गया है, 'पृथक-वास केंद्रों और इसके लिए निर्धारित होटलों आदि में रखे गए प्रवासी कामगारों और विदेशों से आने वाले लोगों की और 'ग्रीन जोन' (ऐसे जिले जहां पिछले 21 दिनों में कोराना वायरस संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है) में निगरानी उद्देश्यों के लिए आरटी-पीसीआर आधारित 'पूल टेस्टिंग' का उपयोग करने का फैसला किया गया है.'
पूल टेस्टिंग में कई लोगों के नमूनों की इकट्ठी जांच होती है और यदि किसी पूल में संक्रमण की पुष्टि होती है तो उसमें शामिल सभी लोगों के नमूनों की अलग-अलग जांच कर संक्रमित व्यक्ति का पता लगाया जाता है.
दिशानिर्देशों के मुताबिक इस जांच पद्धति के तहत एक साथ 25 लोगों को चुना जाएगा और प्रयोगशाला के प्रशिक्षित कर्मियों द्वारा सुरक्षा पोशाक, दस्ताने और एन 95 मास्क जैसी पहन कर नियमों का पालन करते हुए गले/नाक के स्वाब एकत्र किये जाएंगे.
इसमें कहा गया है कि जांच के नमूनों के डिब्बे पर नाम/उम्र/लिंग/ नमूना संख्या आदि लिखे जाने की जरूरत होगी.
दिशानिर्देश में कहा गया है कि इस तरह के 25 नमूनों की तिहरी परत वाली पैकेजिंग की जाएगी और आईसीएमआर के दिशानिर्देशों के तहत इन्हें निर्धारित प्रयोगशाला तक पहुंचाया जाएगा.
इसकी जांच रिपोर्ट से 24 घंटे के अंदर पृथक-वास केंद्र/ संबद्ध संस्थान को अवगत कराया जाएगा.
दिशानिर्देश में कहा गया है, 'यदि समूह में किसी नमूने में संक्रमण की पुष्टि हुई, तो प्रयोगशाला में रखे गये नमूनों में से व्यक्तिगत नमूनों की जांच की जाएगी.'