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दिल्ली में मोबाइल-इंटरनेट जाम का इंतजाम एक दिन पहले कर लिया गया था

नागरिकता कानून को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध जारी है. दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में भी प्रदर्शन किए जा रहे हैं. लिहाजा, सरकार ने कुछ इलाकों में मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं रोक दी हैं. आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि सरकार ने पहले ही इसकी तैयारी कर ली थी. वह भी एक दिन पहले. पढ़ें विस्तार से यह खबर.

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Published : Dec 19, 2019, 3:39 PM IST

Updated : Dec 19, 2019, 4:38 PM IST

नई दिल्ली : राजधानी में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों के मद्देनजर गुरुवार को दिल्ली के कई इलाकों में मोबाइल और इंटरनेट सेवा किसी तकनीकी खराबी के चलते बंद नहीं रही. राजधानी के कुछ हिस्सों में कुछ तय वक्त के लिए इंटरनेट और मोबाइल सेवा दिल्ली पुलिस के आदेश पर बंद की गई. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा संबंधित इंटरनेट और मोबाइल कंपनियों को एक दिन पहले ही लिखे गए इस आदेश के खास पत्र से इसका खुलासा हुआ है.

पत्र की शुरुआत सबसे ऊपर दाई तरफ अंग्रेजी में 'टॉप सीक्रेट/कॉन्फीडेंशियल' शब्दों से की गई है. यह बेहद गोपनीय चिट्ठी बुधवार यानी 18 दिसंबर, 2019 को लिखी गई. गोपनीय पत्र दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के पुलिस उपायुक्त प्रमोद कुमार सिंह कुशवाह के हस्ताक्षर से जारी किया गया है. इस बेहद गोपनीय पत्र की प्रतिलिपि दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के संयुक्त आयुक्त को भी भेजी गई है.

पत्र की शुरुआत उन कंपनियों के नोडल अधिकारियों के पदनाम से की गई है, जिन्हें गुरुवार को पत्र में दर्शाए गए वक्त के मुताबिक, राजधानी के चुनिंदा संवेदनशील इलाकों में इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं बंद करनी थीं. यह पत्र एयरटेल, वोडाफोन, आईडिया, जिओ, महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड, भारत संचार निगम लिमिटेड नई दिल्ली के नाम संबोधित हैं.

डीसीपी स्पेशल सेल द्वारा जारी इस पत्र के जरिए संबंधित दूर संचार कंपनियों से कहा गया है कि वे मौजूदा हालात में कानून-व्यवस्था दुरुस्त रखवाने के नजरिए से इस आदेश को लागू करें. पत्र के मुताबिक, "इंगित तमाम मोबाइल और इंटरनेट एजेंसियां 19 दिसंबर, 2019 यानी गुरुवार को सुबह नौ बजे से अपराह्न् एक बजे तक सभी सेवाएं बंद रखेंगी. बंद की जाने वाली इन सेवाओं में कॉलिंग, एसएमएस, वायस मैसेज और इंटरनेट सेवाएं समाहित होंगी."

स्पेशल सेल द्वारा बुधवार को लिखे गए इस पत्र में संबंधित एजेंसियों से कुछ चुनिंदा इलाकों की ही मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं अस्थाई तौर पर बंद रखने को कहा गया था. इन इलाकों में प्रमुख थे, उत्तरी और मध्य दिल्ली जिले के वे इलाके जिनमें पुरानी दिल्ली की आबादी मौजूद है. नई दिल्ली के मंडी हाउस इलाके की संचार सेवाएं फौरी तौर पर गुरुवार को ठप रखने की बात चिट्ठी में कही गई है.

इस गोपनीय पत्र में उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, सीलमपुर, मुस्तफाबाद, दक्षिण पूर्वी दिल्ली के जामिया नगर, शाहीन बाग और हरियाणा की सीमा पर स्थित दिल्ली के बबाना इलाके में भी संचार सेवाएं ठप रखने को कहा गया था.

