नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल शुक्रवार को द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच कश्मीर की मौजूदा स्थिति और यूरोपीय यूनियन के संसदीय प्रतिनिधिमंडल की कश्मीर यात्रा से संबंधित बातचीत होने की संभावना है.
जर्मनी चाहता है कि घाटी में जल्द से जल्द प्रतिबंध हटाये जाएं. इसी क्रम में पिछले महीने यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख फेडरिका मोघेरिनी ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात के दौरान उन्हें कश्मीर पर अपनी आधिकारिक स्थिति से अवगत कराया था.
एंजेला के दौरे से पहले भारत में जर्मनी के राजदूत वाल्टर जे लिंडनर ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि उनकी यात्रा से बहुत सकारात्मक उम्मीद है. मोदी और मर्केल दोनों के गहरे संबंध हैं. दोनों नेता एक दूसरे को समझते हैं. पिछले 15 महीनों में दोनों की यह पांचवीं बैठक होगी. इसलिए बैठक से एक अच्छी उम्मीदें हैं.
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भारत ने अपने राजनयिक स्रोतों के माध्यम से जर्मनी और यूरोपीय संघ के अन्य देशों के सामने कश्मीर में स्थिति और उसे विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द करने पर अपना आधिकारिक रुख स्पष्ट किया है.
जर्मन राजनयिक ने कहा, 'मोदी और मर्केल दोनों के गहरे संबंध हैं. इसलिए कोई भी विषय आ सकता है और वे किसी भी मुद्दे पर बात कर सकते हैं.'
वैसे मर्केल की शुक्रवार को प्रस्तावित भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच लगभग 20 समझौतों पर हस्ताक्षर होने के आसार हैं.
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मर्केल पांचवें द्विवार्षिक अंतर सरकारी परामर्श (आईजीसी) के हिस्से के रूप में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत करेंगी. इस दौरान उनके साथ कई मंत्री और 13 कारोबारी प्रतिनिधि भी होंगे.
इस दौरान दोनों देशों के बीच कृषि, हरित शहरी गतिशीलता, आयुर्वेद और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के क्षेत्रों में समझौते होने की संभावना है.
जर्मन राजनयिक सूत्रों ने बताया कि गुरुवार देर रात अपने मंत्रियों के साथ भारत पहुंचने पर मर्केल आईजीसी प्रारूप में शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी के साथ बातचीत करेंगी, जिसके बाद दोनों पक्ष कई समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे.
मर्केल शनिवार को गुरुग्राम में एक बड़ी जर्मन ऑटोमोबाइल कम्पनी का दौरा करेंगी, जिसके पूरे भारत में 15 केंद्र हैं. वह स्वदेश लौटने से पहले शनिवार को पीएम मोदी के साथ एक मेट्रो स्टेशन भी जाएंगी.
यह मेट्रो स्टेशन सौर पैनलों से सुसज्जित है, जो इस दिशा में स्मार्ट शहरों को स्थापित करने की आवश्यकता पर भी बल देता है.
जर्मन राजदूत वाल्टर जे. लिंडनर ने इस यात्रा के बारे में मीडिया को बताया कि शुक्रवार को द्विपक्षीय वार्ता के बाद मर्केल एक महिला प्रतिनिधिमंडल के साथ मिलेंगी, जिसमें वकील व व्यापारी के साथ ही ऐसे व्यक्तित्व शामिल होंगे, जिन्होंने अपने संबंधित क्षेत्रों में पहचान बनाई है.
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मर्केल के साथ उनकी सरकार के कई मंत्रियों और राज्य सचिवों के साथ-साथ एक उच्चस्तरीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल भी होगा. आईजीसी प्रारूप के तहत दोनों देशों के समकक्ष मंत्री अपने-अपने क्षेत्रों से संबंधित प्रारंभिक चर्चा में भाग लेंगे.
विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि मोदी व मर्केल दोनों देशों के व्यापारिक नेताओं व सीईओ के साथ अलग-अलग मुलाकात करेंगे. मर्केल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मुलाकात करेंगी.
भारत और जर्मनी ने चूंकि एक रणनीतिक साझेदारी स्थापित की है, लिहाजा मोदी व मर्केल आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मामलों पर भी विचारों का आदान-प्रदान करेंगे.