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कोरोना वैक्सीन के लिए सरकार ने शुरू की गोदामों की पहचान की कवायद

कोविड-19 टीके की आपूर्ति के लिए सरकार ने शीत भंडार गृहों की पहचान की कवायद तेज कर दी है. इस पूरी कवायद से रेफ्रिजरेटरों, शीत गृहों इत्यादि की व्यवस्था बनाई जा सकती है, जिससे टीके का भंडारण और वितरण हो सके.

कोरोना वैक्सीन
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Published : Oct 8, 2020, 6:08 PM IST

नई दिल्ली : कोविड-19 का टीका कुछ ही महीनों में उपलब्ध होने की संभावना के बीच सरकार ने व्यापक स्तर पर शीत भंडार गृहों की पहचान करना शुरू कर दिया है, ताकि देशभर में टीके की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके.

एक राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह दवा क्षेत्र, खाद्य प्रसंस्करण और कृषि क्षेत्र की निजी और सरकारी कंपनियों से इनके लिए बात कर रहा है. साथ ही घर पर खाना डिलीवरी करने वाली स्विगी और जोमैटो जैसी कंपनियों के भी संपर्क में है.

इस पूरी कवायद का मकसद तालुका स्तर पर रेफ्रिजरेटरों, शीत गृहों इत्यादि की व्यवस्था करना है जो टीके का भंडारण और वितरण कर सकें.

इस पूरी कवायद के जानकार एक सूत्र ने यह जानकारी दी. सूत्र के अनुसार टीका वितरण की एक मसौदा योजना अगले हफ्ते के मध्य तक जारी होने की संभावना है.

आने वाले महीनों में कम से कम एक घरेलू और तीन विदेशी टीके भारत में उपलब्ध होंगे. टीका उपलब्ध कराने वाली अधिकतर कंपनियों को शीत भंडारगृहों की आपूर्ति श्रृंखला की जरूरत होगी. उन्हें ऐसे शीत भंडारगृह चाहिए जहां शून्य से नीचे तापमान जा सके और यह अधिक से अधिक शून्य से 80 डिग्री सेल्सियस नीचे तक जा सके. हालांकि, अधिकतर टीकों को दो से आठ डिग्री सेल्सियस के तापमान में रखा जाएगा.

पढ़ें :- भारतीय कोविड-19 वैक्सीन का क्लीनिकल परीक्षण में बेहतर रिपोर्ट

सूत्र ने कहा कि अधिकतर टीके तरल स्वरूप में होंगे, सिवाय कुछ को छोड़कर जिन्हें जमा कर रखा जाएगा. वहीं अधिकतर टीके कई खुराक वाली शीशियों में उपलब्ध होंगे.

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने शीत भंडार गृहों की आपूर्ति श्रृंखला तैयार करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं. सरकार को उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, केरल, तेलंगाना और दिल्ली में इनकी क्षमता बनाने की जरूरत होगी. इसके अलावा असम, झारखंड, पंजाब और ओडिशा में भी शीत भंडार गृहों की आपूर्ति श्रृंखला तैयार करनी होगी.

नई दिल्ली : कोविड-19 का टीका कुछ ही महीनों में उपलब्ध होने की संभावना के बीच सरकार ने व्यापक स्तर पर शीत भंडार गृहों की पहचान करना शुरू कर दिया है, ताकि देशभर में टीके की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके.

एक राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह दवा क्षेत्र, खाद्य प्रसंस्करण और कृषि क्षेत्र की निजी और सरकारी कंपनियों से इनके लिए बात कर रहा है. साथ ही घर पर खाना डिलीवरी करने वाली स्विगी और जोमैटो जैसी कंपनियों के भी संपर्क में है.

इस पूरी कवायद का मकसद तालुका स्तर पर रेफ्रिजरेटरों, शीत गृहों इत्यादि की व्यवस्था करना है जो टीके का भंडारण और वितरण कर सकें.

इस पूरी कवायद के जानकार एक सूत्र ने यह जानकारी दी. सूत्र के अनुसार टीका वितरण की एक मसौदा योजना अगले हफ्ते के मध्य तक जारी होने की संभावना है.

आने वाले महीनों में कम से कम एक घरेलू और तीन विदेशी टीके भारत में उपलब्ध होंगे. टीका उपलब्ध कराने वाली अधिकतर कंपनियों को शीत भंडारगृहों की आपूर्ति श्रृंखला की जरूरत होगी. उन्हें ऐसे शीत भंडारगृह चाहिए जहां शून्य से नीचे तापमान जा सके और यह अधिक से अधिक शून्य से 80 डिग्री सेल्सियस नीचे तक जा सके. हालांकि, अधिकतर टीकों को दो से आठ डिग्री सेल्सियस के तापमान में रखा जाएगा.

पढ़ें :- भारतीय कोविड-19 वैक्सीन का क्लीनिकल परीक्षण में बेहतर रिपोर्ट

सूत्र ने कहा कि अधिकतर टीके तरल स्वरूप में होंगे, सिवाय कुछ को छोड़कर जिन्हें जमा कर रखा जाएगा. वहीं अधिकतर टीके कई खुराक वाली शीशियों में उपलब्ध होंगे.

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने शीत भंडार गृहों की आपूर्ति श्रृंखला तैयार करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं. सरकार को उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, केरल, तेलंगाना और दिल्ली में इनकी क्षमता बनाने की जरूरत होगी. इसके अलावा असम, झारखंड, पंजाब और ओडिशा में भी शीत भंडार गृहों की आपूर्ति श्रृंखला तैयार करनी होगी.

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