गुरुवार को दिल्ली पुलिस मुख्यालय के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने नाम न उजागर करने की शर्त पर आईएएनएस से कहा, "दरअसल मंडी हाउस, पुरानी दिल्ली, मध्य दिल्ली जिला और उत्तरी दिल्ली जिला तथा नई दिल्ली के मंडी हाउस इलाके की संचार सेवाएं इसलिए बंद रखी गई, क्योंकि इन्हीं इलाकों में प्रदर्शनकारियों की भीड़ इकट्ठी होनी थी."

उत्तर पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर, जाफरबाद, मुस्तफाबाद में मंगलवार को ही हिंसक प्रदर्शन हुए थे. जबकि रविवार को जामिया नगर, शाहीन बाग आदि इलाके हिंसक प्रदर्शन के गवाह बने थे. हां, बबाना इलाके में अभी तक कोई बबाल नहीं हुआ था. फिर भी आखिर इन इलाकों की संचार सेवाएं गुरुवार को क्यों ठप की गई? साथ ही बबाना में गुरुवार को भी किसी विरोध प्रदर्शन की कोई खबर नहीं थी.

इस बारे में दिल्ली पुलिस के एक आला-अफसर ने कहा, "उत्तर दिल्ली के कोतवाली इलाके में यमुना के किनारे बसी बांग्लादेशियों की ढोलक बस्ती यहां से हटाकर नरेला और बबाना के पास ही भेजी गई है. पुलिस को अंदेशा था कि बांग्लादेशियों की बहुतायत होने के चलते कहीं भीड़ नरेला-बबाना इलाके में भी सड़कों पर न उतर आए."

नई दिल्ली : राजधानी में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों के मद्देनजर गुरुवार को दिल्ली के कई इलाकों में मोबाइल और इंटरनेट सेवा किसी तकनीकी खराबी के चलते बंद नहीं रही. राजधानी के कुछ हिस्सों में कुछ तय वक्त के लिए इंटरनेट और मोबाइल सेवा दिल्ली पुलिस के आदेश पर बंद की गई. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा संबंधित इंटरनेट और मोबाइल कंपनियों को एक दिन पहले ही लिखे गए इस आदेश के खास पत्र से इसका खुलासा हुआ है.

पत्र की शुरुआत सबसे ऊपर दाई तरफ अंग्रेजी में 'टॉप सीक्रेट/कॉन्फीडेंशियल' शब्दों से की गई है. यह बेहद गोपनीय चिट्ठी बुधवार यानी 18 दिसंबर, 2019 को लिखी गई. गोपनीय पत्र दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के पुलिस उपायुक्त प्रमोद कुमार सिंह कुशवाह के हस्ताक्षर से जारी किया गया है. इस बेहद गोपनीय पत्र की प्रतिलिपि दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के संयुक्त आयुक्त को भी भेजी गई है.

पत्र की शुरुआत उन कंपनियों के नोडल अधिकारियों के पदनाम से की गई है, जिन्हें गुरुवार को पत्र में दर्शाए गए वक्त के मुताबिक, राजधानी के चुनिंदा संवेदनशील इलाकों में इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं बंद करनी थीं. यह पत्र एयरटेल, वोडाफोन, आईडिया, जिओ, महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड, भारत संचार निगम लिमिटेड नई दिल्ली के नाम संबोधित हैं.

डीसीपी स्पेशल सेल द्वारा जारी इस पत्र के जरिए संबंधित दूर संचार कंपनियों से कहा गया है कि वे मौजूदा हालात में कानून-व्यवस्था दुरुस्त रखवाने के नजरिए से इस आदेश को लागू करें. पत्र के मुताबिक, "इंगित तमाम मोबाइल और इंटरनेट एजेंसियां 19 दिसंबर, 2019 यानी गुरुवार को सुबह नौ बजे से अपराह्न् एक बजे तक सभी सेवाएं बंद रखेंगी. बंद की जाने वाली इन सेवाओं में कॉलिंग, एसएमएस, वायस मैसेज और इंटरनेट सेवाएं समाहित होंगी."

