ETV Bharat / bharat

​​​​​​​दो साल में देश का हरित क्षेत्र पांच हजार वर्ग किमी बढ़ा : वन रिपोर्ट

जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भारत में वन क्षेत्र की स्थिति रिपोर्ट 2019 (आईएसएफआर) जारी की है. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश का वन क्षेत्र सभी श्रेणियों में बढ़ा है. जानें विस्तार से...

ETV BHARAT
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर
author img

By

Published : Dec 30, 2019, 4:16 PM IST

नई दिल्ली : पिछले दो वर्षों में देश के हरित क्षेत्र में 5,188 वर्ग किमी की बढ़ोतरी हुई है. इसमें वन क्षेत्र और वन से इतर पेड़ों का हरित क्षेत्र भी शामिल है.

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को भारत में वन क्षेत्र की स्थिति रिपोर्ट 2019 (आईएसएफ़आर) जारी करते हुए बताया कि देश का वन क्षेत्र सभी श्रेणियों में बढ़ा है.

जावड़ेकर ने बताया कि देश के कुल क्षेत्रफल में वन क्षेत्र की हिस्सेदारी 21.67 प्रतिशत हो गई है. 2014 से 2019 के दौरान वन क्षेत्र में 13 हजार वर्ग किमी का इजाफा हुआ है. उन्होंने कहा कि सघन वन क्षेत्र, विरल वन क्षेत्र और सामान्य वन क्षेत्र, तीनों श्रेणियों में बढ़ोतरी दर्ज करने वाला भारत एकमात्र देश है.

पढ़ें- नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : केरल की पंचायत को कचरा मुक्त बना रही हैं महिलाएं

जावडे़कर ने कहा कि देश के उत्सर्जित कॉर्बन में 2017 के पिछले आकलन के मुकाबले 4.26 करोड़ टन की वृद्धि हुई.

उन्होंने कहा, 'यह रिपोर्ट हमें भरोसा दिलाती है कि हम पेरिस समझौते के लक्ष्यों को हासिल करने की राह पर हैं.'

केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि मौजूदा आकलन दिखाता है कि पूर्वोत्तर भारत में वन आच्छादित क्षेत्र में 765 वर्ग किलोमीटर (0.45 प्रतिशत) तक की कमी आई. असम और त्रिपुरा के अलावा पूर्वोत्तर के सभी राज्यों में वन आच्छादित क्षेत्र में कमी देखी गई.

उल्लेखनीय है कि आईएसएफआर रिपोर्ट दो साल के अंतराल पर प्रकाशित होती है। रिपोर्ट के अनुसार देश में वनों में आग लगने की घटनाओं में 20 प्रतिशत की कमी आई है.

नई दिल्ली : पिछले दो वर्षों में देश के हरित क्षेत्र में 5,188 वर्ग किमी की बढ़ोतरी हुई है. इसमें वन क्षेत्र और वन से इतर पेड़ों का हरित क्षेत्र भी शामिल है.

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को भारत में वन क्षेत्र की स्थिति रिपोर्ट 2019 (आईएसएफ़आर) जारी करते हुए बताया कि देश का वन क्षेत्र सभी श्रेणियों में बढ़ा है.

जावड़ेकर ने बताया कि देश के कुल क्षेत्रफल में वन क्षेत्र की हिस्सेदारी 21.67 प्रतिशत हो गई है. 2014 से 2019 के दौरान वन क्षेत्र में 13 हजार वर्ग किमी का इजाफा हुआ है. उन्होंने कहा कि सघन वन क्षेत्र, विरल वन क्षेत्र और सामान्य वन क्षेत्र, तीनों श्रेणियों में बढ़ोतरी दर्ज करने वाला भारत एकमात्र देश है.

पढ़ें- नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : केरल की पंचायत को कचरा मुक्त बना रही हैं महिलाएं

जावडे़कर ने कहा कि देश के उत्सर्जित कॉर्बन में 2017 के पिछले आकलन के मुकाबले 4.26 करोड़ टन की वृद्धि हुई.

उन्होंने कहा, 'यह रिपोर्ट हमें भरोसा दिलाती है कि हम पेरिस समझौते के लक्ष्यों को हासिल करने की राह पर हैं.'

केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि मौजूदा आकलन दिखाता है कि पूर्वोत्तर भारत में वन आच्छादित क्षेत्र में 765 वर्ग किलोमीटर (0.45 प्रतिशत) तक की कमी आई. असम और त्रिपुरा के अलावा पूर्वोत्तर के सभी राज्यों में वन आच्छादित क्षेत्र में कमी देखी गई.

उल्लेखनीय है कि आईएसएफआर रिपोर्ट दो साल के अंतराल पर प्रकाशित होती है। रिपोर्ट के अनुसार देश में वनों में आग लगने की घटनाओं में 20 प्रतिशत की कमी आई है.

Intro:Body:

 Print



पीटीआई-भाषा संवाददाता 13:35 HRS IST




             
  • दो साल में देश का हरित क्षेत्र पाँच हज़ार वर्ग किलोमीटर बढ़ा : वन रिपोर्ट



नयी दिल्ली, 30 दिसंबर (भाषा) पिछले दो वर्षों में देश के हरित क्षेत्र में 5,188 वर्ग किमी की बढ़ोतरी हुई है। इसमें वन क्षेत्र और वन से इतर पेड़ों का हरित क्षेत्र भी शामिल है।



पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने सोमवार को भारत में वन क्षेत्र की स्थिति रिपोर्ट 2019 (आईएसएफ़आर) जारी करते हुए बताया कि देश का वन क्षेत्र सभी श्रेणियों में बढ़ा है।



उन्होंने बताया कि देश के कुल क्षेत्रफल में वन क्षेत्र की हिस्सेदारी 21.67 प्रतिशत हो गई है। जावडेकर ने कहा कि 2014 से 2019 के दौरान वन क्षेत्र में 13 हज़ार वर्ग किमी का इज़ाफ़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि सघन वन क्षेत्र, विरल वन क्षेत्र और सामान्य वन क्षेत्र, तीनों श्रेणियों में बढ़ोतरी दर्ज करने वाला भारत एक मात्र देश है।



जावडेकर ने कहा कि देश के उत्सर्जित कार्बन में 2017 के पिछले आकलन के मुकाबले 4.26 करोड़ टन की वृद्धि हुई।



उन्होंने कहा, ‘‘यह रिपोर्ट हमें भरोसा दिलाती है कि हम पेरिस समझौते के लक्ष्यों को हासिल करने की राह पर हैं।’’



केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि मौजूदा आकलन दिखाता है कि पूर्वोत्तर भारत में वन आच्छादित क्षेत्र में 765 वर्ग किलोमीटर (0.45 प्रतिशत) तक की कमी आई।



असम और त्रिपुरा के अलावा पूर्वोत्तर के सभी राज्यों में वन आच्छादित क्षेत्र में कमी देखी गई।



उल्लेखनीय है कि आईएसएफआर रिपोर्ट दो साल के अंतराल पर प्रकाशित होती है। रिपोर्ट के अनुसार देश में वनों में आग लगने की घटनाओं में 20 प्रतिशत की कमी आयी है।


Conclusion:

For All Latest Updates

TAGGED:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.