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गिरिराज सिंह ने मत्स्य पालन के आंकड़ों के संबंध में पुस्तिका जारी की

केंद्रीय पशुपालन डेयरी एवं मत्स्य पालन मंत्री गिरिराज सिंह ने मात्स्यिकी सांख्यिकी- 2018 पर आधारित पुस्तिका का विमोचन किया है. पुस्तिका में मात्स्यिकी क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं हेतु उपयोगी सांख्यिकी से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराई गई है. जानें पूरा विवरण

पुस्तक विमाेचन के दौरान गिरिराज सिंह व अन्य लोग
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Published : Sep 20, 2019, 12:34 AM IST

Updated : Oct 1, 2019, 7:00 AM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय पशुपालन डेयरी एवं मत्स्य पालन मंत्री गिरिराज सिंह ने मात्स्यिकी सांख्यिकी- 2018 पर आधारित पुस्तिका का विमोचन किया है. पुस्तिका में मात्स्यिकी क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं हेतु उपयोगी सांख्यिकी से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराई गई है.

पुस्तक विमाेचन के दौरान गिरिराज सिंह व अन्य लोग

मात्स्यिकी विभाग, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रकाशित इस पुस्तिका में वर्षवार विवरण दिए गए हैं. इस संस्करण में वर्ष 1990-91 से 2017-18 तक के आंकड़े हैं. इसमें संकलित किए गए विषयों पर एक नजर :

  1. वर्षवार मछली उत्पादन
  2. मात्स्यिकी निर्यात की प्रवृत्ति
  3. मात्स्यिकी संसाधन
  4. मत्स्यन क्राफ्ट
  5. विभिन्न राज्य- संघ राज्य क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति मछली खपत
  6. मात्स्यिकी क्षेत्र में सकल मूल्य संवर्धन (जीवीए)
  7. देश के कुल जीवीए में इसका योगदान
  8. मात्स्यिकी संस्थान
  9. मछुआरा जनसंख्या
  10. मात्स्यिकी क्षेत्र के धारणीय और दायित्व
  11. पूर्ण विकास हेतु विभिन्न योजनाओं का कार्यान्वयन

मात्स्यिकी क्षेत्र 1.60 करोड़ लोगों की जीविका का प्रमुख स्रोत है, इसके साथ ही डाउन और ऊपरी जगह पर यह संख्या दुगनी है, मात्स्यिकी के विकास से पोषणीय सुरक्षा, भारत में खाद्य सुरक्षा और ऐसे क्षेत्रों में रोजगार भी प्रदान किया जाता है जहां पर सर्वाधिक ग्रामीण आबादी रहती है

वर्ष 2017-18 में कुल मछली उत्पादन 12.59 मिलियन मीट्रिक टन दर्ज किया गया था, इसमें 8.90 मिलियन मीट्रिक टन अंतर्देशीय क्षेत्र और 3.69 मिलियन मीट्रिक टन समुन्द्री क्षेत्र का अंशदान था.

वर्ष 2017-18 के दौरान मछली उत्पादन की औसत वृद्धि दर 10.14% थी, जिसमे 14.05 % वृद्धि अंतर्देशीय जलकृषि में रही और शेष 1.73 % वृद्धि समुन्द्री क्षेत्र में रही, भारत वर्तमान में विश्व में दूसरे नंबर का बड़ा मछली उत्पादक देश है.

यह जल कृषि उत्पादन और अंतर्देशीय कैप्चर मात्स्यिकी में भी दूसरे स्थान पर है.

वर्ष 1950-51 के दौरान 29% के कुल मछली उत्पादन में अंतर्देशीय मछली उत्पादन का अंशदान था और 2017-18 में बढ़कर यह 71 फीसदी हो गया.

देश में अंतर्देशीय मछली उत्पादन में आंध्र प्रदेश का उच्चतम स्थान (34.50 लाख टन) रिकॉर्ड किया गया, जबकि गुजरात समुद्री मछली उत्पादन में (7.01 लाख टन) अग्रणी राज्य रहा, तटीय राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों में 31.07.2019 को यथा स्थिति कुल पंजीकृत मत्स्यन जलयानो एवं मत्स्यन क्राफ्टों की सं. 2,69,047 थी.

पिछले दिनों मछली और मछली उत्पादों के निर्यात में निरंतर वृद्धि होती रही है, निर्यात उत्पादों में विविधता के माध्यम से निर्यात की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.

वर्ष 2017-18 के दौरान निर्यात किए गए मछली उत्पादों का परिणाम 13, 77, 243.70 टन था और उसका मूल्य 45, 106.90 करोड़ रुपये था.

वर्ष 2017-18 के दौरान समुद्री मछ्ली उत्पादों के निर्यात में 21.35% (मात्रात्मक) वृद्धि और 19.11 % (मूल्यात्मक) वृद्धि दर्ज की गई.