स्पेशल सेल द्वारा बुधवार को लिखे गए इस पत्र में संबंधित एजेंसियों से कुछ चुनिंदा इलाकों की ही मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं अस्थाई तौर पर बंद रखने को कहा गया था. इन इलाकों में प्रमुख थे, उत्तरी और मध्य दिल्ली जिले के वे इलाके जिनमें पुरानी दिल्ली की आबादी मौजूद है. नई दिल्ली के मंडी हाउस इलाके की संचार सेवाएं फौरी तौर पर गुरुवार को ठप रखने की बात चिट्ठी में कही गई है.

इस गोपनीय पत्र में उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, सीलमपुर, मुस्तफाबाद, दक्षिण पूर्वी दिल्ली के जामिया नगर, शाहीन बाग और हरियाणा की सीमा पर स्थित दिल्ली के बबाना इलाके में भी संचार सेवाएं ठप रखने को कहा गया था.

गुरुवार को दिल्ली पुलिस मुख्यालय के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने नाम न उजागर करने की शर्त पर आईएएनएस से कहा, "दरअसल मंडी हाउस, पुरानी दिल्ली, मध्य दिल्ली जिला और उत्तरी दिल्ली जिला तथा नई दिल्ली के मंडी हाउस इलाके की संचार सेवाएं इसलिए बंद रखी गई, क्योंकि इन्हीं इलाकों में प्रदर्शनकारियों की भीड़ इकट्ठी होनी थी."

उत्तर पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर, जाफरबाद, मुस्तफाबाद में मंगलवार को ही हिंसक प्रदर्शन हुए थे. जबकि रविवार को जामिया नगर, शाहीन बाग आदि इलाके हिंसक प्रदर्शन के गवाह बने थे. हां, बबाना इलाके में अभी तक कोई बबाल नहीं हुआ था. फिर भी आखिर इन इलाकों की संचार सेवाएं गुरुवार को क्यों ठप की गई? साथ ही बबाना में गुरुवार को भी किसी विरोध प्रदर्शन की कोई खबर नहीं थी.

इस बारे में दिल्ली पुलिस के एक आला-अफसर ने कहा, "उत्तर दिल्ली के कोतवाली इलाके में यमुना के किनारे बसी बांग्लादेशियों की ढोलक बस्ती यहां से हटाकर नरेला और बबाना के पास ही भेजी गई है. पुलिस को अंदेशा था कि बांग्लादेशियों की बहुतायत होने के चलते कहीं भीड़ नरेला-बबाना इलाके में भी सड़कों पर न उतर आए."

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नागरिकता कानून को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध जारी है. दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में भी प्रदर्शन किए जा रहे हैं. लिहाजा, सरकार ने कुछ इलाकों में मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं रोक दी हैं. आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि सरकार ने पहले ही इसकी तैयारी कर ली थी. वह भी एक दिन पहले. पढ़ें विस्तार से यह खबर. 















दिल्ली में मोबाइल-इंटरनेट जाम का इंतजाम एक दिन पहले कर लिया गया था 



नई दिल्ली : राजधानी में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों के मद्देनजर गुरुवार को दिल्ली के कई इलाकों में मोबाइल और इंटरनेट सेवा किसी तकनीकी खराबी के चलते बंद नहीं रही. राजधानी के कुछ हिस्सों में कुछ तय वक्त के लिए इंटरनेट और मोबाइल सेवा दिल्ली पुलिस के आदेश पर बंद की गई. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा संबंधित इंटरनेट और मोबाइल कंपनियों को एक दिन पहले ही लिखे गए इस आदेश के खास पत्र से इसका खुलासा हुआ है.











पत्र की शुरुआत सबसे ऊपर दाई तरफ अंग्रेजी में 'टॉप सीक्रेट/कॉन्फीडेंशियल' शब्दों से की गई है. यह बेहद गोपनीय चिट्ठी बुधवार यानी 18 दिसंबर, 2019 को लिखी गई. गोपनीय पत्र दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के पुलिस उपायुक्त प्रमोद कुमार सिंह कुशवाह के हस्ताक्षर से जारी किया गया है. इस बेहद गोपनीय पत्र की प्रतिलिपि दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के संयुक्त आयुक्त को भी भेजी गई है.











