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जम्मू कश्मीर जाने की अनुमति के लिए आजाद ने SC में दायर की याचिका - उच्चतम न्यायालय

जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया गया है. प्रदेश में शांति को महौल बनाने के लिए कई नेताओं को राज्य में आने के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था. जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता गुलाम नबी ने अपने गृह प्रदेश जाने की अनुमति के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है.

गुलाम नबी आजाद( फाइल फोटो)
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Published : Sep 16, 2019, 8:18 AM IST

Updated : Sep 30, 2019, 7:03 PM IST

नई दिल्लीः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद से उन्हें जम्मू कश्मीर जाने की अनुमति नहीं हैं. गुलाम ने अपने परिवार के सदस्यों का हालचाल जानने के लिए गृह प्रदेश जम्मू कश्मीर जाना चाहते हैं लेकिन उन्हें सरकार की तरफ से अनुमति नहीं है. नबी ने प्रदेश जाने की अनुमति के लिए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की और कहा कि यह याचिका व्यक्तिगत है न कि राजनीतिक है.

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री आजाद की याचिका पर प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगाई, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ सोमवार को सुनवाई करेगी.

आजाद ने अपने परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों से मिलने के लिए शीर्ष अदालत से अनुमति मांगी है. जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटाये जाने के बाद उन्होंने अपने गृह राज्य जाने का प्रयास किया था लेकिन अधिकारियों ने उन्हें हवाई अड्डे से ही वापस भेज दिया था.

उच्चतम न्यायालय तय करेगा मामला
शीर्ष अदालत में दायर अपनी याचिका में उन्होंने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाये जाने के बाद, अधिकारियों द्वारा लागू पाबंदियों के बाद, राज्य की सामाजिक स्थितियों की जांच करने की भी अनुमति मांगी है. अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाये जाने का समर्थन करने के संबंध में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने बयान दिया था, उनके बयान पर आजाद ने कहा कि यह एक कानून बनाया गया है. मामला राजनेताओं के हाथ में नहीं है. उच्चतम न्यायालय तय करेगा.

पढ़ेंः जम्मू-कश्मीर पर अपना फैसला वापस ले मोदी सरकार : गुलाम नबी आजाद

याचिका व्यक्तिगत न कि कांग्रेस की
उन्होंने कहा कि हालांकि कांग्रेस ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाये जाने के खिलाफ कड़ा रूख अपनाया है. उन्होंने कहा कि मीडिया को शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित उनकी याचिका का विश्लेषण नहीं करना चाहिए. आजाद ने कहा, 'मैंने अपनी व्यक्तिगत क्षमता के आधार पर याचिका दायर की है न कि कांग्रेस की ओर से. इसका राजनीति से कोई लेना देना नहीं है और यह पूरी तरह से मानवीय आधार पर है. मैंने तीन बार अपने गृह राज्य जाने का प्रयास किया लेकिन मुझे अनुमति नहीं दी गई.'

विपक्ष के कई नेताओं ने मांगी है अनुमति
कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत विपक्ष के कई नेताओं ने जम्मू कश्मीर जाने की अनुमति मांगी थी लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई थी और उन्हें हवाई अड्डे से ही वापस भेज दिया गया था.
माकपा के नेता सीताराम येचुरी ने अपनी पार्टी के बीमार सहयोगी मोहम्मद यूसुफ तारिगामी का हालचाल जानने के लिए शीर्ष अदालत का रुख किया था और उन्हें कुछ शर्तों के साथ यात्रा करने की अनुमति दे दी गई थी.

पढ़ेंः हरियाणा चुनाव से पहले कांग्रेस में कई बड़े नेता शामिल, जानें पूरा विवरण

महबूबा से मिलने की मिली अनुमति
उच्चतम न्यायालय ने जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किये जाने के बाद नजरबंद राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा को अपनी मां से मुलाकात करने की पांच सितम्बर को अनुमति दे दी थी.

नई दिल्लीः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद से उन्हें जम्मू कश्मीर जाने की अनुमति नहीं हैं. गुलाम ने अपने परिवार के सदस्यों का हालचाल जानने के लिए गृह प्रदेश जम्मू कश्मीर जाना चाहते हैं लेकिन उन्हें सरकार की तरफ से अनुमति नहीं है. नबी ने प्रदेश जाने की अनुमति के लिए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की और कहा कि यह याचिका व्यक्तिगत है न कि राजनीतिक है.

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री आजाद की याचिका पर प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगाई, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ सोमवार को सुनवाई करेगी.

आजाद ने अपने परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों से मिलने के लिए शीर्ष अदालत से अनुमति मांगी है. जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटाये जाने के बाद उन्होंने अपने गृह राज्य जाने का प्रयास किया था लेकिन अधिकारियों ने उन्हें हवाई अड्डे से ही वापस भेज दिया था.

