नई दिल्लीः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद से उन्हें जम्मू कश्मीर जाने की अनुमति नहीं हैं. गुलाम ने अपने परिवार के सदस्यों का हालचाल जानने के लिए गृह प्रदेश जम्मू कश्मीर जाना चाहते हैं लेकिन उन्हें सरकार की तरफ से अनुमति नहीं है. नबी ने प्रदेश जाने की अनुमति के लिए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की और कहा कि यह याचिका व्यक्तिगत है न कि राजनीतिक है.
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री आजाद की याचिका पर प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगाई, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ सोमवार को सुनवाई करेगी.
आजाद ने अपने परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों से मिलने के लिए शीर्ष अदालत से अनुमति मांगी है. जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटाये जाने के बाद उन्होंने अपने गृह राज्य जाने का प्रयास किया था लेकिन अधिकारियों ने उन्हें हवाई अड्डे से ही वापस भेज दिया था.
उच्चतम न्यायालय तय करेगा मामला
शीर्ष अदालत में दायर अपनी याचिका में उन्होंने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाये जाने के बाद, अधिकारियों द्वारा लागू पाबंदियों के बाद, राज्य की सामाजिक स्थितियों की जांच करने की भी अनुमति मांगी है. अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाये जाने का समर्थन करने के संबंध में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने बयान दिया था, उनके बयान पर आजाद ने कहा कि यह एक कानून बनाया गया है. मामला राजनेताओं के हाथ में नहीं है. उच्चतम न्यायालय तय करेगा.
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याचिका व्यक्तिगत न कि कांग्रेस की
उन्होंने कहा कि हालांकि कांग्रेस ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाये जाने के खिलाफ कड़ा रूख अपनाया है. उन्होंने कहा कि मीडिया को शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित उनकी याचिका का विश्लेषण नहीं करना चाहिए. आजाद ने कहा, 'मैंने अपनी व्यक्तिगत क्षमता के आधार पर याचिका दायर की है न कि कांग्रेस की ओर से. इसका राजनीति से कोई लेना देना नहीं है और यह पूरी तरह से मानवीय आधार पर है. मैंने तीन बार अपने गृह राज्य जाने का प्रयास किया लेकिन मुझे अनुमति नहीं दी गई.'
विपक्ष के कई नेताओं ने मांगी है अनुमति
कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत विपक्ष के कई नेताओं ने जम्मू कश्मीर जाने की अनुमति मांगी थी लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई थी और उन्हें हवाई अड्डे से ही वापस भेज दिया गया था.
माकपा के नेता सीताराम येचुरी ने अपनी पार्टी के बीमार सहयोगी मोहम्मद यूसुफ तारिगामी का हालचाल जानने के लिए शीर्ष अदालत का रुख किया था और उन्हें कुछ शर्तों के साथ यात्रा करने की अनुमति दे दी गई थी.
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महबूबा से मिलने की मिली अनुमति
उच्चतम न्यायालय ने जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किये जाने के बाद नजरबंद राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा को अपनी मां से मुलाकात करने की पांच सितम्बर को अनुमति दे दी थी.