पत्र की शुरुआत उन कंपनियों के नोडल अधिकारियों के पदनाम से की गई है, जिन्हें गुरुवार को पत्र में दर्शाए गए वक्त के मुताबिक, राजधानी के चुनिंदा संवेदनशील इलाकों में इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं बंद करनी थीं. यह पत्र एयरटेल, वोडाफोन, आईडिया, जिओ, महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड, भारत संचार निगम लिमिटेड नई दिल्ली के नाम संबोधित हैं.











डीसीपी स्पेशल सेल द्वारा जारी इस पत्र के जरिए संबंधित दूर संचार कंपनियों से कहा गया है कि वे मौजूदा हालात में कानून-व्यवस्था दुरुस्त रखवाने के नजरिए से इस आदेश को लागू करें. पत्र के मुताबिक, "इंगित तमाम मोबाइल और इंटरनेट एजेंसियां 19 दिसंबर, 2019 यानी गुरुवार को सुबह नौ बजे से अपराह्न् एक बजे तक सभी सेवाएं बंद रखेंगी. बंद की जाने वाली इन सेवाओं में कॉलिंग, एसएमएस, वायस मैसेज और इंटरनेट सेवाएं समाहित होंगी."











स्पेशल सेल द्वारा बुधवार को लिखे गए इस पत्र में संबंधित एजेंसियों से कुछ चुनिंदा इलाकों की ही मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं अस्थाई तौर पर बंद रखने को कहा गया था. इन इलाकों में प्रमुख थे, उत्तरी और मध्य दिल्ली जिले के वे इलाके जिनमें पुरानी दिल्ली की आबादी मौजूद है. नई दिल्ली के मंडी हाउस इलाके की संचार सेवाएं फौरी तौर पर गुरुवार को ठप रखने की बात चिट्ठी में कही गई है.











इस गोपनीय पत्र में उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, सीलमपुर, मुस्तफाबाद, दक्षिण पूर्वी दिल्ली के जामिया नगर, शाहीन बाग और हरियाणा की सीमा पर स्थित दिल्ली के बबाना इलाके में भी संचार सेवाएं ठप रखने को कहा गया था.











गुरुवार को दिल्ली पुलिस मुख्यालय के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने नाम न उजागर करने की शर्त पर आईएएनएस से कहा, "दरअसल मंडी हाउस, पुरानी दिल्ली, मध्य दिल्ली जिला और उत्तरी दिल्ली जिला तथा नई दिल्ली के मंडी हाउस इलाके की संचार सेवाएं इसलिए बंद रखी गई, क्योंकि इन्हीं इलाकों में प्रदर्शनकारियों की भीड़ इकट्ठी होनी थी."











उत्तर पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर, जाफरबाद, मुस्तफाबाद में मंगलवार को ही हिंसक प्रदर्शन हुए थे. जबकि रविवार को जामिया नगर, शाहीन बाग आदि इलाके हिंसक प्रदर्शन के गवाह बने थे. हां, बबाना इलाके में अभी तक कोई बबाल नहीं हुआ था. फिर भी आखिर इन इलाकों की संचार सेवाएं गुरुवार को क्यों ठप की गई? साथ ही बबाना में गुरुवार को भी किसी विरोध प्रदर्शन की कोई खबर नहीं थी.











इस बारे में दिल्ली पुलिस के एक आला-अफसर ने कहा, "उत्तर दिल्ली के कोतवाली इलाके में यमुना के किनारे बसी बांग्लादेशियों की ढोलक बस्ती यहां से हटाकर नरेला और बबाना के पास ही भेजी गई है. पुलिस को अंदेशा था कि बांग्लादेशियों की बहुतायत होने के चलते कहीं भीड़ नरेला-बबाना इलाके में भी सड़कों पर न उतर आए."



(आईएएनएस)






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Last Updated : Dec 19, 2019, 4:38 PM IST
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