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चंद्रयान में विराजे लालबाग के राजा, मुंबई समेत पूरे देश में गणपति बप्पा मोरया की धूम

देश भर में धूमधाम से गणेश चतुर्थी मनाई जा रही है. मुंबई में भी गणेशोत्सव को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है. यहां भगवान गणेश के अद्भुत रूप 'लालबाग के राजा' के दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. इस बार लालबाग के राजा चंद्रयान में विराजमान हैं, क्योंकि 'लालबाग के राजा' पंडाल का थीम चंद्रयान है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Sep 2, 2019, 11:27 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 5:47 AM IST

मुंबई: गणपति बप्पा मोरया के उद्घोष के साथ देश भर में गणेश उत्सव मनाया जा रहा है, लेकिन जो बात महाराष्ट्र के गणेश उत्सव की है, वह कहीं नहीं है. इसमें में भी मुम्बई के 'लालबाग के राजा' की शान के तो क्या कहने.

इस बार 'लालबाग के राजा' चंद्रयान पर सवार हो गए हैं. जी हां. 'लालबाग के राजा' का पंडाल अंतरिक्ष मिशन चंद्रयान-2 की थीम पर सजा है. ऐसा लगता है मानो 'लालबाग के राजा' खुद इस मिशन पर निकल पड़े हैं. यही नहीं उनके साथ दो अंतरिक्ष यात्री भी हैं, जो इस मिशन में उनका साथ देंगे.

देखें स्पेशल रिपोर्ट


इस थीम को देखने के बाद पूरा पंडाल 'गणपति बप्पा मोरया' के उद्घोष से गूंज उठता है. इस थीम को तैयार करने वाले प्रसिद्ध कला दिग्दर्शक नितिन देसाई हैं. ईटीवी भारत संवाददाता ने उनसे खास बातचीत की.

नितिन देसाई ने बताया कि मिशन चंद्रयान-2 भारत की सबसे बड़ी उपलब्धि है, इसलिए इस थीम को बनाया गया है ताकि आने वाले लोगों को देश की प्रगति के बारे में जानकारी हासिल हो सके. कला दिग्दर्शक नितिन देसाई ने बताया कि लोगों का मानना है कि 'लालबाग के राजा' का आशीर्वाद इस पूरे मिशन को प्राप्त है और यह मिशन जरूर सफल होगा.

1934 में हुई स्थापना
गणेशोत्सव में सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाले मुंबई के लालबाग के राजा हैं. यह दक्षिण मुंबई में स्थित गणेश पंडालों में सबसे प्रसिद्ध पंडाल है. लालबाग के राजा गणेशोत्सव मंडल की स्थापना वर्ष 1934 में हुई थी, जो मुंबई के लालबाग, परेल इलाके में है.

पढ़ेंः 250 साल पहले अमरावती से आया था परिवार, 91 साल से बनारस में मना रहे गणपति महोत्सव


बड़े-बड़े सेलिब्रिटी दर्शन को आते हैं
दस दिन के इस महोत्सव में लाखों लोग दर्शन के लिए आते हैं. यही नहीं बड़े-बड़े सेलिब्रिटी भी यहां सर झुकाते हैं. इस प्रसिद्ध गणपति को नवसाचा गणपति के नाम से भी जाना जाता है, जिसका मतलब होता है इच्छाओं की पूर्ति करने वाले.

पढ़ेंः गणेश चतुर्थी स्पेशल: पूरे देश में नहीं है राजसमंद के इस मंदिर जैसी प्रतिमा
स्वतंत्रता संग्राम में गणेशोत्सव को बनाया गया माध्यम
'लालबाग के राजा' गणेशोत्सव मंडल का गठन उस समय हुआ, जब स्वतंत्रता संग्राम अपने चरम पर था. लोकमान्य तिलक ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए इस गणेशोत्सव को माध्यम बनाया. यहां धार्मिक विचारों के अलावा स्वतंत्रता संग्राम और सामाजिक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाता था.

मुंबई: गणपति बप्पा मोरया के उद्घोष के साथ देश भर में गणेश उत्सव मनाया जा रहा है, लेकिन जो बात महाराष्ट्र के गणेश उत्सव की है, वह कहीं नहीं है. इसमें में भी मुम्बई के 'लालबाग के राजा' की शान के तो क्या कहने.

