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कश्मीर में इंटरनेट की सुविधा से पहले लोगों का जिन्दा रहना जरूरी: गुलाम नबी आजाद - Ghulam Nabi Azad on internet in JK

सुप्रीम कोर्ट से कश्मीर दौरे के लिए इजाजत मिलने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि बिजनेस और इंटरनेट की सेवाएं मिलने से ज्यादा वहां के लोगों का जिंदा रहना जरुरी है.. जानें उन्होंने और क्या कुछ कहा है....

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद
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Published : Sep 16, 2019, 6:54 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 8:50 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट से कश्मीर का दौरा करने के लिए इजाजत मिलने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने राज्य के लोगों के लिए चिंता जताते हुए कहा, 'बिजनेस और इंटरनेट की सेवाएं मिलने से ज्यादा वहां के लोगों का जिंदा रहना जरूरी है.'

बता दें कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 370 को हटाए जाने के खिलाफ उससे जुड़ी याचिकाओं पर अहम सुनवाई की जिसके तहत सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद को श्रीनगर, अनंतनाग, बारामूला और जम्मू जाने की इजाजत दे दी है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए गुलाम नबी आजाद

हालांकि इसी के साथ उन्हें किसी भी प्रकार की राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए मना किया गया है और वहां के मौजूदा हालात पर एक रिपोर्ट जारी करने को भी कहा गया है.

गुलाम नबी आजाद ने कहा कश्मीर में इंटरनेट की सुविधा से पहले लोगों का जिन्दा रहना जरूरी

पढ़ें: जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने प्रधानमंत्री से की मुलाकात

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'मैं सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद करना चाहता हुं. मैंने मानवीय आधार पर जाने की इजाजत मांगी है. मैं वहां के निचले तबके की परेशानियां सबके सामने लाना चाहता हूं.'

हाल ही में श्रीनगर लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला को भी घर में नजरबंद कर लिया गया है जिसका विरोध करते हुए आजाद ने कहा, 'बीजेपी के नेताओं को छोड़कर दूसरे दलों के नेताओं को नजरबंद किया जा रहा है. ऐसे समय में वहां के लोगों की आवाज कौन उठाएगा? इसी को लेकर मैंने सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे खटखटाए थे.'

मीडिया की खबरों को गलत बताते हुए आजाद ने कहा की उन्होंने अपने परिवार से मिलने के लिये सुप्रीम कोर्ट से अनुमती नहीं मांगी थी बल्कि वहां के मानवीय मुद्दो को उठाने के लिये जम्मू कश्मीर जाना चाहते थे. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के जम्मू कश्मीर जाने की इच्छा को सराहते हुए उन्होनें कहा की देश के हर नेता को उनके इस निर्णय का स्वागत करना चाहिए.

पढ़ें: फारूक अब्दुल्ला PSA के तहत हिरासत में लिए गए

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद को तीन बार राज्य का दौरा करने से रोका गया था. अनुच्छेद 370 को सरकार द्वारा खारिज किये जाने के बाद राज्य के मौजूदा हालात को जानने के लिये उन्होनें जम्मू कश्मीर का दौरा करने की कोशिश की थी जिसके लिये उन्हें प्रशाशन से इजाजत नहीं मिलने के कारण एअरपोर्ट से ही वापस भेज दिया गया था.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट से कश्मीर का दौरा करने के लिए इजाजत मिलने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने राज्य के लोगों के लिए चिंता जताते हुए कहा, 'बिजनेस और इंटरनेट की सेवाएं मिलने से ज्यादा वहां के लोगों का जिंदा रहना जरूरी है.'

बता दें कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 370 को हटाए जाने के खिलाफ उससे जुड़ी याचिकाओं पर अहम सुनवाई की जिसके तहत सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद को श्रीनगर, अनंतनाग, बारामूला और जम्मू जाने की इजाजत दे दी है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए गुलाम नबी आजाद

हालांकि इसी के साथ उन्हें किसी भी प्रकार की राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए मना किया गया है और वहां के मौजूदा हालात पर एक रिपोर्ट जारी करने को भी कहा गया है.

