सैन फ्रांसिसको : गूगल ने एक नया फीचर शुरू किया है, जिसके तहत वह उपयोगकर्ताओं को यह तय करने में मदद करेगा कि क्या वह जो देख रहे हैं, वगह उन्हें देखना चाहिए. इसके लिए गूगल ने थंबनेल छवि परिणामों के तहत एक तथ्य-जांच लेबल दिखाना शुरू कर दिया है.
गूगल के ग्रुप उत्पादक प्रबंधक हैरिस कोहेन ने एक ब्लॉग पोस्ट में लिखा है कि जब आप इनमें से किसी एक परिणाम को छवि को बड़े प्रारूप में देखने के लिए टैप करते हैं, तो आप इस तथ्य की जांच का एक सारांश देखेंगे, जो अंवेब पेज पर दिखाई देता है.
बता दें सर्च इंजन गूगल ने फेक इमेज की पहचान के लिए एक नया फैक्ट चेक मार्कर जोड़ा है, जो गूगल सर्च रिजल्ट वाली इमेज के साथ दिखेगा.
गूगल ने ऐलान किया कि यह टूल भ्रामक फोटो और वीडियो की पहचान के लिए शुरू किया गया है. यह टूल फेक फोटो की पहचान करके उनकी लेबलिंग करेगा.
गूगल पर इमेज सर्च करने पर फोटो के नीचे एक फैक्ट चेक लेबल नजर आयेगा, जो फोटो के नीचे थंबनेल के तौर पर दिखेगा.
दरअसल, इंटरनेट के इस दौर में फर्जीवाड़े की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. इस फर्जीवाड़े को अंजाम देने के लिए कई बार एडिटेड इमेज का सहारा लिया जाता है. इससे निबटने के लिए गूगल ने यह कदम उठाया है.
यह इमेज के उपयोग से फैली गलत सूचनाओं और समाचारों से लड़ने के लिए बनाया गया है.
फैक्ट चेक लेबल उन परिणामों पर दिखाई देते हैं जो वेब पर स्वतंत्र, आधिकारिक स्रोतों से आते हैं जो हमारे मानदंडों को पूरा करते हैं. यह स्रोत क्लेमरीव्यू पर भरोसा करते हैं, जबकि प्रकाशकों द्वारा सर्च इंजन के लिए तथ्य जांच सामग्री को इंटिगेट करने के लिए एक खुली विधि का उपयोग किया जाता है.
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हम पहले से ही इस खोज को आसान बनाने के लिए सर्च और गूगल समाचार में तथ्यों की जांच पर प्रकाश डाल चुके हैं.
कोहेन ने कहा कि जैसा कि सर्च में होता है,गूगल इमेज के परिणामों में इस लेबल को जोड़ने से रैंकिंग प्रभावित नहीं होती है. हमारे सिस्टम सबसे प्रासंगिक, विश्वसनीय जानकारी उपलब्ध कराने के लिए डिजाइन किए गए हैं, जिसमें तथ्य जांच उपलब्ध कराने वाले स्रोत भी शामिल हैं.
कोरोना महामारी के दौरान तथ्य-जांचकर्ताओं द्वारा किए जा रहे महत्वपूर्ण कार्य को पहचानने के लिए, गूगल समाचार पहल ने इस वर्ष की शुरुआत में दुनिया भर के संगठनों को सहायता के लिए 6.5 मिलियन डॉलर दिए हैं.