इस बार 'लालबाग के राजा' चंद्रयान पर सवार हो गए हैं. जी हां. 'लालबाग के राजा' का पंडाल अंतरिक्ष मिशन चंद्रयान-2 की थीम पर सजा है. ऐसा लगता है मानो 'लालबाग के राजा' खुद इस मिशन पर निकल पड़े हैं. यही नहीं उनके साथ दो अंतरिक्ष यात्री भी हैं, जो इस मिशन में उनका साथ देंगे.

देखें स्पेशल रिपोर्ट


इस थीम को देखने के बाद पूरा पंडाल 'गणपति बप्पा मोरया' के उद्घोष से गूंज उठता है. इस थीम को तैयार करने वाले प्रसिद्ध कला दिग्दर्शक नितिन देसाई हैं. ईटीवी भारत संवाददाता ने उनसे खास बातचीत की.

नितिन देसाई ने बताया कि मिशन चंद्रयान-2 भारत की सबसे बड़ी उपलब्धि है, इसलिए इस थीम को बनाया गया है ताकि आने वाले लोगों को देश की प्रगति के बारे में जानकारी हासिल हो सके. कला दिग्दर्शक नितिन देसाई ने बताया कि लोगों का मानना है कि 'लालबाग के राजा' का आशीर्वाद इस पूरे मिशन को प्राप्त है और यह मिशन जरूर सफल होगा.

1934 में हुई स्थापना
गणेशोत्सव में सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाले मुंबई के लालबाग के राजा हैं. यह दक्षिण मुंबई में स्थित गणेश पंडालों में सबसे प्रसिद्ध पंडाल है. लालबाग के राजा गणेशोत्सव मंडल की स्थापना वर्ष 1934 में हुई थी, जो मुंबई के लालबाग, परेल इलाके में है.

पढ़ेंः 250 साल पहले अमरावती से आया था परिवार, 91 साल से बनारस में मना रहे गणपति महोत्सव


बड़े-बड़े सेलिब्रिटी दर्शन को आते हैं
दस दिन के इस महोत्सव में लाखों लोग दर्शन के लिए आते हैं. यही नहीं बड़े-बड़े सेलिब्रिटी भी यहां सर झुकाते हैं. इस प्रसिद्ध गणपति को नवसाचा गणपति के नाम से भी जाना जाता है, जिसका मतलब होता है इच्छाओं की पूर्ति करने वाले.

पढ़ेंः गणेश चतुर्थी स्पेशल: पूरे देश में नहीं है राजसमंद के इस मंदिर जैसी प्रतिमा
स्वतंत्रता संग्राम में गणेशोत्सव को बनाया गया माध्यम
'लालबाग के राजा' गणेशोत्सव मंडल का गठन उस समय हुआ, जब स्वतंत्रता संग्राम अपने चरम पर था. लोकमान्य तिलक ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए इस गणेशोत्सव को माध्यम बनाया. यहां धार्मिक विचारों के अलावा स्वतंत्रता संग्राम और सामाजिक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाता था.

Intro:मुंबईतील प्रसिद्ध लालबागच्या राजाचा मुखदर्शन सोहळा आज पार पडला. यावर्षी लालबागचा राजा मंडळ कोणती कलाकृती साकारणार? याकडे सर्वांचे लक्ष लागले होते. मुख दर्शनाचा पडदा खुलताच एकच जल्लोष झाला. चंद्रयान 2 या मोहिमेच्या कलाकृतीचे दर्शन उपस्थितांना घडले. ही कलाकृती प्रसिद्ध कलादिग्दर्शक नितीन देसाई यांनी साकारली आहे. त्यांच्याशी आमचे प्रतिनिधी अक्षय गायकवाड यांनी केलेली खास बातचीत..Body:इस्त्रोने अवकाशात 'चांद्रयान २' सोडले आणि ते चंद्राच्या कक्षेत प्रदक्षिणा घालत आहे, यामुळे जगात भारताची मान उंचावली आहे, असे नितीन देसाई म्हणाले.
चांद्रयान २ चा लँडर 'विक्रम' ७ सप्टेंबरला पहाटे चांद्रभूमीवर साँफ्ट लँडिंग करेल. हे भारताचे मोठं यश असेल, म्हणूनच याबाबत देखावा साकारण्याची कल्पना सुचली, अशी माहिती देसाई यांनी दिली. येणाऱ्या भाविकांना आपल्या देशाने केलेल्या प्रगतिची माहितीही मिळेल, असे देसाई म्हणाले.Conclusion:
Last Updated : Sep 29, 2019, 5:47 AM IST
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