गिरिराज सिंह ने कहा है की आगामी 5 वर्षों में मत्स्य पालन के क्षेत्र में हम 25000 करोड़ का निवेश करने जा रहे हैं.

2013-14 में फिश प्रोडक्शन 34.43 लाख मीट्रिक टन था, 2017-18 में 36.88 लाख मीट्रिक टन हो गया मतलब 7.12 फीसदी की वृद्धि हुई

नई दिल्ली: केंद्रीय पशुपालन डेयरी एवं मत्स्य पालन मंत्री गिरिराज सिंह ने मात्स्यिकी सांख्यिकी- 2018 पर आधारित पुस्तिका का विमोचन किया है. पुस्तिका में मात्स्यिकी क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं हेतु उपयोगी सांख्यिकी से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराई गई है.

पुस्तक विमाेचन के दौरान गिरिराज सिंह व अन्य लोग

मात्स्यिकी विभाग, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रकाशित इस पुस्तिका में वर्षवार विवरण दिए गए हैं. इस संस्करण में वर्ष 1990-91 से 2017-18 तक के आंकड़े हैं. इसमें संकलित किए गए विषयों पर एक नजर :

  1. वर्षवार मछली उत्पादन
  2. मात्स्यिकी निर्यात की प्रवृत्ति
  3. मात्स्यिकी संसाधन
  4. मत्स्यन क्राफ्ट
  5. विभिन्न राज्य- संघ राज्य क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति मछली खपत
  6. मात्स्यिकी क्षेत्र में सकल मूल्य संवर्धन (जीवीए)
  7. देश के कुल जीवीए में इसका योगदान
  8. मात्स्यिकी संस्थान
  9. मछुआरा जनसंख्या
  10. मात्स्यिकी क्षेत्र के धारणीय और दायित्व
  11. पूर्ण विकास हेतु विभिन्न योजनाओं का कार्यान्वयन

मात्स्यिकी क्षेत्र 1.60 करोड़ लोगों की जीविका का प्रमुख स्रोत है, इसके साथ ही डाउन और ऊपरी जगह पर यह संख्या दुगनी है, मात्स्यिकी के विकास से पोषणीय सुरक्षा, भारत में खाद्य सुरक्षा और ऐसे क्षेत्रों में रोजगार भी प्रदान किया जाता है जहां पर सर्वाधिक ग्रामीण आबादी रहती है

वर्ष 2017-18 में कुल मछली उत्पादन 12.59 मिलियन मीट्रिक टन दर्ज किया गया था, इसमें 8.90 मिलियन मीट्रिक टन अंतर्देशीय क्षेत्र और 3.69 मिलियन मीट्रिक टन समुन्द्री क्षेत्र का अंशदान था.

वर्ष 2017-18 के दौरान मछली उत्पादन की औसत वृद्धि दर 10.14% थी, जिसमे 14.05 % वृद्धि अंतर्देशीय जलकृषि में रही और शेष 1.73 % वृद्धि समुन्द्री क्षेत्र में रही, भारत वर्तमान में विश्व में दूसरे नंबर का बड़ा मछली उत्पादक देश है.

यह जल कृषि उत्पादन और अंतर्देशीय कैप्चर मात्स्यिकी में भी दूसरे स्थान पर है.

वर्ष 1950-51 के दौरान 29% के कुल मछली उत्पादन में अंतर्देशीय मछली उत्पादन का अंशदान था और 2017-18 में बढ़कर यह 71 फीसदी हो गया.

देश में अंतर्देशीय मछली उत्पादन में आंध्र प्रदेश का उच्चतम स्थान (34.50 लाख टन) रिकॉर्ड किया गया, जबकि गुजरात समुद्री मछली उत्पादन में (7.01 लाख टन) अग्रणी राज्य रहा, तटीय राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों में 31.07.2019 को यथा स्थिति कुल पंजीकृत मत्स्यन जलयानो एवं मत्स्यन क्राफ्टों की सं. 2,69,047 थी.

पिछले दिनों मछली और मछली उत्पादों के निर्यात में निरंतर वृद्धि होती रही है, निर्यात उत्पादों में विविधता के माध्यम से निर्यात की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.

वर्ष 2017-18 के दौरान निर्यात किए गए मछली उत्पादों का परिणाम 13, 77, 243.70 टन था और उसका मूल्य 45, 106.90 करोड़ रुपये था.

वर्ष 2017-18 के दौरान समुद्री मछ्ली उत्पादों के निर्यात में 21.35% (मात्रात्मक) वृद्धि और 19.11 % (मूल्यात्मक) वृद्धि दर्ज की गई.

गिरिराज सिंह ने कहा है की आगामी 5 वर्षों में मत्स्य पालन के क्षेत्र में हम 25000 करोड़ का निवेश करने जा रहे हैं.

