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छात्रा ने की खुदकुशी, पीएम के नाम लिखा 19 पन्नों का सुसाइड नोट - छात्रा ने की खुदकुशी

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक छात्रा ने 14 अगस्त को अपने घर में आत्महत्या कर ली. युवती द्वारा खुदकुशी करने के बाद उसके कमरे से मिला सुसाइड नोट चर्चा में है. दरअसल, छात्रा ने अपने सुसाइड नोट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देश में चल रही समस्याओं को दूर करने की गुहार लगाई है.

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Published : Aug 18, 2020, 3:42 PM IST

Updated : Aug 18, 2020, 4:32 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक युवती द्वारा खुदकुशी करने के बाद उसके कमरे से मिला सुसाइड नोट चर्चा में है. 19 पन्नों के इस सुसाइड नोट में मृतका ने देश की कई समस्याओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समाधान की उम्मीद लगाई है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

मृतका के सुसाइड नोट में देश से संबंधित एक दर्जन समस्याओं का जिक्र किया गया है, जिसमें दो बच्चों का कानून, दीपावली पर आतिशबाजी पर रोक, होली पर कैमिकल युक्त रंगों पर प्रतिबंध, डॉक्टरों द्वारा महंगी दवाइयां बेचना, बुजुर्गों को घर से निकालना, सड़कों पर थूकना व मांसाहार करना शामिल है. युवती ने प्रधानमंत्री से इन समस्याओं को दूर करने की अपील की है. साथ ही सुसाइड के लिए खुद को जिम्मेदार ठहराया है.

सुसाइड नोट
सुसाइड नोट

पुलिस के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सुसाइड की पुष्टि हुई है. संभल जिले के गुन्नौर कोतवाली क्षेत्र स्थित बबराला कस्बे की रहने वाली हाईस्कूल की छात्रा आंचल ने 14 अगस्त को अपने घर में खुदकुशी कर ली थी.

छात्रा की मौत के बाद पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाया जिसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया था. खुदकुशी के दो दिन बाद परिजनों को आंचल के कमरे में एक नोटबुक मिली जिसमें छात्रा ने 19 पन्नों का एक सुसाइड नोट लिखा हुआ था. इस सुसाइड नोट में छात्रा ने देश की कई समस्याओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री को सम्बोधित किया है.

सुसाइड नोट
सुसाइड नोट

सुसाइड नोट की शुरुआत में छात्रा ने अपना परिचय देते हुए लिखा, 'मुझे यह दुनिया पसंद नहीं है.' छात्रा के सुसाइड नोट के मुताबिक यहां लोग बुजुर्ग माता-पिता को घरों से निकाल देते हैं, साथ ही अपने फायदे के लिए पेड़ों को काटते हैं. छात्रा ने मांसाहार करने और राष्ट्रगान का सम्मान न करने वाले लोगों का जिक्र भी अपने सुसाइड नोट में किया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए छात्रा ने सुसाइड नोट में लिखा, 'आप जैसा प्रधानमंत्री अंधेरे में उजाले की तरह है, जो वर्षों से लंबित कामों को पूरा कर रहे हैं.'

मृतका के मुताबिक वह पीएम से मिलना चाहती थी लेकिन समय की कमी के चलते यह संभव नहीं है.

पढ़ें - यूपी : लखीमपुर खीरी दुष्कर्म मामले में आयोग ने मांगा जवाब

सुसाइड नोट में छात्रा ने प्रदूषण रोकने के इंतजाम करने, नदियों को स्वच्छ बनाने व जनसंख्या कम करने के लिए दो बच्चों का कानून बनाए जाने की मांग भी की है. चाइनीज सामानों से हो रहे प्रदूषण को रोकने के लिए देश में ही खिलौने तैयार करने का जिक्र भी सुसाइड नोट में किया गया है.

मामले पर थाना प्रभारी ने कहा कि आंचल ने सुसाइड नोट के आखिर में अपनी मां से माफी मांगते हुए लिखा कि उसका दिमाग उसे जीने नहीं दे रहा है और यह शरीर सिर्फ कपड़ा है, जो कमजोर साबित हुआ.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक युवती द्वारा खुदकुशी करने के बाद उसके कमरे से मिला सुसाइड नोट चर्चा में है. 19 पन्नों के इस सुसाइड नोट में मृतका ने देश की कई समस्याओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समाधान की उम्मीद लगाई है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

मृतका के सुसाइड नोट में देश से संबंधित एक दर्जन समस्याओं का जिक्र किया गया है, जिसमें दो बच्चों का कानून, दीपावली पर आतिशबाजी पर रोक, होली पर कैमिकल युक्त रंगों पर प्रतिबंध, डॉक्टरों द्वारा महंगी दवाइयां बेचना, बुजुर्गों को घर से निकालना, सड़कों पर थूकना व मांसाहार करना शामिल है. युवती ने प्रधानमंत्री से इन समस्याओं को दूर करने की अपील की है. साथ ही सुसाइड के लिए खुद को जिम्मेदार ठहराया है.

सुसाइड नोट
सुसाइड नोट

पुलिस के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सुसाइड की पुष्टि हुई है. संभल जिले के गुन्नौर कोतवाली क्षेत्र स्थित बबराला कस्बे की रहने वाली हाईस्कूल की छात्रा आंचल ने 14 अगस्त को अपने घर में खुदकुशी कर ली थी.

छात्रा की मौत के बाद पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाया जिसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया था. खुदकुशी के दो दिन बाद परिजनों को आंचल के कमरे में एक नोटबुक मिली जिसमें छात्रा ने 19 पन्नों का एक सुसाइड नोट लिखा हुआ था. इस सुसाइड नोट में छात्रा ने देश की कई समस्याओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री को सम्बोधित किया है.

सुसाइड नोट
सुसाइड नोट

सुसाइड नोट की शुरुआत में छात्रा ने अपना परिचय देते हुए लिखा, 'मुझे यह दुनिया पसंद नहीं है.' छात्रा के सुसाइड नोट के मुताबिक यहां लोग बुजुर्ग माता-पिता को घरों से निकाल देते हैं, साथ ही अपने फायदे के लिए पेड़ों को काटते हैं. छात्रा ने मांसाहार करने और राष्ट्रगान का सम्मान न करने वाले लोगों का जिक्र भी अपने सुसाइड नोट में किया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए छात्रा ने सुसाइड नोट में लिखा, 'आप जैसा प्रधानमंत्री अंधेरे में उजाले की तरह है, जो वर्षों से लंबित कामों को पूरा कर रहे हैं.'

मृतका के मुताबिक वह पीएम से मिलना चाहती थी लेकिन समय की कमी के चलते यह संभव नहीं है.

पढ़ें - यूपी : लखीमपुर खीरी दुष्कर्म मामले में आयोग ने मांगा जवाब

सुसाइड नोट में छात्रा ने प्रदूषण रोकने के इंतजाम करने, नदियों को स्वच्छ बनाने व जनसंख्या कम करने के लिए दो बच्चों का कानून बनाए जाने की मांग भी की है. चाइनीज सामानों से हो रहे प्रदूषण को रोकने के लिए देश में ही खिलौने तैयार करने का जिक्र भी सुसाइड नोट में किया गया है.

मामले पर थाना प्रभारी ने कहा कि आंचल ने सुसाइड नोट के आखिर में अपनी मां से माफी मांगते हुए लिखा कि उसका दिमाग उसे जीने नहीं दे रहा है और यह शरीर सिर्फ कपड़ा है, जो कमजोर साबित हुआ.

Last Updated : Aug 18, 2020, 4:32 PM IST
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