नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने आज जम्मू कश्मीर मामले पर उच्चतम न्यायालय के आदेश की सराहना की है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय सरकार जम्मू कश्मीर के हालात ठीक नहीं करना चाहती है और इसी कारण से वह हर मुमकिन प्रयास में विलंब करते हैं, जोकि अब उच्चतम न्यायालय ने समझाया है.
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'जम्मू कश्मीर मामले को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट ने जो भी निर्णय लिया उसका हम स्वागत करते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को सभी पाबंदियों को एक हफ्ते में समीक्षा करने का निर्देश दिया है और सभी आदेशों को प्रकाशित करने के लिए भी कहा है. जनता में अगर किसी को इन आदेशों पर आपत्ति है तो वह अदालत का दरवाजा भी खटखटा सकती हैं.'
उन्होंने यह भी कहा कि अब भारतीय जनता पार्टी या केंद्र सरकार इस मामले से भाग नहीं सकती है क्योंकि इंटरनेट सेवाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बार नहीं बल्कि कई बार उल्लेख किया है और उसको लेकर सख्त आदेश भी दिए हैं.
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जम्मू कश्मीर के मौजूदा हालात के बारे में बताते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'मौजूदा हालात में विकास को लेकर जम्मू-कश्मीर 50 साल पीछे चला गया है. जम्मू कश्मीर से राज्य का विशेष दर्जा छिन लिया गया. उसके अलावा आर्थिक रूप से भी कश्मीर के साथ साथ जम्मू को भी काफी नुकसान हुआ है. कश्मीर में छोटे व्यापारी और पर्यटन पर निर्भर करने वाले लोग जैसे तांगे वाले, शिकारा वाले, उन पर भी इस फैसले का बहुत प्रभाव पड़ा है. जम्मू में यातायात से लेकर उद्योगों तक पर असर देखने को मिला है. इसीलिए राजनीतिक रूप के साथ-साथ आर्थिक रूप में भी जम्मू कश्मीर को बहुत नुकसान पहुंचा है.'
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह बात साफ तौर पर कहा है कि बेहद जरूरी हालात में है इंटरनेट सेवाओं को बंद किया जाए और धारा 144 को अनंत काल तक नहीं लगाया जा सकता है. इसी के साथ उच्चतम न्यायालय ने सरकार को तुरंत ई-बैंकिंग और ट्रेड सर्विसेज को शुरू करने के सख्त निर्देश भी दिए हैं.