2013-14 में फिश प्रोडक्शन 34.43 लाख मीट्रिक टन था, 2017-18 में 36.88 लाख मीट्रिक टन हो गया मतलब 7.12 फीसदी की वृद्धि हुई

Intro:गिरिराज सिंह ने मत्स्य पालन के आंकड़ों के संबंध में पुस्तिका जारी की

नयी दिल्ली- केंद्रीय पशुपालन डेयरी एवं मत्स्य पालन मंत्री गिरिराज सिंह ने मात्स्यिकी विभाग, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रकाशित मात्स्यिकी सांख्यिकी 2018 पर आधारित पुस्तिका का विमोचन किया, पुस्तिका में मात्स्यिकी क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं हेतु उपयोगी सांख्यिकी से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराई गई है


Body:इस संस्करण में वर्ष 1990-91 से 2017-18 के मध्य वर्षवार मछली उत्पादन, मात्स्यिकी निर्यात की प्रवृत्ति, मात्स्यिकी संसाधन, मत्स्यन क्राफ्ट, विभिन्न राज्य- संघ राज्य क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति मछली खपत, मात्स्यिकी क्षेत्र में सकल मूल्य संवर्धन (जीवीए) और देश के कुल जीवीए में इसका योगदान, मात्स्यिकी संस्थान, मछुआरा जनसंख्या और मात्स्यिकी क्षेत्र के धारणीय और दायित्व पूर्ण विकास हेतु विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन से संबंधित जानकारी दी गई

मात्स्यिकी क्षेत्र 1.60 करोड़ लोगों की जीविका का प्रमुख स्रोत है, इसके साथ ही डाउन और ऊपरी जगह पर यह संख्या दुगनी है, मात्स्यिकी के विकास से पोषणीय सुरक्षा, भारत में खाद्य सुरक्षा और ऐसे क्षेत्रों में रोजगार भी प्रदान किया जाता है जहां पर सर्वाधिक ग्रामीण आबादी रहती है

वर्ष 2017-18 में कुल मछली उत्पादन 12.59 मिलियन मीट्रिक टन दर्ज किया गया था, इसमें 8.90 मिलियन मीट्रिक टन अंतर्देशीय क्षेत्र और 3.69 मिलियन मीट्रिक टन समुन्द्री क्षेत्र का अंशदान था. वर्ष 2017-18 के दौरान मछली उत्पादन की औसत वृद्धि दर 10.14% थी, जिसमे 14.05 % वृद्धि अंतर्देशीय जलकृषि में रही और शेष 1.73 % वृद्धि समुन्द्री क्षेत्र में रही, भारत वर्तमान में विश्व में दूसरे नंबर का बड़ा मछली उत्पादक देश
है, यह जल कृषि उत्पादन और अंतर्देशीय कैप्चर मात्स्यिकी में भी दूसरे स्थान पर है


Conclusion:वर्ष 1950-51 के दौरान 29% के कुल मछली उत्पादन में अंतर्देशीय मछली उत्पादन का अंशदान था और 2017-18 में बढ़कर यह 71 फीसदी हो गया, देश में अंतर्देशीय मछली उत्पादन में आंध्र प्रदेश का उच्चतम स्थान (34.50 लाख टन) रिकॉर्ड किया गया, जबकि गुजरात समुद्री मछली उत्पादन में (7.01 लाख टन) अग्रणी राज्य रहा, तटीय राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों में 31.07.2019 को यथा स्थिति कुल पंजीकृत मत्स्यन जलयानो एवं मत्स्यन क्राफ्टों की सं. 2,69,047 थी

पिछले दिनों मछली और मछली उत्पादों के निर्यात में निरंतर वृद्धि होती रही है, निर्यात उत्पादों में विविधता के माध्यम से निर्यात की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, वर्ष 2017-18 के दौरान निर्यात किए गए मछली उत्पादों का परिणाम 13, 77, 243.70 टन था और उसका मुल्य 45, 106.90 करोड़ रुपये. वर्ष 2017-18 के दौरान समुन्द्री मछ्ली उत्पादों के निर्यात में 21.35% (मात्रात्मक) वृद्धि और 19.11 % (मूल्यत्मक) वृद्धि अभिलिखित की गई

गिरिराज सिंह ने कहा है की आगामी 5 वर्षों में मत्स्य पालन के क्षेत्र में हम 25000 करोड़ का निवेश करने जा रहे हैं. 2013-14 में fish प्रोडक्शन 34.43 लाख मीट्रिक टन था, 2017-18 में 36.88 लाख मीट्रिक टन हो गया मतलब 7.12 फीसदी की वृद्धि हुई
Last Updated : Oct 1, 2019, 7:00 AM IST
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