पणजी : वंदे भारत मिशन के तहत विदेश से भारतीयों को लाने का सिलसिला जारी है. ऐसे में सरकार ने दुबई से गोवा लौटे यात्रियों द्वारा एयरपोर्ट पर हंगामे जैसे हालात बनाने के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है. गोवा की स्वास्थ्य सचिव नीला मोहनन ने इसे खेदजनक बताया है.
गौरतलब है कि दुबई से गोवा लौटी पहली विशेष उड़ान के यात्रियों के कारण एयरपोर्ट पर हंगामे की स्थिति बन गई, जब उनमें से कुछ ने क्वारंटाइन सेंटर जाने से इनकार कर दिया. यात्रियों को पैसे देकर क्वारंटाइन सेंटर जाने पर आपत्ति थी. उन्होंने कहा कि उन्हें घर भेजा जाए.
बता दें कि दुबई से गोवा पहुंची इस पहली विशेष उड़ान से कुल 155 भारतीयों को स्वदेश लाया गया है.
गोवा की स्वास्थ्य सचिव नीला मोहनन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'यह बहुत खेदजनक है कि इस तरह का व्यवहार हमारे उन भाइयों और बहनों ने दिखाया, जो दुबई से वापस आए थे. अधिकतर यात्री गोवा, कर्नाटक और महाराष्ट्र के थे.
पढ़ें : राजकोट और दीव से घरेलू हवाई सेवा शुरू, मुंबई से 70 यात्री राजकोट पहुंचे
मोहनन ने कहा कि 155 यात्रियों को लेकर विमान रात में हवाई अड्डे पर पहुंचा. जब यात्री डाबोलिन हवाईअड्डे पर पहुंचे तो उन्होंने तुरंत ही चीखना और रोना शुरू कर दिया. वे कह रहे थे कि पैसे देकर क्वारंटाइन सेंटर नहीं जाएंगे, वे अपने घर जाना चाहते हैं. इससे कुछ समय के लिए हवाई अड्डे पर हंगामे के हालात पैदा हो गए.
उन्होंने आगे कहा कि यह व्यवहार गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के दिशानिर्देशों और आपदा प्रबंधन अधिनियम की कई धाराओं का उल्लंघन करने वाला है और सरकार इसे लेकर गंभीर है.
मोहनन ने बताया कि हर यात्री ने अपनी पसंद से क्वारंटाइन केंद्र चुना था और सभी के लिए बसों के इंतजाम किए गए थे. लेकिन जब लोग सहयोग नहीं करते तो उनके स्वागत और सुरक्षा में जुटा प्रशासन निराशा महसूस करता है.
उन्होंने आगे कहा हालांकि इसके बाद अंत में सभी क्वारंटाइन सेंटर जाने के लिए सहमत हो गए.