नई दिल्ली : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के महासचिव डी. राजा ने रक्षा सौदों में केंद्र सरकार पर कांग्रेस द्वारा लगाए जा रहे आरोपों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सफाई मांगी है. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार 'सबका साथ, सबका विकास' नहीं बल्कि अडानी और अंबानी के साथ है.
दरअसल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि नरेंद्र मोदी सरकार 45 हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट 75-आई (पनडुब्बी परियोजना) में एक निजी समूह को फायदा पहुंचाने के लिए रक्षा खरीद प्रक्रियाओं (डीपीपी) का उल्लंघन कर रही है.
डी. राजा ने इस मसले पर ईटीवी भारत से बातचीत में कहा, 'यह सत्य है कि अडानी को मोदी सरकार से संरक्षण मिल रहा है. यह आश्चर्यजनक नहीं है कि रक्षा मंत्रालय भारतीय नौसेना को छह पनडुब्बियों का उत्पादन करने के लिए बोली दे रहा है.'
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जवाब देना चाहिए कि कुछ विशेष समूहों को ही सरकार की तरफ से संरक्षण क्यों मिल रहा है. यहां तक कि राहुल बजाज भी खुलकर सामने आए हैं कि उद्योगपतियों में एक डर है.
राजा ने कहा कि प्रधानमंत्री को इस मुद्दे पर सफाई देनी चाहिए. वह (पीएम) सभी मुद्दों पर ट्वीट करते रहते हैं. अलग- अलग मुद्दों पर बात करते हैं, लेकिन भारत के लोगों को भी जानना है कि रक्षा सौदे के पीछे की वास्तविकता क्या है.
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गौरतलब है कि कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक मीडिया कॉन्फ्रेंस में 45,000 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट 75-आई (पनडुब्बी खरीद परियोजना) में मोदी सरकार पर पक्षपातपूर्ण निर्णय लेने, पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने, 'डिफेंस प्रोक्योरमेंट प्रोसीजर, 2016 (डीपीपी-2016) का उल्लंघन करने तथा भारतीय नौसेना एवं उसकी एम्पॉवर्ड कमेटी को तथाकथित रूप से नजरंदाज करने का आरोप लगाया था.
सुरजेवाला ने कहा था संदेह के दायरे में घिरकर पूरी पनडुब्बी खरीद परियोजना पर ही सवालिया निशान खड़ा हो गया है. उन्होंने सवाल किया कि क्या मोदी सरकार 45,000 करोड़ रु. की पनडुब्बी खरीद परियोजना में अडानी डिफेंस जे.वी. को प्राथमिकता देकर फायदा पहुंचा रही है? क्या मोदी सरकार डीपीपी 2016 एवं उसमें दी गई पात्रता के मापदंडों का उल्लंघन कर अपने पूजीपति मित्रों के हितों को साधने का काम कर रही है? क्या मोदी सरकार अडानी डिफेंस जे.वी की पात्रता न होने के मामले में भारतीय नौसेना एवं इसकी ‘एम्पॉवर्ड कमेटी के निर्णय को खारिज कर रही है?.