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अविभाज्य लोगों की सुरक्षा के लिए नीति बनाए सरकार: एबीएसयू

अंतिम एनआरसी सूची जारी होने से पहले बोडो विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष प्रमोद बोरो ने सरकार से मांग की है कि सरकार कोई ऐसी नीति बनाए जिससे अवैध प्रवासियों की समस्या से फिर से ना सके.

ईटीवी भारत से बात करते प्रमोद बोरो
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Published : Aug 31, 2019, 12:02 AM IST

Updated : Sep 28, 2019, 10:29 PM IST

गुवाहटी: असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्ट्रेशन ( एनआरसी) के आखिरी दिन से ठीक एक दिन पहले ऑल बोडो विद्यार्थी परिषद ( एबीएसयू) ने शुक्रवार को केंद्र से अपील की है कि वो क्षेत्र में रहने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए कोई नीति बनाए.

एबीएसयू के अध्यक्ष प्रमोद बोरो ने कहा है कि बाहर से आए लोगों ने पहले ही जमीनों पर कब्जा कर लिया है. उन्होंने कहा कि अप्रवासी लोग कहीं भी कहीं भी हो सकते हैं. हम शांति से रहना चाहते हैं. हम चाहते हैं कि अवैध प्रवासियों और अविभाज्य लोगों के बीच अंतर होना चाहिए.

बोरो ने कहा कि अवैध रूप से आ रहे शरणार्थियों के कारण राज्य में एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. ऐसा सिर्फ असम में ही नहीं हो रहा है बल्कि पूरे असम का यह ही हाल है.

ईटीवभारत से बात करते प्रमोद बोरो

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में शनिवार को एनआरसी की अंतिम सूची जारी की जाएगी.

पढ़ें- असम में 1971 के बाद नहीं आया एक भी शरणार्थी : रिपोर्ट

बोरो ने कहा कि सरकार को एक नीति लानी चाहिए ताकि फिर से ऐसी ही स्थिति उत्पन्न न हो.

गौरतलब है कि कई मौकों पर, असम के बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (बीटीसी) क्षेत्र में रहने वाले बोडो ने अवैध घुसपैठियों के खिलाफ आवाज उठाई है. इतना ही नहीं कई बार बीटीसी के अंतर्गत आने वाले अवैध प्रवासियों और बोडो के बीच कई बार हिंसा भी देखने को मिली है.

गुवाहटी: असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्ट्रेशन ( एनआरसी) के आखिरी दिन से ठीक एक दिन पहले ऑल बोडो विद्यार्थी परिषद ( एबीएसयू) ने शुक्रवार को केंद्र से अपील की है कि वो क्षेत्र में रहने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए कोई नीति बनाए.

एबीएसयू के अध्यक्ष प्रमोद बोरो ने कहा है कि बाहर से आए लोगों ने पहले ही जमीनों पर कब्जा कर लिया है. उन्होंने कहा कि अप्रवासी लोग कहीं भी कहीं भी हो सकते हैं. हम शांति से रहना चाहते हैं. हम चाहते हैं कि अवैध प्रवासियों और अविभाज्य लोगों के बीच अंतर होना चाहिए.

बोरो ने कहा कि अवैध रूप से आ रहे शरणार्थियों के कारण राज्य में एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. ऐसा सिर्फ असम में ही नहीं हो रहा है बल्कि पूरे असम का यह ही हाल है.

ईटीवभारत से बात करते प्रमोद बोरो

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में शनिवार को एनआरसी की अंतिम सूची जारी की जाएगी.

पढ़ें- असम में 1971 के बाद नहीं आया एक भी शरणार्थी : रिपोर्ट

बोरो ने कहा कि सरकार को एक नीति लानी चाहिए ताकि फिर से ऐसी ही स्थिति उत्पन्न न हो.

गौरतलब है कि कई मौकों पर, असम के बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (बीटीसी) क्षेत्र में रहने वाले बोडो ने अवैध घुसपैठियों के खिलाफ आवाज उठाई है. इतना ही नहीं कई बार बीटीसी के अंतर्गत आने वाले अवैध प्रवासियों और बोडो के बीच कई बार हिंसा भी देखने को मिली है.

Intro:New Delhi: A day before the publication of final National Register of Citizen (NRC) in Assam, the All Bodo Students Union (ABSU) on Friday has appealed to the Centre to bring a policy to protect indeginious people of the region.


Body:"It's a well know fact that illegal influx has created a major problem not only in Assam but in entire northeastern states...the illegal foreigners have already captured our lands, properties act., " said Pramod Boro, president of All Bodo Students Union (ABSU), an influential student body of Assam.

He said that illegal immigrants could be anywhere. "But we want to live in peace. We want that there should difference between illegal immigrants and the indeginious people," said Bodo.

Under the observation of the Supreme Court, Government is publishing the final NRC on Saturday.


Conclusion:Boro said that Government should bring a policy so that similar situation does not arise again.

On several occasions, Bodos living in the Bodoland Territorial Council (BTC) area of Assam, have also raised their voice against the illegal infiltrators.

In fact, districts under BTC on ealirer occasion has witnessed violence between Bodos and so called illegal foreigners.

end.
Last Updated : Sep 28, 2019, 10:29 PM IST
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