उच्चतम न्यायालय तय करेगा मामला
शीर्ष अदालत में दायर अपनी याचिका में उन्होंने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाये जाने के बाद, अधिकारियों द्वारा लागू पाबंदियों के बाद, राज्य की सामाजिक स्थितियों की जांच करने की भी अनुमति मांगी है. अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाये जाने का समर्थन करने के संबंध में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने बयान दिया था, उनके बयान पर आजाद ने कहा कि यह एक कानून बनाया गया है. मामला राजनेताओं के हाथ में नहीं है. उच्चतम न्यायालय तय करेगा.

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याचिका व्यक्तिगत न कि कांग्रेस की
उन्होंने कहा कि हालांकि कांग्रेस ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाये जाने के खिलाफ कड़ा रूख अपनाया है. उन्होंने कहा कि मीडिया को शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित उनकी याचिका का विश्लेषण नहीं करना चाहिए. आजाद ने कहा, 'मैंने अपनी व्यक्तिगत क्षमता के आधार पर याचिका दायर की है न कि कांग्रेस की ओर से. इसका राजनीति से कोई लेना देना नहीं है और यह पूरी तरह से मानवीय आधार पर है. मैंने तीन बार अपने गृह राज्य जाने का प्रयास किया लेकिन मुझे अनुमति नहीं दी गई.'

विपक्ष के कई नेताओं ने मांगी है अनुमति
कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत विपक्ष के कई नेताओं ने जम्मू कश्मीर जाने की अनुमति मांगी थी लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई थी और उन्हें हवाई अड्डे से ही वापस भेज दिया गया था.
माकपा के नेता सीताराम येचुरी ने अपनी पार्टी के बीमार सहयोगी मोहम्मद यूसुफ तारिगामी का हालचाल जानने के लिए शीर्ष अदालत का रुख किया था और उन्हें कुछ शर्तों के साथ यात्रा करने की अनुमति दे दी गई थी.

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महबूबा से मिलने की मिली अनुमति
उच्चतम न्यायालय ने जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किये जाने के बाद नजरबंद राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा को अपनी मां से मुलाकात करने की पांच सितम्बर को अनुमति दे दी थी.

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SC-KASHMIR-LD AZAD
Former J&K CM Ghulam Nabi Azad moves SC to visit his home state
(Eds: Adding Azad's comment)
         New Delhi, Sep 15 (PTI) Senior Congress leader and former Jammu and Kashmir chief minister Ghulam Nabi Azad has moved the Supreme Court seeking permission to visit his home state to enquire about the well being of his family members.
         Azad said he has filed the petition in his personal capacity and it is apolitical.
         His plea is scheduled to be taken up by a bench of Chief Justice Ranjan Gogoi and Justices S A Bobde and S Abdul Nazeer on Monday.
         The senior congress leader has also sought a nod from the top court to visit his family members and relatives.
          He had tried to visit the state after the abrogation of Jammu and Kashmir's special status but was sent back from the airport by authorities.
         On former Haryana chief minister's Bhupinder Singh Hooda statement supporting abrogation of provisions of Article 370 which was at variance with the party's stand, Azad said, "A law has been made. The matter is not in the hands of politicians any more. The Supreme Court will decide".
         While the Congress had taken a strong position against the abrogation, Azad said the media should not analyse his petition pending before the top court.
         "I have filed the petition in my personal capacity, not on behalf of the Congress. It has nothing do with politics and is based purely on humanitarian grounds. I tried thrice to go to my home state but was refused permission. Almost one-third of Kashmiri people are lakhs who do labour to earn their daily livelihood and nobody is bothered to know how are they surviving.
         "I have expressed concern about the plight of those people on humanitarian basis, being a native, and as a member of Parliament from Jammu and Kashmir. It has been 42 days...What are they eating, drinking and how are they surviving, this is a question to the state government, the central government and to the media as well," he said.
         In his petition before the top court, he has also sought permission to check on social conditions in the state after the clampdown imposed by the authorities in the aftermath of the revocation of provisions of Article 370.
         Several opposition leaders, including Congress leader Rahul Gandhi, had sought to visit Jammu and Kashmir, but were not allowed to do so and were sent back from the airport itself.
         CPI(M) leader Sitaram Yechury had moved the apex court to see his ailing party colleague Mohammed Yousuf Tarigami, which allowed him to pay a visit but with certain conditions.
         The top court had on September 5, allowed former Jammu and Kashmir chief minister Mehbooba Mufti's daughter Iltija to meet her in Kashmir, where she is under detention following the revocation of the state's special status.
          The apex court had allowed Iltija to meet her mother in private but said that as far as moving around in other parts of Srinagar goes, she can do so subject to the permission from district authorities. PTI SKC PLB MNL
AAR
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NNNN
Last Updated : Sep 30, 2019, 7:03 PM IST
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