गुलाम नबी आजाद ने कहा कश्मीर में इंटरनेट की सुविधा से पहले लोगों का जिन्दा रहना जरूरी

पढ़ें: जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने प्रधानमंत्री से की मुलाकात

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'मैं सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद करना चाहता हुं. मैंने मानवीय आधार पर जाने की इजाजत मांगी है. मैं वहां के निचले तबके की परेशानियां सबके सामने लाना चाहता हूं.'

हाल ही में श्रीनगर लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला को भी घर में नजरबंद कर लिया गया है जिसका विरोध करते हुए आजाद ने कहा, 'बीजेपी के नेताओं को छोड़कर दूसरे दलों के नेताओं को नजरबंद किया जा रहा है. ऐसे समय में वहां के लोगों की आवाज कौन उठाएगा? इसी को लेकर मैंने सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे खटखटाए थे.'

मीडिया की खबरों को गलत बताते हुए आजाद ने कहा की उन्होंने अपने परिवार से मिलने के लिये सुप्रीम कोर्ट से अनुमती नहीं मांगी थी बल्कि वहां के मानवीय मुद्दो को उठाने के लिये जम्मू कश्मीर जाना चाहते थे. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के जम्मू कश्मीर जाने की इच्छा को सराहते हुए उन्होनें कहा की देश के हर नेता को उनके इस निर्णय का स्वागत करना चाहिए.

पढ़ें: फारूक अब्दुल्ला PSA के तहत हिरासत में लिए गए

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद को तीन बार राज्य का दौरा करने से रोका गया था. अनुच्छेद 370 को सरकार द्वारा खारिज किये जाने के बाद राज्य के मौजूदा हालात को जानने के लिये उन्होनें जम्मू कश्मीर का दौरा करने की कोशिश की थी जिसके लिये उन्हें प्रशाशन से इजाजत नहीं मिलने के कारण एअरपोर्ट से ही वापस भेज दिया गया था.

Intro:नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट से कश्मीर का दौरा करने के लिए इजाजत मिलने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने राज्य के लोगों के लिए चिंता जताते हुए कहा, "बिजनेस और इंटरनेट की सेवाएं मिलने से ज्यादा वहां के लोगों का जिंदा रहना जरूरी है।"


Body:बता दें कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 370 को हटाए जाने के खिलाफ उससे जुड़ी याचिकाओं पर अहम सुनवाई की जिसके तहत सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद को श्रीनगर, अनंतनाग, बारामूला और जम्मू जाने की इजाजत दे दी है। हालांकि इसी के साथ उन्हें किसी भी प्रकार की राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए मना किया गया है और वहां के मौजूदा हालात पर एक रिपोर्ट जारी करने को भी कहा गया है।

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान गुलाम नबी आजाद ने कहा, "मैं सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद करना चाहता हुँ। मैंने मानवीय आधार पर जाने की इजाजत मांगी है। मैं वहां के निचले तब को की परेशानियां सबके सामने लाना चाहता हूं।"

हाल ही में श्रीनगर लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला को भी घर में नजरबंद कर लिया गया है जिसका विरोध करते हुए आज़ाद ने कहा, "बीजेपी के नेताओं को छोड़कर दूसरे दलों के नेताओं को नजरबंद किया जा रहा है। ऐसे समय में वहां के लोगों की आवाज कौन उठाएगा? इसी को लेकर मैंने सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे खटखटाए थे।"

मीडिया की खबरों को गलत बताते हुए आजाद ने कहा की उन्होंने अपने परिवार से मिलने के लिये सुप्रीम कोर्ट से अनुमती नहीं मांगी थी बल्कि वहाँ के मानवीय मुद्दो को उठाने के लिये जम्मू कश्मीर जाना चाहते थे। चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई के जम्मू कश्मीर जाने की इच्छा को सराहते हुए उन्होनें कहा की देश के हर नेता को उनके इस निर्णय का स्वागत करना चाहिए।


Conclusion:गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद को तीन बार राज्य का दौरा करने से रोका गया था। अनुच्छेद 370 को सरकार द्वारा खारिज किये जाने के बाद राज्य के मौजूदा हालात को जानने के लिये उन्होनें जम्मू कश्मीर का दौरा करने की कोशिश की थी जिसके लिये उन्हें प्रशाशन से इजाजत नहीं मिलने के कारण एअरपोर्ट से ही वापस भेज दिया गया था।
Last Updated : Sep 30, 2019, 8:50 PM IST
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