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जीआई टैग ने कश्मीरी 'केसर' को दी विशिष्ट पहचान : मोदी - Kashmiri Saffron unique identity

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 72वें संस्‍करण में अपने विचार साझा करते हुए कहा की कश्मीरी 'केसर' को जीआई टैग (भौगोलिक संकेतक) मिलने से उसे एक पहचान मिली है.

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Published : Dec 27, 2020, 1:38 PM IST

Updated : Dec 27, 2020, 2:59 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि कश्मीरी 'केसर' को जीआई टैग (भौगोलिक संकेतक) मिलने से उसे एक पहचान मिली है और केंद्र सरकार इसे वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय ब्रांड बनाने की मंशा रखती है. अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 72वें संस्‍करण में अपने विचार साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि अब कश्मीरी केसर का निर्यात बढ़ेगा तथा इससे 'आत्मनिर्भर भारत' बनाने के प्रयासों को और मजबूती मिलेगी.

कश्मीरी केसर को वैश्विक ब्रांड बनाने का लक्ष्य

मई महीने में कश्मीरी केसर को मिले जीआई टैग का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कश्मीर का केसर बहुत विशिष्ट है और दूसरे देशों के केसर से बिलकुल अलग है. कश्मीर के केसर को जीआई टैग से एक अलग पहचान मिली है. इसके जरिए हम कश्मीरी केसर को एक वैश्विक लोकप्रिय ब्रांड बनाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि केसर जम्मू और कश्मीर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करता है और यह सदियों से कश्मीर से जुड़ा हुआ है जो मुख्य रूप से पुलवामा, बडगाम और किश्तवाड़ जैसी जगहों पर उगाया जाता है.

इस केसर में औषधीय गुणवत्ता

जीआई टैग उन उत्पादों को मिलता है, जिनका एक विशिष्ट भौगोलिक मूल क्षेत्र होता है. जीआई टैग मिलना उस उत्पाद की गुणवत्ता और उसकी विशिष्टता को दर्शाता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि कश्मीरी केसर वैश्विक स्तर पर एक ऐसे मसाले के रूप में प्रसिद्ध है, जिसके कई प्रकार के औषधीय गुण हैं. उन्होंने कहा यह अत्यंत सुगन्धित होता है, इसका रंग गाढ़ा होता है और इसके धागे लंबे व मोटे होते हैं. यह इसकी औषधीय गुणवत्ता को बढ़ाते हैं.

पढ़ें :जम्मू-कश्मीर ने जीआई टैग के साथ यूएई के बाजार में कश्मीरी केसर उतारा

केसर उत्पादन में अब्दुल मजीद वानी का उदाहरण

प्रधानमंत्री ने बताया कि कश्मीरी केसर को जीआई टैग की पहचान मिलने के बाद दुबई के एक सुपर मार्केट में इसे लांच किया गया. उन्होंने कहा अब इसका निर्यात बढ़ने लगेगा. यह आत्मनिर्भर भारत बनाने के हमारे प्रयासों को और मजबूती देगा. मोदी ने कहा कि केसर के किसानों को इससे विशेष रूप से लाभ होगा. उन्होंने पुलवामा में त्राल के शार इलाके के रहने वाले अब्दुल मजीद वानी का उदाहरण दिया.

पम्पोर इलाका केसर की खेती के लिए विख्यात

उन्होंने कहा कि वाणी अपने जीआई टैग मिले केसर को केसर राष्ट्रीय मिशन (एनएमएस) की मदद से पाम्पोर के व्यापार केंद्र में ई-व्यापार के जरिए बेच रहे हैं और उनके जैसे कई लोग कश्मीर में यह काम कर रहे हैं. उन्होंने देशवासियों से आग्रह किया कि वे अगली बार जब भी केसर खरीदने का मन बनाएं तो कश्मीर का ही केसर खरीदने की सोचें. मोदी ने कहा कश्मीरी लोगों की गर्मजोशी ऐसी है कि वहां के केसर का स्वाद ही अलग होता है और पम्पोर इलाका केसर की खेती के लिए विख्यात है.

