नागपुर : कृषि कार्यकर्ता एवं हाल ही में शिवसेना में शामिल हुए किशोर तिवारी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत से अपील की है कि वह महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच चल रहे सत्ता संघर्ष को सुलझाने की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को सौंपें.
मोहन भागवत को लिखे पत्र में तिवारी ने कहा कि आरएसएस प्रमुख को इस स्थिति का गंभीरता से संज्ञान लेना चाहिए और महाराष्ट्र में सरकार गठन में गतिरोध दूर करने के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए.
तिवारी ने कहा कि लोग इस मुद्दे पर संघ की 'चुप्पी' से चिंतित हैं. भागवत को लिखे गये पत्र के बारे में सवाल पर उन्होंने कहा, 'गडकरी दो घंटे के अंदर इस स्थिति का समाधान करने में कामयाब होंगे.'
उन्होंने दावा किया कि भाजपा गडकरी को हाशिये पर डाल रही है. यदि पार्टी या अमित शाह गडकरी को हस्तक्षेप के लिए अधिकृत करते हैं तो वह दो घंटे में गतिरोध दूर कर सकते हैं.
गैर सरकारी संगठन विदर्भ जन आंदोलन समिति के संस्थापक तिवारी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले पाला बदलकर भाजपा से शिवसेना मे आ गये थे.
इस गैर सरकारी संगठन ने महाराष्ट्र में खासकर विदर्भ में किसानों द्वारा बड़े पैमाने पर आत्महत्या करने के विषय को प्रमुखता से सामने रखा था.
गौरतलब है कि भाजपा और शिवसेना मुख्यमंत्री का पद साझा करने को लेकर एक दूसरे से उलझी हुई हैं.
उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना ने दोनों दलों के लिए ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद की मांग की है, जिसे भाजपा ने सिरे से खारिज कर दिया है.
पढ़ें - महाराष्ट्र में सरकार गठन पर बोले फडणवीस - वेट एंड वाच
इसी क्रम में शिवसेना के सांसद संजय राउत कई बार कह चुके हैं कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री उनके दल का ही होगा.
महाराष्ट्र में सरकार गठन की कवायद के बीच ही सोमवार को नयी दिल्ली और मुंबई में कई उच्चस्तरीय बैठकें हुईं थीं, लेकिन 11 दिनों से जारी गतिरोध दूर होने के कोई संकेत नहीं मिले.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) शरद पवार ने सोमवार को ही नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी जबकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी गृहमंत्री अमित शाह सहित पार्टी के कुछ शीर्ष नेताओं से भेंट की थी.