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि कश्मीरी 'केसर' को जीआई टैग (भौगोलिक संकेतक) मिलने से उसे एक पहचान मिली है और केंद्र सरकार इसे वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय ब्रांड बनाने की मंशा रखती है. अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 72वें संस्‍करण में अपने विचार साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि अब कश्मीरी केसर का निर्यात बढ़ेगा तथा इससे 'आत्मनिर्भर भारत' बनाने के प्रयासों को और मजबूती मिलेगी.

कश्मीरी केसर को वैश्विक ब्रांड बनाने का लक्ष्य

मई महीने में कश्मीरी केसर को मिले जीआई टैग का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कश्मीर का केसर बहुत विशिष्ट है और दूसरे देशों के केसर से बिलकुल अलग है. कश्मीर के केसर को जीआई टैग से एक अलग पहचान मिली है. इसके जरिए हम कश्मीरी केसर को एक वैश्विक लोकप्रिय ब्रांड बनाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि केसर जम्मू और कश्मीर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करता है और यह सदियों से कश्मीर से जुड़ा हुआ है जो मुख्य रूप से पुलवामा, बडगाम और किश्तवाड़ जैसी जगहों पर उगाया जाता है.

इस केसर में औषधीय गुणवत्ता

जीआई टैग उन उत्पादों को मिलता है, जिनका एक विशिष्ट भौगोलिक मूल क्षेत्र होता है. जीआई टैग मिलना उस उत्पाद की गुणवत्ता और उसकी विशिष्टता को दर्शाता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि कश्मीरी केसर वैश्विक स्तर पर एक ऐसे मसाले के रूप में प्रसिद्ध है, जिसके कई प्रकार के औषधीय गुण हैं. उन्होंने कहा यह अत्यंत सुगन्धित होता है, इसका रंग गाढ़ा होता है और इसके धागे लंबे व मोटे होते हैं. यह इसकी औषधीय गुणवत्ता को बढ़ाते हैं.

पढ़ें :जम्मू-कश्मीर ने जीआई टैग के साथ यूएई के बाजार में कश्मीरी केसर उतारा

केसर उत्पादन में अब्दुल मजीद वानी का उदाहरण

प्रधानमंत्री ने बताया कि कश्मीरी केसर को जीआई टैग की पहचान मिलने के बाद दुबई के एक सुपर मार्केट में इसे लांच किया गया. उन्होंने कहा अब इसका निर्यात बढ़ने लगेगा. यह आत्मनिर्भर भारत बनाने के हमारे प्रयासों को और मजबूती देगा. मोदी ने कहा कि केसर के किसानों को इससे विशेष रूप से लाभ होगा. उन्होंने पुलवामा में त्राल के शार इलाके के रहने वाले अब्दुल मजीद वानी का उदाहरण दिया.

पम्पोर इलाका केसर की खेती के लिए विख्यात

उन्होंने कहा कि वाणी अपने जीआई टैग मिले केसर को केसर राष्ट्रीय मिशन (एनएमएस) की मदद से पाम्पोर के व्यापार केंद्र में ई-व्यापार के जरिए बेच रहे हैं और उनके जैसे कई लोग कश्मीर में यह काम कर रहे हैं. उन्होंने देशवासियों से आग्रह किया कि वे अगली बार जब भी केसर खरीदने का मन बनाएं तो कश्मीर का ही केसर खरीदने की सोचें. मोदी ने कहा कश्मीरी लोगों की गर्मजोशी ऐसी है कि वहां के केसर का स्वाद ही अलग होता है और पम्पोर इलाका केसर की खेती के लिए विख्यात है.

Last Updated : Dec 27, 2020, 2:59 PM IST
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